Mizoram mein Modi: पूर्वोत्तर भारत (Northeast India) के विकास की कहानी में शनिवार को एक नया और सुनहरा अध्याय जुड़ गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम की पहली-पहली रेलवे लाइन (Mizoram’s First Railway Line) का उद्घाटन किया। बैराबी-सैरंग ब्रॉड-गेज परियोजना (Bairabi–Sairang broad-gauge project) का शुभारंभ कर पीएम मोदी ने राज्य के लोगों को एक ऐसा तोहफा दिया, जिसका वे दशकों से इंतजार कर रहे थे।
यह सिर्फ एक रेलवे लाइन नहीं, बल्कि मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जो राज्य के विकास और कनेक्टिविटी को एक नई उड़ान देगा।
₹8,070 करोड़ की लागत, 45 सुरंगें और कुतुब मीनार से ऊंचा पुल: जानें इस रेलवे लाइन की खासियतें
₹8,070 करोड़ की भारी-भरकम लागत से बनी यह 51.38 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन भारतीय रेलवे के इतिहास की सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि:
- 15 साल का इंतजार: इस परियोजना को 2008-09 में मंजूरी मिली थी, और इसका निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ।
- इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना: इस लाइन पर 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल, और 87 छोटे पुल हैं। इसका लगभग 54% हिस्सा सुरंगों और पुलों से होकर ही गुजरता है।
- कुतुब मीनार से भी ऊंचा पुल: सैरंग के पास स्थित पुल संख्या 144 इस परियोजना का सबसे आकर्षक हिस्सा है। 114 मीटर की ऊंचाई के साथ, यह दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा है, जो इसे देश का सबसे ऊंचा पियर रेलवे पुल बनाता है।
- नए स्टेशन: इस परियोजना के तहत होर्टोकी, कौनपुई, मुआलखांग और सैरंग जैसे चार नए रेलवे स्टेशन भी बने हैं।
क्यों है यह रेलवे लाइन एक ‘गेम-चेंजर’?
यह नई रेलवे लाइन असम-मिजोरम सीमा पर स्थित बैराबी से कनेक्टिविटी को सैरंग तक बढ़ाती है, जो राज्य की राजधानी आइजोल (Aizawl) से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर है।
- पहली बार सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ी राजधानी: इस परियोजना के साथ, आइजोल पहली बार भारत के मुख्य रेलवे नेटवर्क से सीधे जुड़ गया है।
- चौथी पूर्वोत्तर राजधानी: गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद, आइजोल सीधी रेल पहुंच प्राप्त करने वाली चौथी पूर्वोत्तर राजधानी बन गई है।
आइजोल से दिल्ली तक का सफर: नई राजधानी एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी
इस ऐतिहासिक मौके पर, प्रधानमंत्री ने तीन नई लंबी दूरी की ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई, जो मिजोरम के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है:
- सैरंग-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (Sairang–Delhi Rajdhani Express)
- सैरंग-गुवाहाटी एक्सप्रेस (Sairang–Guwahati Express)
- सैरंग-कोलकाता एक्सप्रेस (Sairang–Kolkata Express)
भारतीय रेलवे के अनुसार, उद्घाटन वाली राजधानी एक्सप्रेस शनिवार सुबह 10 बजे सैरंग से रवाना हुई और 15 सितंबर को दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी।
चट्टानों और नदियों के बीच से रेल बनाना: एक ‘हिमालयी’ चुनौती
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि यह लाइन “सुरक्षित, कुशल और लागत प्रभावी यात्रा विकल्प” प्रदान करेगी, जबकि खाद्य अनाज और उर्वरक जैसी आवश्यक वस्तुओं की समय पर आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेखांकित किया कि इस परियोजना को “हिमालयी भूविज्ञान और जटिल इलाके” जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि सुरंग बनाने से पहले इंजीनियरों को ढीली रेत को चट्टान के रूप में ठोस बनाना पड़ा था।
रेलवे लाइन के अलावा और भी कई सौगातें
रेल परियोजना के साथ-साथ, प्रधानमंत्री ने ₹9,000 करोड़ से अधिक के विभिन्न बुनियादी ढांचा कार्यों का भी शिलान्यास किया, जिसमें सड़कें, पुल और एक एलपीजी बॉटलिंग प्लांट शामिल हैं। यह सभी परियोजनाएं मिजोरम को केंद्र सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ (Act East Policy) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
अधिकारियों का कहना है कि बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन से राज्य में लॉजिस्टिक्स और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, यात्रा का समय कम होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे मिजोरम के आम लोगों का दैनिक जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा।