Apple market: एक जमाना था जब भारत में आईफोन (iPhone) को सिर्फ अमीरों का खिलौना या एक ‘स्टेटस सिंबल’ समझा जाता था। इसकी ऊंची कीमत के कारण आम भारतीय ग्राहक इसे खरीदने से बचते थे और एंड्रॉयड स्मार्टफोन का ही दबदबा था। लेकिन, आज तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। ऐप्पल (Apple) ने भारतीय बाजार में ऐसी धुआंधार बिक्री की है कि उसने स्मार्टफोन की दुनिया के सारे समीकरण बदल दिए हैं। आज कंपनी ने भारत के कुल स्मार्टफोन मार्केट (Smartphone Market) के लगभग 8 प्रतिशत हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया है, जो कुछ साल पहले तक अकल्पनीय था।
आंकड़ों की कहानी: 1% से 8% तक का अविश्वसनीय सफर
ऐप्पल का भारत में यह उदय किसी चमत्कार से कम नहीं है। आइए आंकड़ों पर नजर डालते हैं कि कैसे कंपनी ने पिछले कुछ सालों में एक शानदार छलांग लगाई है:
- 2019: इस साल ऐप्पल के पास भारतीय स्मार्टफोन मार्केट का सिर्फ 1 प्रतिशत हिस्सा था।
- 2022: यहां से कंपनी ने तेजी से बढ़ोतरी शुरू की और तीन सालों में 4.6 प्रतिशत मार्केट शेयर अपने नाम कर लिया।
- 2023 (पहली छमाही): ग्रोथ की यह रफ्तार जारी रही और कंपनी का मार्केट शेयर बढ़कर 6 प्रतिशत हो गया।
- 2024 (अक्टूबर-दिसंबर तिमाही): त्योहारी सीजन और नए लॉन्च के दम पर ऐप्पल की बिक्री आसमान छू गई और इसका मार्केट शेयर 9-10 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
- 2025 (दूसरी तिमाही): इस साल भी यह गति बनी हुई है और कंपनी ने 7.5 प्रतिशत से ज्यादा मार्केट शेयर अपने नाम कर लिया है।
यह आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि ऐप्पल अब भारत में सिर्फ एक ‘प्रीमियम’ ब्रांड नहीं, बल्कि एक ‘मास-प्रीमियम’ ब्रांड बन चुका है और अब यह देश की सबसे ज्यादा फोन बेचने वाली टॉप कंपनियों में शुमार हो गया है।
ऐप्पल की यह दमदार प्लानिंग ला रही है रंग
आखिर ऐप्पल ने ऐसा क्या किया कि भारतीय ग्राहक जो पहले आईफोन के नाम से ही कतराते थे, अब उसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं? इसके पीछे कंपनी की एक सोची-समझी और बहु-आयामी रणनीति है:
- सही टाइमिंग और शानदार ऑफर्स: ऐप्पल ने भारत में अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने की टाइमिंग को ग्लोबल लॉन्च के साथ मिला दिया है। इसके साथ-साथ, ट्रेड-इन स्कीम्स (पुराने फोन के बदले नया आईफोन), कैशबैक के लिए प्रमुख बैंकों के साथ साझेदारी और आसान EMI प्लान्स ने आईफोन को आम आदमी की पहुंच में ला दिया है।
- फेस्टिव सीजन पर फोकस: दीवाली और अन्य त्योहारी सीजन में मिलने वाले भारी डिस्काउंट और ऑनलाइन सेल्स (Amazon, Flipkart) पर आकर्षक डील्स भी बिक्री बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इसी वजह से कंपनी पिछले साल की आखिरी तिमाही में सबसे ज्यादा फोन बेचने वाली टॉप पांच कंपनियों में शामिल हो पाई थी।
- ‘मेड इन इंडिया’ का जादू: ऐप्पल अब भारत में तेजी से अपना प्रोडक्शन बढ़ा रहा है। अब दुनिया में बिकने वाला हर पांच में से एक आईफोन भारत में बन रहा है। इससे न सिर्फ लागत कम हुई है, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ टैग ने भारतीय ग्राहकों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव भी पैदा किया है।
- रिटेल स्टोर्स का विस्तार: पिछले कुछ सालों में ऐप्पल ने भारत में अपने आधिकारिक रिटेल स्टोर भी खोले हैं। 2023 में खुद ऐप्पल के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) ने दिल्ली और मुंबई के आलीशान स्टोर्स का उद्घाटन किया था, जिससे ब्रांड की विजिबिलिटी और विश्वसनीयता दोनों बढ़ी है।
संक्षेप में, एग्रेसिव प्राइसिंग, आसान फाइनेंसिंग ऑप्शन, स्थानीय उत्पादन और एक मजबूत रिटेल उपस्थिति के दम पर ऐप्पल ने भारत के स्मार्टफोन बाजार में एक ऐसी क्रांति ला दी है, जिसने सैमसंग, श्याओमी और वीवो जैसी स्थापित कंपनियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।