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Dussehra 2025: इन 3 मुस्लिम देशों में भी होती है रावण दहन और ‘जय श्री राम’ की गूंज

Published On: October 2, 2025
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Dussehra 2025: इन 3 मुस्लिम देशों में भी होती है रावण दहन और 'जय श्री राम' की गूंज
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Dussehra 2025: दशहरा, जिसे विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पूरे देश में अपार श्रद्धा, उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार उस ऐतिहासिक दिन की याद दिलाता है जब भगवान श्री राम ने अहंकारी रावण का वध कर धरती को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की, असत्य पर सत्य की और अंधकार पर प्रकाश की शाश्वत विजय का प्रतीक है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि राम-रावण के युद्ध और अच्छाई की इस जीत का जश्न सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसे देशों में भी मनाया जाता है जहाँ मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है? आइए, आज उन देशों के बारे में जानते हैं जहाँ दशहरा का त्योहार मनाया जाता है।

1. पाकिस्तान में दशहरा

यह जानकर शायद आपको हैरानी हो, लेकिन इस लिस्ट में पहला नाम हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान का है। दशहरे का त्योहार उन देशों में भी उत्साह से मनाया जाता है जहाँ एक बड़ा हिंदू समुदाय रहता है। पाकिस्तान के सिंध जैसे कई इलाकों में, जहाँ एक बड़ी हिंदू आबादी रहती है, दशहरे का त्योहार पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इन जगहों पर भव्य रामलीला का मंचन होता है, मंदिरों में विशेष प्रार्थना सभाएं होती हैं और शाम को रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

2. बांग्लादेश में दुर्गा पूजा का विजयोत्सव

बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन यहाँ का हिंदू समुदाय दुर्गा पूजा का पर्व बहुत धूमधाम से मनाता है। यहाँ दशहरा, दुर्गा पूजा के भव्य समापन के रूप में मनाया जाता है, जिसे ‘विजय दशमी’ कहते हैं। इस दिन, देवी दुर्गा की विशाल मूर्तियों को भव्य जुलूसों के साथ नदियों और तालाबों में विसर्जित किया जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की राक्षस महिषासुर पर हुई विजय का प्रतीक है। यह कहानी भी भारत में मनाए जा रहे दशहरे के संदेश से पूरी तरह मेल खाती है कि अंत में अच्छाई हमेशा बुराई पर भारी पड़ती है।

3. इंडोनेशिया में रामायण की सांस्कृतिक विरासत

इंडोनेशिया, दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश होने के बावजूद, अपनी जड़ों में रामायण और महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्यों से गहरा सांस्कृतिक संबंध रखता है। यहाँ के बाली और जावा जैसे द्वीपों में दशहरा एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर यहाँ विश्व-प्रसिद्ध रामलीला का मंचन होता है और रावण के वध के दृश्य को बड़ी भव्यता के साथ प्रस्तुत किया जाता है। इस दिन यहाँ पारंपरिक नृत्य-नाटक, मनमोहक कठपुतली शो और विशाल पुतला दहन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

4. श्रीलंका में रामायण का जीवंत मंचन

श्रीलंका और रामायण का संबंध पौराणिक है। यहाँ का तमिल हिंदू समुदाय दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाता है। श्रीलंका के भी कई हिस्सों में रावण का पुतला दहन किया जाता है। इसके साथ ही, मंदिरों में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं और परिवार मिलकर भगवान राम की पूजा करते हैं। यहाँ पर दशहरे का सबसे बड़ा आकर्षण रामायण का जीवंत मंचन होता है, जिसमें नाटक के माध्यम से रामायण के सभी महत्वपूर्ण किस्सों को प्रस्तुत किया जाता है।

दशहरे का यह त्योहार हमें यही सीख देता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली और विशाल क्यों न हो, अंत में वह अच्छाई के आगे घुटने टेक ही देती है।


लेखक के बारे में (About the Author)

स्पर्श गोयल को कंटेंट राइटिंग और पटकथा लेखन (स्क्रीनराइटिंग) में चार साल का गहरा अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘नमस्कार भारत’ से की थी, जहाँ पर लेखन की बारीकियां सीखते हुए पत्रकारिता और लेखन की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद ये ‘डीएनपी न्यूज नेटवर्क’, गाजियाबाद से जुड़े और यहाँ करीब दो साल तक काम किया। इस दौरान इन्होंने न्यूज राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग, दोनों में अपनी पकड़ मजबूत की।

अब स्पर्श एबीपी (ABP) के साथ अपनी लेखनी को और निखार रहे हैं। इनकी खास रुचि जनरल नॉलेज (GK) बीट में है, जहाँ ये रोज़ नए विषयों पर रिसर्च करके अपने पाठकों को सरल, रोचक और तथ्यपूर्ण ढंग से जानकारी देते हैं।

लेखन के अलावा, स्पर्श को किताबें पढ़ना और सिनेमा देखना बेहद पसंद है। पटकथा लेखन के अनुभव की वजह से ये कहानियों को दिलचस्प अंदाज़ में पेश करने में भी माहिर हैं। खाली समय में वे नए विषयों पर रिसर्च करना और सोशल मीडिया पर अपडेट रहना पसंद करते हैं।

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