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Amarnath Yatra 2025: 3 जुलाई से दर्शन के लिए खुलेंगे बाबा बर्फानी के द्वार! सुरक्षा अभेद्य, 80,000 सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात

Published On: July 3, 2025
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Amarnath Yatra 2025: 3 जुलाई से दर्शन के लिए खुलेंगे बाबा बर्फानी के द्वार! सुरक्षा अभेद्य, 80,000 सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात
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Amarnath Yatra 2025: पवित्र अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) आज, 3 जुलाई, 2025 से शुरू हो रही है। 38 दिनों तक चलने वाली यह वार्षिक तीर्थयात्रा पहलगाम (Pahalgam) और बालटाल (Baltal) दोनों मार्गों से पूरी की जाएगी। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से कड़ा किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था का फुलप्रूफ प्लान:
भारतीय सेना, सीआरपीएफ (CRPF), बीएसएफ (BSF), एसएसबी (SSB), सीआईएसएफ (CISF), आईटीबीपी (ITBP) और जम्मू-कश्मीर पुलिस सहित लगभग 80,000 सुरक्षाकर्मी अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं। यह जवान यात्रियों को हर तरह की सुरक्षा का भरोसा देंगे और किसी भी प्रकार के आतंकी हमले, जैसे फिदायीन अटैक (Fidayeen Attack) को रोकने के लिए एक अचूक घेरा तैयार करेंगे। यात्रा के पूरे मार्ग पर, ठीक उसी तरह की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जैसी अफगानिस्तान में अमेरिकी/नाटो सेना के काफिलों के लिए देखने को मिलती थी, ताकि कोई भी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम न दे सके।

खुफिया इनपुट और जवाबी तैयारी:
खुफिया इकाइयों से प्राप्त सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह (terrorists from Pakistan) की बुरी नजर अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर है। इसके पीछे का कारण जम्मू-कश्मीर में छिपे लगभग ’50’ पाकिस्तानी आतंकवादी और पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से जुड़े लगभग दो दर्जन स्थानीय आतंकवादी हैं, जो सक्रिय बताए जा रहे हैं। इस इनपुट को ध्यान में रखते हुए, भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर यात्रा मार्ग की सुरक्षा के लिए एक पूर्ण सुरक्षा योजना तैयार की है।

यात्री मार्गों की अभेद्य सुरक्षा:
पहलगाम और बालटाल, दोनों मार्गों पर सुरक्षा का एक अभेद्य घेरा बनाया गया है। संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी (CCTV) और ड्रोन (drones) की मदद से लगातार नजर रखी जा रही है। यात्रियों के काफिलों को सीआरपीएफ की विशेष सुरक्षा घेरे में ले जाया जाएगा। दोनों ही रूटों पर विभिन्न सुरक्षा बलों की रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) तैनात की गई है, जो यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाती हैं। इसके अतिरिक्त, डॉग स्क्वाड (dog squad) और बुलेटप्रूफ मार्क्समैन (bulletproof marksmen) को भी तैनात किया गया है। कई संवेदनशील स्थानों पर लंबी दूरी तक की गतिविधियों को कैप्चर करने के लिए शक्तिशाली दूरबीनें (binoculars) लगाई गई हैं। सुरक्षा बलों को हैंडहेल्ड सीसीटीवी कैमरे भी मुहैया कराए गए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यात्रियों को बिल्कुल भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस बार यात्रा मार्ग पर वाहनों के काफिलों को विशेष सुरक्षा चक्र प्रदान किया गया है।

सुरक्षा के लिए विशेष इंतज़ाम:
अफगानिस्तान में अमेरिकी/नाटो सेनाओं के काफिलों की तरह ही, अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा रहेगी। जब यात्रियों के काफिले रवाना होंगे, तो रास्ते में आने वाले सभी अप्रोच रूट्स (approach routes) को बंद कर दिया जाएगा। काफिले के गुजर जाने के बाद ही उस सड़क पर सामान्य यातायात को अनुमति दी जाएगी। कुछ ऐसी विशेष जगहों को भी चिन्हित किया गया है जहाँ मुख्य मार्ग के विपरीत दिशा के हिस्से को अस्थायी रूप से सामान्य यातायात के लिए बंद किया जा सकता है।

पहलगाम हमले के बाद, यात्रा मार्ग पर ‘छोटी मिसाइल’ और ‘ड्रोन से बम गिराने’ जैसे संभावित हमलों को रोकने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। यात्रा मार्ग की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के 50,000 से अधिक जवानों को तैनात किया जा रहा है। फिदायीन हमलों को रोकने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। यात्रा मार्ग पर सीएपीएफ जवानों की तैनाती के बीच के अंतर को कम कर दिया गया है, जिससे अब पांच सौ मीटर से एक हजार मीटर के बीच जवानों की नियमित तैनाती सुनिश्चित होगी। कई स्थानों पर यह अंतराल और भी कम किया जा सकता है।

यह कड़े सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करते हैं कि भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन सुरक्षित रूप से कर सकें। सुरक्षा बलों के इस समन्वय और तैयारी को भारत, अमेरिका और यूके जैसे देशों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जो इस महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा के सुरक्षित संचालन के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।

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