Bullet Train in Rajasthan: राजस्थान के रेल यात्रियों के लिए एक बेहद रोमांचक खबर सामने आ रही है। अब राजस्थान के लोग भी भारत की पहली हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन (Bullet Train) की सवारी का अनुभव कर सकेंगे। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के विस्तार की संभावनाओं के साथ, राजस्थान के कई प्रमुख शहर इस महत्वाकांक्षी परियोजना के दायरे में आ जाएंगे। यदि यह विस्तार सफल होता है, तो जयपुर, उदयपुर, अजमेर और अलवर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन भी इस हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का हिस्सा बन जाएंगे, जिससे इन शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसकी कुल लंबाई 878 किलोमीटर है, को दिल्ली तक विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से देश के दो प्रमुख आर्थिक केंद्र और कई महत्वपूर्ण शहर हाई-स्पीड रेल से जुड़ जाएंगे।
प्रगति में तेजी: 300 किमी से अधिक ट्रैक पर काम पूरा, जोधपुर में हाई-स्पीड ट्रायल ट्रैक का निर्माण जारी
रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है। राजस्थान के नागौर में सांभर झील के पास एक हाई-स्पीड ट्रायल ट्रैक का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो जोधपुर रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है। यह विशेष ट्रैक बुलेट ट्रेन की अत्यधिक गति, जो 300 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक हो सकती है, के परीक्षण के लिए बनाया जा रहा है। अब तक, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मार्ग के 300 किलोमीटर से अधिक ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और शेष कार्य को भी जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य है।
राजस्थान को मिलेगा विशेष लाभ: 657 किमी ट्रैक राज्य के भीतर
इस परियोजना का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरेगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का लगभग 657 किलोमीटर लंबा ट्रैक राजस्थान के भीतर से गुजरेगा, जो कि परियोजना का 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र है। इस मार्ग में राजस्थान के कई प्रमुख जिले और शहर शामिल होंगे, जिनमें अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर शामिल हैं। यह हाई-स्पीड रेल परियोजना राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यात्रा को बहुत सुविधाजनक बनाएगी।
योजना के अनुसार, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मार्ग पर कुल 11 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें से 7 स्टेशन राजस्थान राज्य में आएंगे। बुलेट ट्रेन उदयपुर से खेरवाड़ा (डूंगरपुर) होते हुए भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, किशनगढ़, जयपुर से होते हुए बेहरोर (अलवर) तक पहुंचेगी। इस प्रकार, यह ट्रेन राजस्थान के आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगी।
जोधपुर को क्यों नहीं मिला मौका? हाई-स्पीड ट्रैक का निर्माण जारी
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हालांकि जोधपुर से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मार्ग लाने के प्रयास किए गए थे, परंतु डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे मार्ग में शामिल करना संभव नहीं हो पाया। डीपीआर तैयार करने से पहले किए गए प्रारंभिक सर्वेक्षणों में जोधपुर को इस बुलेट ट्रेन मार्ग से बाहर रखा गया था। हालांकि, भारतीय रेलवे जोधपुर रेलवे स्टेशन पर 800 करोड़ रुपये की लागत से 64 किलोमीटर का एक हाई-स्पीड टेस्ट रेलवे ट्रैक का निर्माण कर रहा है। यह संभव है कि भविष्य में यह ट्रैक मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन या अन्य हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के लिए परीक्षण के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा सके। वर्तमान में, जोधपुर से मुंबई या दिल्ली की यात्रा में लगभग 11 से 15 घंटे लगते हैं, जिसे बुलेट ट्रेन के माध्यम से काफी कम किया जा सकेगा।
दिल्ली से जुड़ेगा राजस्थान: सबसे अधिक फायदा उदयपुर को
यह बुलेट ट्रेन परियोजना मुंबई-अहमदाबाद रूट को दिल्ली के द्वारका सेक्टर 21 से जोड़ेगी। दिल्ली के बाद यह गुरुग्राम के चौमा से होते हुए अलवर, मानेसर और रेवाड़ी से गुजरेगी और राष्ट्रीय राजमार्ग 48 (NH 48) के समानांतर चलेगी। अहमदाबाद पहुंचने से पहले यह ट्रेन जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और डूंगरपुर जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरेगी। इस विस्तार का सबसे अधिक लाभ उदयपुर को मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बुलेट ट्रेन इस शहर के जिले में लगभग 127 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगी। यह उदयपुर के पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा।
इस बुलेट ट्रेन परियोजना से न केवल यात्रा के समय में भारी कमी आएगी, बल्कि राजस्थान में औद्योगिक विकास, पर्यटन को बढ़ावा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी जो देश को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के मामले में आगे ले जाएगी।