Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजने का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राज्य की सियासी हवा गर्म होती जा रही है। राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं चुनाव आयोग (Election Commission) भी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की तैयारियों में लग गया है। इसी बीच, चुनाव की तारीखों और चरणों को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है, जिससे राज्य में राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
तीन चरणों में हो सकती है वोटिंग, नवंबर में होगा मतदान!
चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है, उसके अनुसार बिहार में विधानसभा चुनाव तीन चरणों (Three Phases) में कराए जा सकते हैं। नई विधानसभा के गठन के लिए मतदान नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में आयोजित किए जाने की संभावना है।
चुनाव की तारीखों का ऐलान कब?
सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग दुर्गापूजा के बाद, यानी अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में बिहार विधानसभा चुनाव के पूरे कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
क्यों हैं नवंबर में चुनाव की संभावना?
दरअसल, बिहार की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है। संवैधानिक बाध्यता के अनुसार, चुनाव आयोग को इस तारीख से पहले हर हाल में नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
इसे ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग राज्य के दो सबसे बड़े त्योहारों, दिवाली और छठ पूजा के बाद मतदान कराने की तैयारी में है। तारीखों का ऐलान करते समय कार्तिक पूर्णिमा के पर्व का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि त्योहारों के दौरान मतदान प्रक्रिया में कोई बाधा न आए और लोग पूरे उत्साह के साथ वोटिंग में हिस्सा ले सकें।
क्या हो सकती हैं संभावित तारीखें?
इंडिया टुडे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 22 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लक्ष्य को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि:
- मतदान (Voting): 5 नवंबर से 15 नवंबर के बीच तीन अलग-अलग तारीखों पर वोटिंग कराई जा सकती है।
- मतगणना और नतीजे (Counting and Results): वोटों की गिनती और नतीजों की घोषणा 20 नवंबर से पहले ही कर दी जाएगी।
कैसा था पिछला चुनावी गणित?
अगर हम पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो:
- साल 2020: बिहार की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में ही चुनाव हुए थे। 28 अक्टूबर (71 सीटें), 3 नवंबर (94 सीटें), और 7 नवंबर (78 सीटें) को मतदान हुआ था, जबकि नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए गए थे।
- साल 2015: उस समय राज्य में पांच चरणों में वोटिंग कराई गई थी।
इस बार भी तीन चरणों में चुनाव कराने की संभावना यह दर्शाती है कि चुनाव आयोग सुरक्षा बलों की तैनाती और चुनाव प्रबंधन को सुव्यवस्थित रखना चाहता है।
किसके बीच है मुख्य मुकाबला?
बिहार का चुनावी रण इस बार भी बेहद दिलचस्प होने वाला है। मैदान में मुख्य रूप से दो बड़े गठबंधन आमने-सामने होंगे:
- एनडीए (NDA): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए, जिसमें बीजेपी, जेडीयू, और हम (सेक्युलर) शामिल हैं, एक और कार्यकाल की उम्मीद में है।
- इंडिया ब्लॉक (INDIA Bloc): राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाला विपक्षी खेमा, जिसमें कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं, सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है।
- प्रशांत किशोर (Prashant Kishor): वहीं, चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अपनी ‘जन सुराज’ यात्रा के माध्यम से इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश में जुटे हैं।
243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में फिलहाल 131 विधायकों के साथ एनडीए बहुमत में है, जबकि इंडिया ब्लॉक के पास 111 विधायक हैं। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इस बार किस पर अपना भरोसा जताती है।