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Cardiac Arrest (दिल के दौरे) के बाद डरें नहीं, इन योगासनों से करें नई शुरुआत

Published On: June 20, 2025
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दिल के दौरे के बाद डरें नहीं, इन योगासनों से करें नई शुरुआत।
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Cardiac Arrest: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हृदय संबंधी समस्याएं, जैसे हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest), एक आम चिंता का विषय बन गई हैं। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। किसी भी कार्डियक घटना के बाद, शरीर और मन दोनों पर गहरा असर पड़ता है। इस स्थिति से उबरने की प्रक्रिया, जिसे कार्डियक रिहैबिलिटेशन (Cardiac Rehabilitation) कहा जाता है, बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया में सिर्फ दवाएं ही नहीं, बल्कि सही जीवनशैली, खानपान और हल्का व्यायाम भी शामिल होता है।

जब बात हल्के और प्रभावी व्यायाम की आती है, तो योग (Yoga) का नाम सबसे पहले आता है। योग न केवल शारीरिक शक्ति लौटाने में मदद करता है, बल्कि यह तनाव (Stress) और चिंता को कम करने का भी एक शक्तिशाली माध्यम है, जो हृदय रोगियों के लिए बेहद जरूरी है। हार्ट अटैक के बाद रिकवरी (Heart Attack Recovery) के दौरान योग करने से रक्त संचार (Blood Circulation) बेहतर होता है, हृदय की मांसपेशियां धीरे-धीरे मजबूत होती हैं और मानसिक शांति मिलती है।

अत्यंत महत्वपूर्ण नोट: किसी भी कार्डियक घटना के बाद कोई भी नया व्यायाम या योगासन शुरू करने से पहले हमेशा अपने कार्डियोलॉजिस्ट या डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। उनकी अनुमति के बाद ही किसी प्रशिक्षित योग गुरु के मार्गदर्शन में इन आसनों का अभ्यास करें।

आइए जानते हैं उन 5 सरल योगासनों के बारे में जो दिल की सेहत (Heart Health) को सुधारने और रिकवरी प्रक्रिया को तेज करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

1. ताड़ासन (Tadasana or Mountain Pose)

ताड़ासन को सभी योगासनों का आधार माना जाता है। यह एक सरल लेकिन बहुत प्रभावी आसन है, जो शरीर में संतुलन और स्थिरता लाता है।

  • कैसे करें (How to do):
    1. सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें।
    2. दोनों हाथों को शरीर के साथ सीधा रखें।
    3. गहरी सांस लेते हुए, अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और उंगलियों को आपस में फंसा लें।
    4. अब एड़ियों को उठाते हुए अपने शरीर को पंजों के बल पर संतुलित करने का प्रयास करें।
    5. शरीर में खिंचाव महसूस करें और कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें।
    6. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
  • दिल के लिए फायदे (Benefits for Heart):
    यह आसन छाती और कंधों में हल्का खिंचाव पैदा करता है, जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह पूरे शरीर में रक्त संचार को बेहतर (Improves Blood Circulation) बनाने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित (Regulates Blood Pressure) करने में मदद करता है।

2. वृक्षासन (Vrikshasana or Tree Pose)

वृक्षासन संतुलन और एकाग्रता बढ़ाने वाला एक बेहतरीन आसन है। इसका अभ्यास मन को शांत करता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।

  • कैसे करें (How to do):
    1. ताड़ासन की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं।
    2. अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाहिने पैर के तलवे को बाईं जांघ पर रखें।
    3. संतुलन बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।
    4. गहरी सांस लेते हुए, अपने हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में छाती के सामने लाएं या सिर के ऊपर उठाएं।
    5. जितनी देर हो सके, संतुलन बनाए रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
    6. धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं और दूसरे पैर से दोहराएं।
  • दिल के लिए फायदे (Benefits for Heart):
    यह आसन तनाव और चिंता को कम करने (Reduces Stress and Anxiety) में सीधे तौर पर मदद करता है। शांत मन हृदय की धड़कन को सामान्य रखने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जो हृदय रोगियों के लिए (For Heart Patients) बहुत फायदेमंद है।

