Stroke: स्ट्रोक (Stroke), जिसे आम भाषा में लकवा (Paralysis) या मस्तिष्क का दौरा (Brain Attack) भी कहा जाता है, एक अत्यंत गंभीर और जानलेवा चिकित्सा आपातकाल है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह अचानक बाधित हो जाता है या काफी कम हो जाता है। रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण मस्तिष्क के ऊतकों को ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिसके परिणामस्वरूप कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं।[2] भारत समेत दुनियाभर में स्ट्रोक के मामले खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं, और यह मृत्यु तथा दीर्घकालिक विकलांगता का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है।[1]
गुरुग्राम स्थित मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स के मारेंगो एशिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो एंड स्पाइन (MAIINS) के चेयरमैन, डॉ. प्रवीण गुप्ता (Dr. Praveen Gupta) के अनुसार, स्ट्रोक के शुरुआती चेतावनी संकेतों को पहचानना जीवन बचाने और मस्तिष्क को होने वाले दीर्घकालिक नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।[1] कई बार स्ट्रोक अचानक आता है, लेकिन अक्सर शरीर कुछ सूक्ष्म चेतावनी संकेत देता है जिन्हें यदि समय पर पहचान लिया जाए तो गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।[1][5]
स्ट्रोक के 5 प्रमुख शुरुआती चेतावनी संकेत (5 Early Warning Signs of Stroke):
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि कुछ शुरुआती लक्षण इतने सामान्य लग सकते हैं कि लोग उन्हें आसानी से नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है।[1] आइए जानते हैं उन महत्वपूर्ण संकेतों के बारे में:
- शरीर के एक तरफ सुन्नपन या कमजोरी (Numbness or Weakness on One Side): यह स्ट्रोक का सबसे आम और पहचानने योग्य लक्षण है। अचानक चेहरे, एक हाथ या एक पैर में, विशेष रूप से शरीर के एक ही तरफ, सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना एक बड़ा खतरा हो सकता है। व्यक्ति को एक हाथ उठाने में कठिनाई हो सकती है, या मुस्कुराने पर चेहरे का एक हिस्सा नीचे लटक सकता है।[2][3]
- भ्रम या बोलने और समझने में कठिनाई (Confusion or Difficulty Understanding Speech): अचानक भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना, किसी की बात समझने में परेशानी होना, या अपने विचारों को शब्दों में व्यक्त करने में कठिनाई होना स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। व्यक्ति की बोली अस्पष्ट (Slurred Speech) या बेतरतीब हो सकती है।[3][4]
- दृष्टि में अचानक परिवर्तन (Sudden Vision Changes): एक या दोनों आँखों से अचानक धुंधला दिखना, दोहरा दिखना (Double Vision), या पूरी तरह से दिखना बंद हो जाना भी स्ट्रोक का एक महत्वपूर्ण चेतावनी संकेत है।[2][4] यह मस्तिष्क के उस हिस्से में रक्त प्रवाह की समस्या को इंगित करता है जो दृष्टि को नियंत्रित करता है।
- चलने में कठिनाई, चक्कर आना या संतुलन खोना (Difficulty Walking, Dizziness, or Loss of Balance): बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक चलने में लड़खड़ाहट, चक्कर आना, शरीर का संतुलन बनाए रखने में परेशानी होना या समन्वय की कमी महसूस होना स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है।[2][3]
- बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक तेज सिरदर्द (Sudden Severe Headache with No Known Cause): अचानक, बहुत तेज और असहनीय सिरदर्द, जिसे अक्सर “जीवन का सबसे खराब सिरदर्द” के रूप में वर्णित किया जाता है, स्ट्रोक का एक गंभीर संकेत हो सकता है, खासकर यदि यह उल्टी, चक्कर या चेतना में बदलाव के साथ हो।[2][5]
अस्थायी इस्केमिक अटैक (TIA) या ‘मिनी-स्ट्रोक’: एक बड़ी चेतावनी
कभी-कभी ये लक्षण कुछ मिनटों या घंटों के लिए दिखाई देकर अपने आप ठीक हो सकते हैं। ऐसी स्थिति को अस्थायी इस्केमिक अटैक (Transient Ischemic Attack – TIA) या ‘मिनी-स्ट्रोक’ कहा जाता है।[2] डॉ. गुप्ता चेतावनी देते हैं कि टीआईए को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह अक्सर एक पूर्ण विकसित स्ट्रोक का अग्रदूत होता है।[1][4] टीआईए के लक्षणों का अनुभव होने पर भी तत्काल चिकित्सा सहायता लेना अनिवार्य है।
B.E. F.A.S.T. नियम: स्ट्रोक को पहचानने का आसान तरीका
स्ट्रोक के लक्षणों को आसानी से याद रखने और तुरंत कार्रवाई करने के लिए B.E. F.A.S.T. एक्रोनिम का उपयोग किया जाता है:[2][3]
- B – Balance (संतुलन): क्या व्यक्ति ने अचानक संतुलन या समन्वय खो दिया है?
