Vitamin D deficiency: हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, और उन्हीं में से एक है विटामिन डी (Vitamin D), जिसे ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहा जाता है। अक्सर लोग विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह चुप्पी साधे हुए एक ऐसा दुश्मन है जो धीरे-धीरे आपके शरीर, खासकर आपकी हड्डियों को खोखला कर सकता है। अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ धूप सेंकने या दूध पीने से आपके शरीर की विटामिन डी की जरूरत पूरी हो जाएगी, तो आप एक बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं।
आज हम आपको ओस्वी हेल्थकेयर के निदेशक, डॉ. प्रखर सिंह द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर बताएंगे कि विटामिन डी की कमी के क्या गंभीर नुकसान हैं, क्यों सिर्फ धूप-दूध से बात नहीं बनती, और कैसे आप मात्र ₹16 में अपनी 206 हड्डियों को बुढ़ापे तक लोहे जैसा मजबूत बनाए रख सकते हैं।
क्यों है विटामिन डी इतना जरूरी
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए सिर्फ एक विटामिन नहीं, बल्कि एक हार्मोन की तरह काम करता है।
- कैल्शियम का अवशोषण: इसका सबसे महत्वपूर्ण काम हमारे शरीर में कैल्शियम (Calcium) को अवशोषित करने में मदद करना है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होगी, तो आप कितना भी कैल्शियम युक्त भोजन खा लें, वह आपकी हड्डियों तक नहीं पहुंचेगा, और हड्डियां कमजोर होने लगेंगी।
- हार्मोन संतुलन: यह पैराथॉर्मोन (Parathormone) को भी संतुलित करता है, जो कैल्शियम के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
- अन्य फायदे: विटामिन डी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और सूजन को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है।
कमी के लक्षण: विटामिन डी की कमी से शरीर में सूजन, लगातार बदन दर्द, कमर दर्द, कंधों में दर्द और जोड़ों का दर्द (Joint Pain) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्यों सिर्फ धूप के भरोसे रहना है एक बड़ी गलती
आमतौर पर यह माना जाता है कि धूप में खड़े होने से पर्याप्त विटामिन डी मिल जाता है। लेकिन डॉ. प्रखर सिंह बताते हैं कि भारत जैसे देश, जहां साल भर तेज धूप रहती है, वहां भी लोगों में इसकी भारी कमी पाई जाती है। इसके पीछे कुछ ठोस वैज्ञानिक कारण हैं:
- बदलता लाइफस्टाइल: हमारा आधुनिक लाइफस्टाइल और ऑफिस कल्चर हमें ज्यादातर समय चारदीवारी के अंदर रखता है, जिससे हमारा शरीर धूप के संपर्क में आ ही नहीं पाता।
- स्किन टोन और मेलेनिन: भारतीयों की त्वचा में मेलेनिन (Melanin) नामक पिगमेंट की मात्रा अधिक होती है। मेलेनिन एक तरह से प्राकृतिक सनस्क्रीन का काम करता है और सूर्य की यूवी-बी किरणों को परावर्तित कर देता है, जिससे त्वचा में विटामिन डी का निर्माण कम होता है।
- धूप लेने का सही समय: विटामिन डी के लिए सबसे फायदेमंद धूप सुबह 6 बजे से 8 बजे तक की हल्की और तिरछी किरणें होती हैं। दोपहर की तेज धूप न केवल त्वचा के लिए हानिकारक है, बल्कि यह स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकती है।
मात्र ₹16 का इंजेक्शन: साल भर के लिए विटामिन डी की कमी दूर
जब सिर्फ धूप और डाइट से विटामिन डी की कमी पूरी करना संभव न हो, तो सप्लीमेंट्स एक प्रभावी उपाय हो सकते हैं। डॉ. सिंह ने इसका एक बेहद सस्ता और असरदार तरीका बताया है:
- विटामिन डी का इंजेक्शन: डॉ. सिंह के अनुसार, आप साल में एक बार विटामिन डी का इंजेक्शन लगवा सकते हैं। यह इंजेक्शन आपके शरीर की साल भर की जरूरत को एक ही बार में पूरा कर देता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसकी कीमत बहुत ही कम, लगभग ₹16 के आसपास होती है।
- कैप्सूल या शॉट्स: दूसरा विकल्प विटामिन डी के कैप्सूल या ओरल शॉट्स हैं। आमतौर पर, डॉक्टर 12 हफ्तों तक हर हफ्ते एक 60,000 IU का कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं।
डाइट में इन चीजों को करें शामिल
सप्लीमेंट्स के अलावा, आप अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके भी विटामिन डी का स्तर सुधार सकते हैं:
- डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर और अंडे विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं।
- दालें और फलियां: इनमें भी कुछ मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है।
- फैट-सॉल्यूबल विटामिन: ध्यान रहे कि विटामिन डी एक फैट-सॉल्यूबल विटामिन है, इसलिए इसे शरीर में अवशोषित होने के लिए हेल्दी फैट्स की जरूरत होती है।
खाने को बार-बार गर्म करने की आदत छोड़ें!
डॉ. सिंह एक और महत्वपूर्ण बात पर जोर देते हैं – विटामिन डी हीट-सेंसिटिव होता है। यानी खाना ज्यादा पकाने या बार-बार गर्म करने पर इसकी मात्रा खत्म हो जाती है। भारत में खाने को बार-बार गर्म करने की आदत आम है, जिससे न केवल विटामिन डी, बल्कि अन्य पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
अपनी हड्डियों को बुढ़ापे तक मजबूत बनाए रखने के लिए, आज ही अपने विटामिन डी के स्तर की जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह से सही कदम उठाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी सप्लीमेंट या इंजेक्शन को लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।