Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय – DU) के छात्र संघ चुनावों का बिगुल बज चुका है और कैंपस की राजनीति अपने अंतिम और सबसे रोमांचक चरण में प्रवेश कर गई है। नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनावों के लिए 21 उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी गई है। ये उम्मीदवार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव जैसे चार प्रमुख पदों के लिए मैदान में हैं।
अब कैंपस का सियासी पारा चढ़ चुका है और सभी छात्र संगठन अपनी पूरी ताकत के साथ प्रचार में जुट गए हैं।
DUSU चुनाव 2025: 18 सितंबर को मतदान, 21 उम्मीदवार मैदान में
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र अपने नए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए 18 सितंबर, 2025 को मतदान करेंगे, जबकि वोटों की गिनती अगले दिन, यानी 19 सितंबर को होगी।
इस बार भी, DUSU चुनावों में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख छात्र संगठनों के बीच होने की उम्मीद है:
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP): भारतीय जनता पार्टी (BJP) से संबद्ध।
- नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI): कांग्रेस पार्टी से संबद्ध।
हालांकि, इन दोनों बड़े संगठनों के अलावा कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जो इस चुनाव को और भी दिलचस्प बना रहे हैं। यह कैंपस की प्रतिस्पर्धी और खंडित राजनीति को दर्शाता है, जहां हर वोट कीमती होता है।
किस पद के लिए कौन है मैदान में?
अध्यक्ष पद (President): 9 उम्मीदवारों के बीच जंग
DUSU के सबसे प्रतिष्ठित पद, अध्यक्ष के लिए, इस बार 9 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अंतिम सूची के अनुसार, ये उम्मीदवार हैं:
- अंजलि (बौद्ध अध्ययन विभाग)
- अनुज कुमार (लॉ सेंटर – II)
- आर्यन मान (पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग)
- दिव्यांशु सिंह यादव (कैंपस लॉ सेंटर)
- जोसलिन नंदिता चौधरी उर्फ जीतू चौधरी (बौद्ध अध्ययन विभाग)
- राहुल कुमार (रामजस कॉलेज)
- उमांशी (बौद्ध अध्ययन विभाग)
- योगेश मीणा (कैंपस लॉ सेंटर)
- अभिषेक कुमार (सत्यवती कॉलेज)
ध्यान दें: चुनाव समिति ने स्पष्ट किया है कि यह सूची अभी भी अनंतिम है और दस्तावेजों के आगे सत्यापन के अधीन है। किसी भी विसंगति के पाए जाने पर नामांकन रद्द किया जा सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण पद
- उपाध्यक्ष (Vice President): इस पद के लिए तीन उम्मीदवारों को मंजूरी दी गई है – गोविंद तंवर, राहुल झांसला, और सोहन कुमार (सभी बौद्ध अध्ययन विभाग से)।
- सचिव (Secretary): इस पद के लिए चार उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा – अभिनंदन प्रत्याशि (हिंदू कॉलेज), कबीर (लॉ सेंटर – II), कुणाल चौधरी (बौद्ध अध्ययन विभाग), और मोहित (श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स)।
- संयुक्त सचिव (Joint Secretary): इस पद के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें अभिषेक कुमार (हिंदू कॉलेज) और अक्षिता (भगिनी निवेदिता कॉलेज) शामिल हैं।
क्या हैं इस साल के बड़े चुनावी मुद्दे?
बैनरों और नारों के पारंपरिक चुनावी माहौल के बीच, इस साल के चुनाव प्रचार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों की कुछ पुरानी और गंभीर चिंताओं पर केंद्रित हैं:
- छात्रावास की कमी (Hostel Shortage): विशेष रूप से दिल्ली के बाहर से आने वाले छात्रों के लिए किफायती आवास की कमी एक बड़ा मुद्दा है।
- फीस वृद्धि (Fee Hikes): बढ़ती फीस सभी छात्र संगठनों के लिए एक केंद्रीय मुद्दा बन गया है।
- कैंपस सुरक्षा (Campus Safety): महिला सुरक्षा चुनावी घोषणापत्रों में एक प्राथमिकता बनी हुई है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020: इसके कार्यान्वयन और पाठ्यक्रम, छात्रों के वर्कलोड और छात्र जीवन पर इसके प्रभाव को लेकर सक्रिय रूप से बहस हो रही है।
क्यों हैं DUSU चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर इतने महत्वपूर्ण?
DUSU चुनाव सिर्फ एक छात्र संघ चुनाव नहीं हैं, बल्कि इन पर पूरे देश की नजर रहती है।
- नेताओं की नर्सरी: ऐतिहासिक रूप से, DUSU चुनाव दिवंगत वित्त मंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस नेता अजय माकन जैसे कई बड़े राष्ट्रीय नेताओं के लिए लॉन्चपैड का काम कर चुके हैं।
- युवाओं का मूड: राजनीतिक दल इन चुनावों को युवाओं की भावना का बैरोमीटर और अपनी पहुंच की रणनीतियों के लिए एक परीक्षण मैदान के रूप में उपयोग करते हैं।
जैसे-जैसे प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच रहा है, सभी की निगाहें अब 18 सितंबर पर टिकी हैं, जब डीयू के छात्र अपने अगले नेतृत्व का फैसला करने के लिए मतदान करेंगे। उम्मीद है कि यह चुनाव छात्रों की सच्ची आवाज को दर्शाएगा और सबसे योग्य नेतृत्व को पुरस्कृत करेगा।