धर्मनगरी हरिद्वार में रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। विश्व प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर की ओर जाने वाले संकरे रास्ते पर अचानक ‘करंट’ फैलने की अफवाह के बाद भगदड़ मच गई। इस भीषण हादसे में अब तक छह श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
उत्तराखंड के हरिद्वार में रविवार सुबह दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ उस वक्त मातम में बदल गई, जब मनसा देवी मंदिर की चढ़ाई वाले मार्ग पर अचानक भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सप्ताहांत होने के कारण मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद थी। इसी दौरान किसी ने यह अफवाह फैला दी कि पास के एक बिजली के खंभे में करंट उतर आया है और वह पूरे इलाके में फैल रहा है। यह सुनते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई और वे अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे
संकरे रास्ते पर हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु एक-दूसरे को रौंदते हुए भागने लगे, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। चारों तरफ चीख-पुकार और चीख-पुकार मच गई, और पलक झपकते ही शांतिपूर्ण माहौल मातम में बदल गया। हादसे में छह श्रद्धालुओं की कुचलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रशासन की तत्काल कार्रवाई, बचाव कार्य जारी
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी भारी पुलिस बल और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमों के साथ मौके पर पहुंच गए। तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया और घायलों को एंबुलेंस के जरिए नजदीकी जिला अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने मृतकों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उनके परिवारों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश, मुआवजे का ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस हृदय-विदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। मुख्यमंत्री ने घटना की उच्च-स्तरीय मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं और अधिकारियों को घायलों का सर्वोत्तम संभव इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि (मुआवजा) देने की घोषणा की है।
एक अफवाह बनी मौत का कारण?
प्रारंभिक जांच में भगदड़ का मुख्य कारण करंट फैलने की अफवाह को ही माना जा रहा है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह अफवाह किसने और क्यों फैलाई। भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर इस तरह की अफवाहें अक्सर बड़े हादसों का कारण बनती हैं। इस घटना ने एक बार फिर से तीर्थस्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए
जिला प्रशासन ने पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। किसी भी जानकारी के लिए इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है:
- हेल्पलाइन नंबर 1: 123-456-7890
- हेल्पलाइन नंबर 2: 098-765-4321