Piles, जिसे पाइल्स या हेमोरॉयड्स (Hemorrhoids) भी कहा जाता है, एक ऐसी दर्दनाक और कष्टदायक बीमारी है जो व्यक्ति के दैनिक जीवन को नर्क बना सकती है। इसमें गुदा (Anus) और मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है और मस्से बन जाते हैं, जिससे बैठना, चलना और मल त्याग करना भी दूभर हो जाता है। कब्ज (Constipation) इस बीमारी का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है।
आधुनिक चिकित्सा में इसके इलाज के लिए ऑपरेशन (Surgery) का सहारा लिया जाता है, जो न केवल महंगा है बल्कि कई बार दोबारा होने का खतरा भी बना रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद (Ayurveda) में इसका एक ऐसा अचूक और सस्ता घरेलू उपाय मौजूद है, जिससे बिना किसी चीरे या टांके के, 3 दिनों में बवासीर के मस्से सूखकर गिर सकते हैं?
जी हां, यह कोई कहानी नहीं बल्कि एक प्रसिद्ध राजस्थानी वैद्य द्वारा बताया गया एक प्राचीन और आजमाया हुआ नुस्खा है, जिसे आप आसानी से घर पर ही तैयार कर सकते हैं।
न चीरा-न टांका, 3 दिन में जड़ से खत्म होगी बवासीर
प्रसिद्ध राजस्थानी वैद्य जगदीश सुमन ने बवासीर का एक ऐसा सरल और चमत्कारी घरेलू उपाय बताया है, जो सालों पुरानी और गंभीर बवासीर पर भी कारगर साबित हुआ है। उन्होंने दावा किया है कि इस नुस्खे का इस्तेमाल करने से पुराने से पुराने मरीज को भी सिर्फ तीन दिनों में आराम मिल सकता है।
इस रामबाण नुस्खे के लिए क्या-क्या चाहिए?
इस अचूक दवा को बनाने के लिए आपको सिर्फ 4 चीजों की जरूरत होगी, जो आपकी रसोई में या आसपास आसानी से उपलब्ध हैं:
- नारियल के छिलके (जटा): 2 नारियल के सूखे छिलके (Coconut Husk)।
- कच्ची लस्सी (छाछ): लगभग एक गिलास ताजा छाछ (Buttermilk)।
- फिटकरी (Alum): मटर के दाने के बराबर फिटकरी का एक छोटा टुकड़ा।
- एक केला (Banana): एक पका हुआ केला।
कैसे तैयार करें यह आयुर्वेदिक नुस्खा?
इसे तैयार करने की विधि बहुत ही सरल है:
पहला स्टेप: राख तैयार करें
- सबसे पहले, नारियल के छिलकों (जटा) को किसी खुले और सुरक्षित स्थान पर अच्छी तरह से जला लें।
- जब छिलके जलकर पूरी तरह से राख (Ash) बन जाएं, तो आग को बुझा दें और राख को ठंडा होने दें।
- ठंडी हो चुकी राख को अच्छी तरह से हाथ से मसलकर या किसी कपड़े से छानकर एक महीन पाउडर बना लें।
- इस पाउडर को एक साफ और सूखी डिब्बी में भरकर रख लें। आपकी दवा का मुख्य घटक तैयार है।
दूसरा स्टेप: केले में फिटकरी भरें
- एक केले को बीच में से लंबाई में हल्का सा काटें (पूरा अलग न करें)।
- अब मटर के दाने के बराबर फिटकरी को उस केले के चीरे में अंदर डाल दें।
कैसे करें इस नुस्खे का इस्तेमाल?
वैद्य जगदीश सुमन के अनुसार, इस नुस्खे का सही तरीके से पालन करना बहुत जरूरी है ताकि आपको 100% रिजल्ट मिल सके।
- सेवन का तरीका: आपको यह नुस्खा लगातार तीन दिनों तक, सुबह खाली पेट लेना है।
- दिन 1: सुबह खाली पेट, नारियल की जटा की तैयार राख को एक गिलास कच्ची लस्सी (छाछ) में मिलाकर पी जाएं। इसके ठीक बाद, फिटकरी भरा हुआ केला भी खा लें।
- दिन 2 और 3: यही प्रक्रिया दूसरे और तीसरे दिन भी दोहराएं।
- कितना लेना है: ध्यान रहे कि एक बार में केवल उतनी ही राख का सेवन करना है, जितनी आप आसानी से छाछ के साथ पी सकें (लगभग आधा से एक चम्मच)।
वैद्य का दावा है कि “ऐसे बहुत से लोग हैं जो कहते हैं कि उन्हें 20 साल से बवासीर है, ऑपरेशन भी करा लिया लेकिन ठीक नहीं हो रही। ऐसे लोगों को इस नुस्खे से सिर्फ तीन दिनों में आराम मिल सकता है।“
बवासीर होने के मुख्य कारण
इस इलाज के साथ-साथ यह भी जानना जरूरी है कि बवासीर आखिर होती क्यों है, ताकि आप भविष्य में इससे बच सकें:
- लंबे समय तक रहने वाला कब्ज।
- बहुत ज्यादा मसालेदार और तला-भुना भोजन।
- पानी कम पीना और फाइबर की कमी वाला आहार।
- लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना।
- मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी।
- गर्भावस्था।
यह आयुर्वेदिक नुस्खा बवासीर के मस्सों को सुखाने और जड़ से खत्म करने में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह सस्ता, सुलभ और प्राकृतिक है, जिसका कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं है।
डिस्क्लेमर: यह लेख एक इंस्टाग्राम रील में दी गई जानकारी और पारंपरिक नुस्खों पर आधारित है। किसी भी नुस्खे को आजमाने से पहले कृपया किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक या अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। नवभारत टाइम्स इसकी सत्यता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।