भारत में स्वास्थ्य (Health Insurance) और जीवन बीमा (Life Insurance) पॉलिसी खरीदना अब सस्ता हो सकता है! GST काउंसिल द्वारा हाल ही में व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर GST की दर को 18% से घटाकर शून्य (Zero) करने के फैसले के बाद, बीमा धारकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि इसका उन्हें कितना और कैसे फायदा मिलेगा। इस बड़े बदलाव पर, एडमे इंश्योरेंस ब्रोकर्स (Edme Insurance Brokers) ने स्पष्ट किया है कि बीमा कंपनियां इस टैक्स कटौती का “सर्वश्रेष्ठ संभव लाभ” (best possible benefit) ग्राहकों तक पहुंचा सकती हैं।
GST कटौती का कितना फायदा मिलेगा आपको? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पूर्व में आदित्य बिड़ला इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड (ABIBL) के नाम से जानी जाने वाली, एडमे इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO), गौरव गुप्ता ने एक इंटरव्यू में इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया, “व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर प्रीमियम पर GST को शून्य करने के साथ, अब बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit – ITC) का लाभ नहीं उठा सकतीं।“
क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गणित?
पहले, बीमा कंपनियां बीमा प्रीमियम पर लगे GST पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाती थीं और इसका उपयोग ब्रोकरेज, कमीशन और अपने ओवरहेड खर्चों के लिए करती थीं। अब, GST शून्य होने से उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा।
गौरव गुप्ता ने समझाया, “GST कटौती का कितना लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुपस्थिति के साथ अपनी कीमतों को कैसे समायोजित करती हैं। हो सकता है कि पूरा लाभ न दिया जाए, लेकिन उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम संभव विकल्प दिया जाएगा।“
कब से मिल सकता है फायदा और रिन्यूअल का क्या होगा?
ग्राहकों को इस राहत के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
- लग सकता है 1-2 महीने का समय: गुप्ता ने कहा कि बीमा कंपनियों को मूल्य निर्धारण (pricing) पर आम सहमति बनाने में कुछ समय लगेगा, खासकर नए उत्पादों के लिए। उन्होंने कहा कि एक या दो महीने में, बीमा कंपनियां मूल्य निर्धारण को सुलझा लेंगी।
- रिन्यूअल पर भी मिलेगा लाभ: सबसे अच्छी खबर यह है कि इस टैक्स कटौती का लाभ पॉलिसी रिन्यूअल पर भी दिया जाएगा, भले ही रिन्यूअल की शर्तों में कुछ संशोधन हो।
- जनवरी से बढ़ेगी बीमा की पैठ: उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि जनवरी से व्यक्तिगत पॉलिसियों की पैठ (penetration) बढ़ेगी, क्योंकि उस समय लोग टैक्स बचाने के उद्देश्य से बीमा पॉलिसियां खरीदना शुरू करते हैं।
एडमे इंश्योरेंस ब्रोकर्स का विस्तार और नई नौकरियां
इस इंटरव्यू में, एडमे इंश्योरेंस ब्रोकर्स की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO), जोनिका जैन ने कंपनी की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया।
- बनी भारत की तीसरी सबसे बड़ी ब्रोकर: यूके स्थित UIB के भारतीय परिचालन का अधिग्रहण करने और अपने साथ विलय करने के बाद, एडमे भारत में तीसरी सबसे बड़ी बीमा ब्रोकर बन गई है।
- 5 साल में दोगुनी होगी कर्मचारियों की संख्या: उन्होंने कहा कि कंपनी अगले पांच वर्षों में अपने कर्मचारियों की संख्या 500 से बढ़ाकर 1,000 करेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- अंतरराष्ट्रीय विस्तार: कंपनी UAE, UK और सिंगापुर में भी अपने परिचालन का विस्तार करने की योजना बना रही है।
GST में यह कटौती निश्चित रूप से बीमा सेक्टर और आम आदमी, दोनों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, जिससे स्वास्थ्य और जीवन बीमा को और अधिक किफायती बनाने में मदद मिलेगी।