---Advertisement---

ट्रंप के टैरिफ के झटके के बावजूद रुपये में मामूली बढ़त, डॉलर के मुकाबले 87.67 पर

Published On: August 7, 2025
Follow Us
ट्रंप के टैरिफ के झटके के बावजूद रुपये में मामूली बढ़त, पर आगे का रास्ता बेहद मुश्किल, डॉलर के मुकाबले 87.67 पर
---Advertisement---

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए कड़े व्यापारिक प्रतिबंधों (Trade Sanctions) के बावजूद, भारतीय रुपये (Indian Rupee) ने गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले मामूली बढ़त दिखाई। रुपया 5 पैसे की हल्की मजबूती के साथ 87.67 पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, यह मामूली बढ़त उस बड़े खतरे को छिपा नहीं सकी जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा है।

यह तनाव तब बढ़ा जब ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से लगातार तेल आयात (Russian oil imports) करने पर जवाबी कार्रवाई करते हुए, भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा कर दी। इस कदम से कुछ भारतीय आयातों पर कुल अमेरिकी शुल्क दोगुना होकर 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक टैक्स दरों में से एक है।

ट्रंप के टैरिफ का पूरा मतलब क्या है?

विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, ट्रंप के इस आक्रामक कदम, जो 21 दिनों में प्रभावी होगा, से भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है।

  • दोगुना हुआ टैरिफ: कुछ भारतीय निर्यातों पर कुल अमेरिकी शुल्क 50% तक बढ़ जाएगा।
  • भारत को बनाया निशाना: अमेरिका ने रूसी तेल आयात के लिए यह अतिरिक्त टैरिफ या जुर्माना सिर्फ भारत पर लगाया है, जबकि चीन और तुर्की जैसे अन्य खरीदार अब तक ऐसे कठोर उपायों से बचे हुए हैं। चीन पर 30% और तुर्की पर 15% का शुल्क भारत के 50% से काफी कम है।
  • इन सेक्टरों पर सीधा असर: इस फैसले से कपड़ा, समुद्री उत्पाद (marine exports) और चमड़ा निर्यात (leather exports) जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है। भारत ने इस कार्रवाई को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अतार्किक” बताया है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, घरेलू इकाई अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.69 पर खुली और फिर 87.67 के शुरुआती उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो पिछले बंद भाव से 5 पैसे अधिक है। बुधवार को, रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे की तेजी के साथ 87.72 पर बंद हुआ था।

विशेषज्ञों ने जताई GDP ग्रोथ में गिरावट की आशंका

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखना तय है। सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स (CR Forex Advisors) के एमडी अमित पबारी ने कहा, “इस तनाव के बढ़ने से आर्थिक प्रभाव पर चिंताएं बढ़ गई हैं। यदि 21-दिन की खिड़की के भीतर कोई सफलता नहीं मिलती है, तो वित्त वर्ष 26 की जीडीपी वृद्धि को 6 प्रतिशत से नीचे संशोधित करना पड़ सकता है, जिसमें टैरिफ प्रभावों के कारण 40-50 आधार अंकों की गिरावट का अनुमान है – जो पहले के अनुमान से दोगुना है।”

पबारी ने आगे कहा कि इन बढ़ते तनावों और आर्थिक चिंताओं के बीच, रुपया कमजोर बना हुआ है और अनिश्चितता बढ़ने के कारण इसमें और गिरावट देखी जा सकती है।

RBI का सतर्क रुख और घटता विदेशी मुद्रा भंडार

इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी ताजा नीति समीक्षा के दौरान रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने और तटस्थ रुख बनाए रखने का फैसला किया है। पबारी ने कहा, “यह निर्णय बताता है कि नीति निर्माता ‘देखो और इंतजार करो’ का दृष्टिकोण अपना रहे हैं क्योंकि वे पहले से ही धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था के खिलाफ अनिश्चित व्यापारिक पृष्ठभूमि का मूल्यांकन कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अब कदम उठाने की गुंजाइश कम होती जा रही है।

एक और चिंता का विषय भारत का घटता विदेशी मुद्रा भंडार है। 1 अगस्त तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9.3 बिलियन डॉलर घटकर 688.9 बिलियन डॉलर रह गया, जो यह दर्शाता है कि बढ़ते बाहरी तनाव के बीच केंद्रीय बैंक रुपये को बचाने के लिए सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहा है।

शेयर बाजार में भारी गिरावट, FII की बिकवाली

घरेलू शेयर बाजार में, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 335.71 अंक गिरकर 80,208.28 पर आ गया, जबकि निफ्टी 114.15 अंक गिरकर 24,460.05 पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 4,999.10 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जो बाजार में घबराहट का संकेत है। इस बीच, ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमतें 0.99 प्रतिशत बढ़कर 67.55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now