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दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, हरिका द्रोणावल्ली को हराकर पहुंचीं FIDE वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में

Published On: July 22, 2025
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दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, हरिका द्रोणावल्ली को हराकर पहुंचीं FIDE वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में
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अंतर्राष्ट्रीय मास्टर (International Master) दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने FIDE वर्ल्ड वुमेन चेस कप (FIDE World Women’s Chess Cup) के सेमीफाइनल (Semi-finals) में जगह बना ली है। उन्होंने बेटी (Batumi) में खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अपनी हमवतन और उच्च रैंकिंग वाली खिलाड़ी हरिका द्रोणावल्ली (Harika Dronavalli) को टाईब्रेक (Tiebreaks) में 2-0 से हराकर सबको चौंका दिया। यह जीत न केवल दिव्या के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारतीय महिला शतरंज (Indian Women’s Chess) के लिए भी एक नया मोड़ (Paradigm Shift) लाती है, जहां अब तक पुरुषों का दबदबा रहा है।

दिव्या देशमुख का ऐतिहासिक प्रदर्शन: पहली भारतीय जिसने बनाई सेमी में जगह!

धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, दिव्या देशमुख भारत की प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में उभर रही हैं। क्लासिकल खेलों (Classical Games) में दो निष्फल ड्रा (Uneventful Draws) के बाद, दबाव हरिका पर था, क्योंकि उन्हें रैपिड टाईब्रेक (Rapid Tiebreaks) में अच्छा प्रदर्शन करना था। दिव्या ने दृढ़ संकल्प (Determined Performance) के साथ पहले गेम में जीत हासिल की, और फिर दूसरे गेम में भी मैच को सील कर दिया, जब हरिका, जो जीत की अनिवार्यता (Must-win Situation) के दबाव में थी, उन्होंने असंभव (Miracle) की तलाश में अधिक जोखिम (Overpressed) उठाया, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला जो वे चाहती थीं।

‘यह एक जीत की राह है’, दिव्या का इरादा:

जहां हरिका द्रोणावल्ली इससे पहले भी तीन बार इसी तरह के प्रारूप में सेमीफाइनलिस्ट (Semifinalist) रह चुकी हैं (उस समय विश्व महिला चैम्पियनशिप कहलाती थी), वहीं हम (Koneru Humpy) और अब दिव्या देशमुख भारत की वो दो महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। यह नया विश्व चैम्पियनशिप चक्र (New World Championship Cycle) का हिस्सा है।

‘वर्ल्ड कैंडिडेट्स टूर्नामेंट’ में भारत की निश्चित उपस्थिति:

इसका मतलब है कि अगले साल होने वाले ‘वर्ल्ड कैंडिडेट्स टूर्नामेंट’ (Women’s Candidates Tournament) में भारत का एक स्थान निश्चित (Assured) है। यह टूर्नामेंट तय करेगा कि विश्व चैंपियन (World Champion) यू वेनजुन (Ju Wenjun) को कौन चुनौती देगा।

कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख का दबदबा:

एक दशक से अधिक समय से भारत की शीर्ष रैंकिंग वाली खिलाड़ी कोनेरू हम्पी (Koneru Humpy) पहले से ही सेमीफाइनल में हैं, जो उनके करियर में पहली बार हुआ है, और यह वह खिताब है जो उन्हें वर्षों से नहीं मिला था। दिव्या देशमुख का उनके साथ शामिल होना भारतीय महिला शतरंज में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जहाँ अब तक पुरुषों का वर्चस्व (Men’s Dominance) रहा है।

खेल की रणनीति और ‘इटालियन ओपनिंग’:

पहले गेम में, दिव्या ने इटालियन ओपनिंग (Italian Opening) का इस्तेमाल किया और कोई गलती नहीं (Gave Nothing Away) की। हरिका ने काउंटर-प्ले (Counterplay) खोजने की कोशिश में मिडिलगेम (Middlegame) में गलती की, जिसके कारण वह दो सफेद मोहरों (Two White Pieces) के बदले अपनी रानी (Queen) खो बैठीं। इसके बाद, दिव्या के लिए आगे बढ़ना आसान हो गया, जिसने उन्हें महिला शतरंज में एक मजबूत खिलाड़ी (Force to Reckon With) के रूप में स्थापित किया है।

लौटते मैच में हरिका का संघर्ष:

दूसरे गेम में, हरिका को जीत की सख्त जरूरत थी, लेकिन दिव्या ने बचाव (Defence) में फिर से अच्छा प्रदर्शन किया। यह जगजाहिर है कि हरिका को तेज़ शतरंज प्रारूपों (Faster Versions) में अपने मौके पसंद हैं, लेकिन दिव्या के खिलाफ उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। अंत में, एक मनोरम फिनिश (Picturesque Finish) ने हरिका के लिए दरवाजे बंद कर दिए।

सेमीफाइनल का मुकाबला:

सेमीफाइनल में, हमपी का मुकाबला चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त ली टिंगजी (Lei Tingjie of China) से होगा, जबकि दिव्या का सामना चीन की पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंग्ई (Tan Zhongyi) से होगा। यह भारत के लिए एक बड़ा क्षण है, जो अंतर्राष्ट्रीय शतरंज में हमारी बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है।


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