3. भुजंगासन (Bhujangasana or Cobra Pose) – सौम्य रूप

हार्ट अटैक के बाद भुजंगासन का केवल सौम्य या अर्ध-भुजंगासन रूप ही करना चाहिए। इसमें शरीर को बहुत ज्यादा ऊपर नहीं उठाना होता है।

  • कैसे करें (How to do):
    1. पेट के बल लेट जाएं, माथा जमीन पर और पैर सीधे रखें।
    2. अपनी हथेलियों को कंधों के नीचे जमीन पर रखें।
    3. एक गहरी सांस लें और धीरे-धीरे अपने सिर, छाती और पेट के ऊपरी हिस्से को उठाएं।
    4. ध्यान रहे कि नाभि जमीन पर ही रहे और कंधों पर कोई दबाव न हो।
    5. कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रुकें और सामान्य रूप से सांस लें।
    6. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।
  • दिल के लिए फायदे (Benefits for Heart):
    यह आसन छाती की मांसपेशियों को खोलता है और उन्हें लचीला बनाता है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे हृदय को अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलता है। यह हृदय को मजबूत बनाने वाले व्यायाम (Exercise to Strengthen Heart) में से एक है।

4. सुखासन (Sukhasana or Easy Pose)

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह एक आरामदायक और ध्यान केंद्रित करने वाला आसन है।

  • कैसे करें (How to do):
    1. फर्श पर पालथी मारकर बैठ जाएं, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
    2. अपने हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
    3. आंखें बंद करें और अपना पूरा ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित करें।
    4. धीरे-धीरे और गहरी सांस लें और छोड़ें। 5-10 मिनट तक इसका अभ्यास करें।
  • दिल के लिए फायदे (Benefits for Heart):
    सुखासन में किया गया प्राणायाम (सांसों का व्यायाम) सीधे तौर पर नर्वस सिस्टम को शांत करता है। यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करने (Lowers High Blood Pressure) और तनाव के हार्मोन (कोर्टिसोल) को घटाने में अत्यंत प्रभावी है। दिल के दौरे के बाद देखभाल (Post Heart Attack Care) में यह एक अनिवार्य अभ्यास होना चाहिए।

5. शवासन (Shavasana or Corpse Pose)

शवासन योग सत्र का सबसे महत्वपूर्ण आसन है, खासकर रिकवरी के दौरान। यह शरीर और मन को पूर्ण विश्राम देता है।

  • कैसे करें (How to do):
    1. पीठ के बल सीधे लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें और हाथों को शरीर से थोड़ा दूर, हथेलियों को ऊपर की ओर खुला रखें।
    2. शरीर के हर अंग को ढीला छोड़ दें, जैसे- पैर, हाथ, पेट, कंधे और चेहरा।
    3. आंखें बंद करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। अपना ध्यान अपनी आती-जाती सांसों पर लगाएं।
    4. कम से कम 10-15 मिनट तक इस अवस्था में रहें।
  • दिल के लिए फायदे (Benefits for Heart):
    शवासन शरीर को गहरी मरम्मत (Deep Repair) की स्थिति में ले जाता है। यह हृदय गति को धीमा करता है, ब्लड प्रेशर को कम करता है और मानसिक थकान को पूरी तरह से मिटा देता है। यह कार्डियक रिकवरी प्रक्रिया का सबसे सुरक्षित और सबसे फायदेमंद हिस्सा है।

निष्कर्ष (Conclusion)

कार्डियक इवेंट के बाद योग (Yoga after a Cardiac Event) एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जिससे आप न केवल अपनी शारीरिक शक्ति वापस पा सकते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बन सकते हैं। इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपने दिल की सेहत का बेहतर ख्याल रख सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। याद रखें, धैर्य रखें और अपने शरीर की सुनें।


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