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Delhi High Court: सुरक्षा के लिए खतरा, कोर्ट ने कहा ‘सेकंड गेस नहीं कर सकते’, सेलेबी एविएशन की याचिका खारिज

Published On: July 8, 2025
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Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को तुर्की (Turkish) की कंपनी सेलेबी (Celebi) को कोई राहत देने से इनकार करते हुए, ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज (Ground Handling Services) प्रदान करने के लिए उनकी सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) रद्द करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर फर्म की याचिकाओं (Pleas) को खारिज कर दिया। यह निर्णय भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security of India) और विदेशी निवेश (Foreign Investment) के बीच संतुलन पर प्रकाश डालता है, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों (Sensitive Zones) में जैसे कि हवाई अड्डे (Airports)यह भारतीय न्यायपालिका (Indian Judiciary) द्वारा सुरक्षा चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता (Supreme Priority) देने का एक स्पष्ट संकेत है।

जस्टिस सचिन दत्ता (Justice Sachin Dutta) ने तुर्की की कंपनी की दो फर्मों (Two Firms) – सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Airport Services India Private Limited) और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Delhi Cargo Terminal Management India Private Limited) – द्वारा दायर याचिका को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। यह फैसला उन सभी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक मिसाल कायम करता है जो भारत में रणनीतिक क्षेत्रों (Strategic Sectors) में काम करती हैं।

सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का कारण: पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security – BCAS) ने 15 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) रद्द कर दी थी। सरकार ने आगे अपने कर्मचारियों (Employees) को तीसरे पक्ष (Third Parties) को स्थानांतरित (Transfer) करने का निर्देश दिया था। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद सैन्य संघर्ष (Military Conflict) के दौरान तुर्की (Turkey) द्वारा पाकिस्तान (Pakistan) का समर्थन करने और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के मद्देनजर उठाया गया था। यह भारत के कूटनीतिक संबंधों (Diplomatic Relations) और आंतरिक सुरक्षा पर उनके प्रभावों को दर्शाता है।

सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए तर्क दिया कि हवाई अड्डे, संवेदनशील क्षेत्र (Sensitive Zones) होने के कारण, सुरक्षा चिंताओं (Safety Concerns) के प्रति संवेदनशील (Prone) हैं।

केंद्र की दलील (Centre’s Submission) से सहमत होते हुए, हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि, “एक बार जब राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं को पाया जाता है, जिसके आधार पर सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई है, तो अदालत को इसमें ‘सेकंड गेस’ करने का अधिकार नहीं है।” यह न्यायिक हस्तक्षेप (Judicial Intervention) की सीमाओं को निर्धारित करता है, खासकर जब राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) का मुद्दा हो।

ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं की संवेदनशीलता: एयरसाइड तक पहुंच

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा, “हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं (Ground Handling Services) एयरसाइड ऑपरेशंस (Airside Operations), विमान (Aircraft), कार्गो (Cargo), यात्री सूचना प्रणाली (Passenger Information Systems) और सुरक्षा क्षेत्रों (Security Zones) तक गहरी पहुंच प्रदान करती हैं। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे (Vital Infrastructure) तक ऐसी अप्रतिबंधित पहुंच (Unbridled Access) स्वाभाविक रूप से ऑपरेटरों (Operators) और उनके विदेशी संबद्धताओं (Foreign Affiliations) के लिए सख्त सुरक्षा जांच (Strict Security Vetting) की आवश्यकता को बढ़ाती है।” यह सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है।

“यह विशेष रूप से देश के सामने सुरक्षा डोमेन में समकालीन चुनौतियों (Contemporary Challenges) और हाल के दिनों में देखी गई घटनाओं (Incidents) के मद्देनजर सही है, जिसमें भू-राजनीतिक कारक (Geopolitical Factors) शामिल हैं।” यह कोर्ट के फैसले के पीछे के तर्क और विमानन सुरक्षा (Aviation Security) के उच्च मानकों पर इसके जोर को रेखांकित करता है।

सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया (Celebi Airport Services India) दिल्ली (Delhi), कोचीन (Cochin), बेंगलुरु (Bengaluru), हैदराबाद (Hyderabad) और गोवा एयरपोर्ट (Goa Airport) पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई थी और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया (Celebi Delhi Cargo Terminal Management India) दिल्ली हवाई अड्डे पर कार्गो हैंडलिंग सेवाएं (Cargo Handling Services) प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई थी। यह फैसला इन भारतीय हवाई अड्डों (Indian Airports) पर इन सेवाओं को प्रभावित करेगा। सेलेबी विवाद (Celebi Controversy) भारतीय विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।

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