- E – Eyes (आँखें): क्या व्यक्ति को अचानक धुंधला या दोहरा दिखाई दे रहा है, या एक या दोनों आँखों की दृष्टि चली गई है?
- F – Face Drooping (चेहरा लटकना): क्या व्यक्ति के चेहरे का एक तरफ सुन्न या लटका हुआ है? क्या उनकी मुस्कान असमान है?
- A – Arm Weakness (बांह की कमजोरी): क्या एक बांह कमजोर या सुन्न है? क्या व्यक्ति दोनों बाहों को समान रूप से ऊपर उठाने में असमर्थ है?
- S – Speech Difficulty (बोलने में कठिनाई): क्या व्यक्ति की बोली अस्पष्ट है? क्या उन्हें बात समझने या दोहराने में कठिनाई हो रही है?
- T – Time to call emergency services (आपातकालीन सेवाओं को तुरंत कॉल करने का समय): यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण देखते हैं, तो समय बर्बाद न करें। तुरंत एम्बुलेंस या आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को कॉल करें।
स्ट्रोक में समय का महत्व: “Time is Brain”
स्ट्रोक के मामले में, हर पल कीमती होता है। जितनी जल्दी रोगी को चिकित्सा सहायता मिलेगी, मस्तिष्क को होने वाले नुकसान को उतना ही कम किया जा सकता है और ठीक होने की संभावना उतनी ही बेहतर होती है। इसे “टाइम इज ब्रेन” (Time is Brain) के सिद्धांत के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि हर गुजरते सेकंड के साथ मस्तिष्क की लाखों कोशिकाएं मर सकती हैं।
युवाओं और महिलाओं में स्ट्रोक के लक्षण (Stroke Symptoms in Younger Adults and Women):
हालांकि स्ट्रोक को अक्सर वृद्ध लोगों की बीमारी माना जाता है, यह किसी भी उम्र में, यहां तक कि युवाओं को भी प्रभावित कर सकता है। युवाओं में अचानक हाथों में सुन्नपन, भ्रम, चलने या संतुलन में समस्या और गंभीर सिरदर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।[2]
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि महिलाएं कभी-कभी पुरुषों की तुलना में थोड़े अलग या अतिरिक्त लक्षण अनुभव कर सकती हैं, जैसे:[2]
- सामान्य कमजोरी
- भ्रम या भटकाव (Disorientation)
- थकान, मतली या उल्टी
निष्कर्ष: लक्षणों को पहचानें, तुरंत कार्रवाई करें
स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, लेकिन इसके शुरुआती चेतावनी संकेतों की पहचान करके और तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करके जीवन बचाया जा सकता है और विकलांगता को कम किया जा सकता है।[3] अपने और अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। यदि आपको या आपके आसपास किसी को भी स्ट्रोक के उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो बिना किसी देरी के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। आपकी त्वरित कार्रवाई किसी का जीवन बदल सकती है।