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Celebi Aviation Holding: दिल्ली हाईकोर्ट आज सुना सकता है सेलेबी एविएशन पर बड़ा फैसला

Published On: July 7, 2025
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Celebi Aviation Holding: दिल्ली हाईकोर्ट आज सुना सकता है सेलेबी एविएशन पर बड़ा फैसला
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Celebi Aviation Holding: एक अप्रत्याशित कदम में, दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) आज (7 जुलाई, सोमवार) को सेलेबी एविएशन होल्डिंग (Celebi Aviation Holding) की सुरक्षा मंजूरी रद्द (Security Clearance Cancellation) करने के केंद्र सरकार (Union Government) के आदेश पर अपना फैसला सुना सकता है। यह मामला भारतीय नागरिक उड्डयन (Indian Civil Aviation) और राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) से जुड़ा है, जिस पर देश भर की निगाहें टिकी हुई हैं। पीटीआई (PTI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की (Turkey) स्थित यह ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो ऑपरेशंस (Ground Handling and Cargo Operations) कंपनी केंद्रीय सरकार के इस कदम को चुनौती दे रही है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद कथित राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उनकी सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया गया था।

जस्टिस सचिन दत्ता (Justice Sachin Datta) की दिल्ली हाई कोर्ट बेंच ने 23 मई को इस मामले में सभी दलीलों (Submissions) को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला भारतीय न्यायपालिका (Indian Judiciary) के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Business) और भारत की सुरक्षा नीति (India’s Security Policy) के बीच संतुलन को रेखांकित करेगा

सेलेबी का तर्क: ‘प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध’

21 मई को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के समक्ष सुनवाई में, सेलेबी (Celebi) ने तर्क दिया कि पहलगाम घटना के बाद पाकिस्तान (Pakistan) के समर्थन में तुर्की के रुख के बाद कंपनी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द करने का भारत सरकार का निर्णय “प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों (Principles of Natural Justice) के विरुद्ध” है, और इसने देश में उनके व्यावसायिक संचालन (Business Operations) को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए सरकार द्वारा पिछले सप्ताह फर्म की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के बाद भारत भर के हवाई अड्डों (Airports Across India) के साथ व्यापार अनुबंध (Business Contracts) रद्द किए जा रहे थे। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कहा, “हमारे व्यवसाय और अनुबंध प्रभावित हुए हैं।”

आगे, कंपनी की भारतीय इकाई (Indian Unit) ने जोर देकर कहा कि वह एक भारतीय कंपनी के रूप में काम करती है, और सभी कर्मचारी भारतीय नागरिक (Indian Nationals) हैं। रॉयटर्स (Reuters) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेलेबी ने अदालत को बताया, “हम एक भारतीय कंपनी हैं, कर्मचारी भारतीय हैं,” और अपनी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया। यह तर्क भारत में व्यापार करने वाली विदेशी कंपनियों (Foreign Companies Doing Business in India) और उनके अधिकारों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न उठाता है।

भारत सरकार का पक्ष: ‘विमानन सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व खतरा’

सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने “विमानन सुरक्षा (Aviation Security) के लिए एक अभूतपूर्व खतरा” का हवाला देते हुए सरकार की कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने 22 मई को हाई कोर्ट (High Court) को यह भी बताया कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के संबंध में केंद्र के पास “पूर्ण शक्तियां” (Plenary Powers) यानी निरपेक्ष अधिकार (Absolute Powers) हैं।

मेहता ने कहा, “देश को किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिए सरकार के पास पूर्ण शक्तियां निहित हैं। ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों की पूरे हवाई अड्डे और विमान तक पहुंच होती है। इसलिए, बीसीएएस (BCAS) के महानिदेशक (Director General) तत्काल खतरे को खत्म करने के लिए अपनी विशेष शक्तियों का उपयोग कर सकते हैं।” उन्होंने तर्क दिया कि सरकार नागरिक उड्डयन (Civil Aviation) और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा व संप्रभुता (National Security and Sovereignty) के सबसे “नाजुक” विषय से निपट रही है। यह मामला भारत की राष्ट्रीय हित (National Interest) की रक्षा के महत्व को दर्शाता है।

मामले की पृष्ठभूमि: तुर्की का पाकिस्तान समर्थन और बीसीएएस का आदेश

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security – BCAS) ने 15 मई को सेलेबी (Celebi) की भारतीय हवाईअड्डा सेवाओं (Indian Airport Services) वाली शाखा की सुरक्षा मंजूरी वापस ले ली थी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों (National Security Risks) का हवाला दिया गया था और दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) सहित नौ हवाई अड्डों (Nine Airports) पर इसके संचालन (Operations) को रोक दिया गया था।

यह निर्णय इस्तांबुल, तुर्की (Istanbul, Turkey) में मुख्यालय वाली फर्म का बहिष्कार (Boycotting) करने की बढ़ती मांग के बीच आया — एक ऐसा देश जिसने भारत के साथ तनाव बढ़ने के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) का साथ दिया था।

विरोध के बाद, सेलेबी ने विशेष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) की बेटी सुमेये एर्दोगन (Sümeyye Erdoğan) से संबंध होने के दावों का खंडन (Refuted Claims) और स्पष्टीकरण दिया, यह स्पष्ट करते हुए कि कंपनी में उनकी कोई स्वामित्व हिस्सेदारी (Ownership Stake) नहीं है और शेयरहोल्डिंग (Shareholding) कैन और कानन सेलेबियोग्लू (Can and Canan Celebioglu) तक सीमित है, जिनमें से प्रत्येक के पास 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उनका कोई राजनीतिक संबंध (Political Affiliations) नहीं है। इसके अलावा, कंपनी ने बताया कि मूल संगठन का 65 प्रतिशत हिस्सा अंतरराष्ट्रीय संस्थागत निवेशकों (International Institutional Investors) के स्वामित्व में है। यह कॉर्पोरेट पारदर्शिता (Corporate Transparency) और भारत-तुर्की संबंधों (India-Turkey Relations) पर प्रकाश डालता है।

भारत में सेलेबी की उपस्थिति

सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Airport Services India Pvt Ltd) और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Delhi Cargo Terminal Management India Pvt Ltd) देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल (Cargo Terminal Functions) कार्यों का पर्यवेक्षण (Oversee) करते हैं। कंपनी 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार (Employs) देती है और नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं (Services) प्रदान करती है। इसने नवंबर 2022 में सुरक्षा मंजूरी दिए जाने के बाद 15 से अधिक वर्षों तक भारतीय विमानन क्षेत्र (Indian Aviation Sector) में काम किया है।

यह मामला भारत के हवाईअड्डा संचालन (Airport Operations) और विमानन क्षेत्र में सुरक्षा नीतियों (Security Policies) के भविष्य के लिए दूरगामी परिणाम दे सकता है। भारत की विमानन सुरक्षा (India’s Aviation Security) सर्वोच्च प्राथमिकता है, और अदालत का फैसला यह तय करेगा कि क्या व्यावसायिक हितों पर सुरक्षा चिंताओं को वरीयता दी जाएगी।


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