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Chandra Grahan 2025: भारत में कल लगेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण, सूतक काल दोपहर को इतने बजे होगा शुरू

Published On: September 6, 2025
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Chandra Grahan 2025: भारत में कल लगेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण, सूतक काल दोपहर को इतने बजे होगा शुरू
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Chandra Grahan 2025: भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात को 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस खगोलीय घटना की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की होगी। इस दौरान, ग्रहण का सबसे गहरा प्रभाव रात 11:01 बजे से लेकर 12:22 बजे के बीच अनुभव किया जाएगा। ग्रहण का चरम बिंदु (पीक टाइम) रात 11:42 बजे होगा। यही वह समय होगा जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा और आप पूर्ण चंद्र ग्रहण के अद्भुत दृश्य के साक्षी बन सकेंगे, जिसे अक्सर ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है।

सूतक काल कितने बजे से लगेगा
धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है। इसलिए, 7 सितंबर को लगने वाले इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो जाएगा। सूतक काल को एक अशुद्ध समय माना जाता है, जिसके दौरान कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में भोजन पकाना और ग्रहण करना वर्जित होता है। मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि सूतक काल में भगवान की मूर्तियों का स्पर्श करना शुभ नहीं माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। सूतक काल शुरू होने से पहले ही, पके हुए भोजन, दूध, दही और पानी जैसे खाद्य पदार्थों में तुलसी दल डालकर उन्हें शुद्ध कर लेना चाहिए। हालांकि, सूतक के नियम बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों और बच्चों पर लागू नहीं होते हैं।

कहां-कहां दिखेगा साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण?

यह चंद्र ग्रहण केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका नजारा दुनिया के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा। भारत के अलावा, यह एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण: दुनिया और भारत पर कैसा होगा प्रभाव?

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी कोई बड़ा ग्रहण होता है, तो उसका प्रभाव वैश्विक राजनीति और प्राकृतिक वातावरण पर भी पड़ता है।

  • वैश्विक प्रभाव: इस चंद्र ग्रहण के कारण पश्चिमी देशों और मध्य-पूर्व के देशों में तनाव और समस्याएं बढ़ सकती हैं। पाकिस्तान में भी अशांति का माहौल देखने को मिल सकता है। प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ या तूफान की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, विमान दुर्घटना और अग्नि से जुड़ी आपदाओं का भी योग बन रहा है। यह ग्रहण धार्मिक और व्यापारिक मोर्चों पर भी कुछ देशों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • भारत पर प्रभाव: भारत के संदर्भ में देखें तो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में स्थिति थोड़ी बिगड़ सकती है। भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ने की आशंका है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, देश में प्राकृतिक आपदाओं और राजनीतिक परिवर्तनों के योग भी दिखाई दे रहे हैं। बड़े राजनेताओं के स्वास्थ्य और उनके भविष्य के लिए यह समय थोड़ा कठिन हो सकता है।

चंद्र ग्रहण के दौरान किए जाने वाले लाभकारी उपाय (Chandra Grahan 2025 Upay)

ग्रहण काल को जहां एक ओर अशुभ माना जाता है, वहीं दूसरी ओर यह साधना और मंत्र सिद्धि के लिए अत्यंत शुभ समय भी होता है।

दान-पुण्य: चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके अपनी क्षमतानुसार किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र या धन का दान अवश्य करें। ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

मंत्र जाप और ध्यान: ग्रहण काल में अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना बेहद लाभकारी माना गया है। ईश्वर की स्तुति या ध्यान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

पूजा-प्रार्थना: इस समय की गई पूजा-प्रार्थना बहुत प्रभावशाली मानी जाती है और शीघ्र फल देती है।

मंत्र सिद्धि: यदि आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या गुरु से दीक्षा लेना चाहते हैं, तो ग्रहण काल इसके लिए विशेष रूप से शुभ होता है।

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