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Sora app: किसी की भी फोटो से कुछ भी बनवाओ, OpenAI का Sora ऐप बना खतरा या चमत्कार?

Published On: October 4, 2025
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Sora app: किसी की भी फोटो से कुछ भी बनवाओ, OpenAI का Sora ऐप बना खतरा या चमत्कार?
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Sora app: ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बार फिर तहलका मचा दिया है। कंपनी ने हाल ही में अपने सबसे चर्चित AI मॉडल Sora को अब एक स्टैंडअलोन ऐप के रूप में लॉन्च कर दिया है। आपको बता दें कि सोरा, कंपनी का टेक्स्ट-से-वीडियो जेनरेट करने वाला AI मॉडल है, और अब इसका अपना एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आ गया है। इस ऐप को सीधे-सीधे इंस्टाग्राम (Instagram) और टिकटॉक (TikTok) का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है।

लॉन्च होने के कुछ ही समय के भीतर, Sora ऐप अमेरिका में ऐप्पल ऐप स्टोर (Apple App Store) पर डाउनलोड चार्ट्स में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है, जो इसकी जबरदस्त लोकप्रियता को दर्शाता है। हाल ही में कंपनी ने Sora 2 मॉडल भी लॉन्च किया है, जो अब तक का सबसे शक्तिशाली और रियलिस्टिक वीडियो बनाने वाला AI मॉडल है।

TikTok जैसा है Sora App, लेकिन एक बड़ा ट्विस्ट!

OpenAI ने Sora ऐप को खास तौर पर शॉर्ट वीडियो (Short Video) के लिए ही डिजाइन किया है। लेकिन यहां एक बहुत बड़ा अंतर है – इस प्लेटफॉर्म पर आपको केवल AI-जेनरेटेड कंटेंट (AI-generated content) ही देखने को मिलेगा। यानी, यहां हर वीडियो Künstliche Intelligenz द्वारा बनाया गया होगा, जिसे हम आम भाषा में डीपफेक वीडियो (Deepfake Videos) भी कह सकते हैं।

Sora App पर यूजर्स को सिर्फ नेचुरल भाषा में टेक्स्ट प्रॉम्प्ट (Text Prompt) डालना होगा, और AI उनके शब्दों को एक हाई-क्वालिटी शॉर्ट वीडियो में बदल देगा। इसके लिए यूजर्स को किसी कैमरे, शूटिंग या वीडियो एडिटिंग स्किल्स की कोई जरूरत नहीं होगी।

अमेरिकी ऐप स्टोर पर टिकटॉक और इंस्टाग्राम के ठीक बाद सोरा ऐप ने अपनी जगह बना ली है। इस ऐप में “कैमियोज़” (Cameos) नाम का एक फीचर दिया गया है जो सबसे ज्यादा पॉपुलर हो रहा है। इसके जरिए यूजर्स Sora 2 का इस्तेमाल करके न केवल टेक्स्ट से AI वीडियो बना पाएंगे, बल्कि अपनी खुद की वीडियो अपलोड करके उसे भी पूरी तरह से एक नए AI वीडियो में बदल पाएंगे।

क्या Deepfake वीडियो अब नॉर्मल हो जाएंगे?

कुछ साल पहले तक, डीपफेक वीडियो को एक गंभीर अपराध और समाज के लिए बड़ा खतरा माना जाता था। लेकिन AI वीडियो जेनरेटर आने के बाद से यह अब धीरे-धीरे नॉर्मल होते जा रहे हैं। यानी, अब किसी की भी फोटो या वीडियो का इस्तेमाल करके उससे कुछ भी कराया जा सकता है, जो देखने में बिल्कुल असली लगता है और कई बार लोग धोखा खा जाते हैं।

जेनरेटिव AI आने के बाद से सोशल मीडिया पर AI-जेनरेटेड वीडियो की बाढ़ आ गई है। इन वीडियो पर करोड़ों में व्यूज आ रहे हैं और लोग इन्हें काफी पसंद भी कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि OpenAI को लगा कि AI-जेनरेटेड वीडियो के लिए एक समर्पित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना दिया जाए, और इसी सोच के साथ Sora ऐप को लॉन्च किया गया है।

मिसयूज़ का गंभीर खतरा

Sora ऐप की सबसे बड़ी ताकत ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है। यहां आप किसी की भी तस्वीर या वीडियो लेकर उसे जैसे चाहें वैसे वीडियो में बदल सकते हैं, और OpenAI का नया Sora 2 मॉडल इतने वास्तविक वीडियो बनाता है कि असली और नकली में फर्क करना लगभग नामुमकिन है। इससे लोगों की तस्वीरों और पहचान के गलत इस्तेमाल (Misuse) का खतरा कई गुना बढ़ गया है।

हालांकि, OpenAI ने दावा किया है कि Sora ऐप में कई सेफ्टी मेजर्स (Safety Measures) डाले गए हैं। जैसे, यहां सेक्सुअल या हिंसक कंटेंट बनाने वाले प्रॉम्प्ट्स को ब्लॉक किया जाएगा। लेकिन यह भी देखा गया है कि लोग चालाकी से अपने प्रॉम्प्ट को बदलकर इन प्रतिबंधों को भी बाइपास कर लेते हैं।

Meta के ‘Vibe’ को भी देगा टक्कर

दरअसल, AI वीडियो के इस ट्रेंड को सिर्फ OpenAI ही नहीं भुना रहा। Meta (फेसबुक) ने भी हाल ही में इंस्टाग्राम पर ‘Vibe’ नाम से एक AI-ओनली फीड लॉन्च किया है, जहां यूजर्स को सिर्फ AI-जेनरेटेड शॉर्ट वीडियोज ही दिखेंगे। OpenAI का नया Sora ऐप सीधे तौर पर Meta के Vibe को भी कड़ी टक्कर देगा।

फिलहाल, Sora ऐप अमेरिका में सिर्फ ‘इन्वाइट-ओनली’ (Invite-only) मोड पर उपलब्ध है, यानी इसे सिर्फ वही लोग इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें कंपनी से इनविटेशन मिला है। भारत में यह ऐप फिलहाल लॉन्च नहीं हुआ है। उम्मीद है कि कंपनी कुछ समय तक इसकी टेस्टिंग अमेरिकी बाजार में करेगी और सफल होने पर इसे भारत समेत दूसरे देशों में भी लॉन्च किया जा सकता है।

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