Odisha Police: समाज की रक्षा का जिम्मा उठाने वाली खाकी वर्दी ही जब असुरक्षित हो जाए, तो आम नागरिक कहां जाएगा? ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ट्रैफिक कांस्टेबल (Woman Traffic Constable) की बेरहमी से हत्या कर दी गई। और भी दर्दनाक बात यह है कि हत्या के इस जघन्य अपराध में शक की सुई किसी और पर नहीं, बल्कि उसके अपने ही पति (Husband) पर जाकर टिकी है।
7 सितंबर से लापता चल रही महिला कांस्टेबल का शव कई दिनों बाद एक जंगल से इस हाल में मिला कि देखने वालों की रूह कांप जाए।
जंगल में इस हाल में मिला शव… क्या है पूरी कहानी?
यह दिल दुखाने वाली घटना है भुवनेश्वर में तैनात महिला ट्रैफिक कांस्टेबल शुभमित्र साहू (Shubhmitra Sahu) की। शुभमित्र मूल रूप से जगतसिंहपुर जिले के पारादीप की रहने वाली थीं और 6 सितंबर को अचानक लापता हो गईं थीं। परिवार ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कई दिनों तक उनका कोई सुराग नहीं मिला।
लगभग 10 दिन बाद, 17 सितंबर को, शुभमित्र का क्षत-विक्षत (mutilated) शव भुवनेश्वर से करीब 170 किलोमीटर दूर, क्योंझर जिले के एक घने जंगल से बरामद किया गया। शव की हालत देखकर यह साफ था कि उनकी हत्या कर शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई है।
‘रेड फ्लैग’ मामला घोषित, पति समेत 3 गिरफ्तार!
मामले की संवेदनशीलता और जघन्यता को देखते हुए, ओडिशा पुलिस ने इस केस को त्वरित जांच और कड़ी निगरानी के लिए ‘रेड फ्लैग’ (Red Flag Case) मामले के रूप में वर्गीकृत किया है। भुवनेश्वर के उपायुक्त जगमोहन मीणा ने बताया कि ‘रेड फ्लैग’ श्रेणी महिलाओं के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों जैसे बलात्कार और हत्या पर लागू होती है, ताकि जांच को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सके और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके।
इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शामिल हैं:
- दीपक कुमार राउत (39): मृतक शुभमित्र साहू का पति और इस मामले का मुख्य आरोपी (Main Accused)।
- बिनोद बिहारी भुइयां (38): दीपक का रिश्तेदार।
- शंभूनाथ महंत (23): एक अन्य साथी।
पुलिस का आरोप है कि बिनोद और शंभूनाथ ने आपराधिक षड्यंत्र रचने और सबूतों को नष्ट करने में मुख्य आरोपी दीपक राउत की मदद की थी।
क्या अपने ही निकले कातिल? पति पर क्यों है शक?
पुलिस जांच में जो शुरुआती तथ्य सामने आए हैं, वे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि शुभमित्र की हत्या एक सोची-समझी साजिश का नतीजा हो सकती है और इसके पीछे कोई अपना ही है।
- लापता होने की कहानी: शुभमित्र 6 सितंबर को लापता हुई थीं। शुरुआती जांच में उनके पति दीपक ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की हो सकती है।
- शव को ठिकाने लगाना: शव का भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर दूर एक जंगल में मिलना यह दर्शाता है कि हत्या के बाद सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की गई।
- रिश्तेदार की संलिप्तता: दीपक के रिश्तेदार की गिरफ्तारी इस बात को और पुख्ता करती है कि इस हत्याकांड को कई लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है।
पुलिस अब तीनों आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि हत्या के पीछे के असली मकसद का पता लगाया जा सके। क्या यह घरेलू कलह का नतीजा था, कोई संपत्ति विवाद, या फिर कोई और गहरी साजिश? इन सभी सवालों के जवाब अब पुलिस जांच के बाद ही सामने आएंगे। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर रिश्तों में भरोसे के कत्ल और समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।