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Ghazal Alagh की पहली सैलरी थी सिर्फ ₹1200, फिर बेटे के लिए शुरू की कंपनी और बन गईं करोड़ों की ‘शार्क’

Published On: August 24, 2025
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Ghazal Alagh की पहली सैलरी थी सिर्फ ₹1200, फिर बेटे के लिए शुरू की कंपनी और बन गईं करोड़ों की 'शार्क'
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Ghazal Alagh: “सफलता पाने के लिए आपको हमेशा किसी प्रतियोगी (competitor) से लड़ने की जरूरत नहीं होती; कभी-कभी आपको एक सिस्टम, एक मानसिकता या एक समस्या से लड़ना पड़ता है।” यह शक्तिशाली शब्द हैं गजल अलघ (Ghazal Alagh) के, जिन्होंने सिर्फ एक समस्या का समाधान खोजने के जुनून में एक ऐसा ब्रांड खड़ा कर दिया, जो आज भारत के हर घर में अपनी पहचान बना चुका है – मामाअर्थ (Mamaearth)

यह कहानी है हरियाणा की एक साधारण लड़की की, जिसने अपनी पहली नौकरी में मात्र ₹1200 प्रतिदिन कमाए, लेकिन अपनी मेहनत, दूरदृष्टि और एक मां के प्यार से एक सफल और यूनिकॉर्न (unicorn) कंपनी की सह-संस्थापक (co-founder) बन गईं।

एक मां की चिंता से हुआ एक बड़े ब्रांड का जन्म

गजल अलघ की यह अविश्वसनीय उद्यमशीलता की यात्रा एक निजी और भावनात्मक समस्या से शुरू हुई।

  • बेटे के लिए नहीं मिले सुरक्षित प्रोडक्ट्स: जब गजल अलघ के बेटे अगस्त्य का जन्म हुआ, तो उसे एक स्किन कंडीशन (skin condition) थी, जिससे उसकी त्वचा बेहद संवेदनशील हो गई थी। एक चिंतित मां के रूप में, गजल ने भारत में अपने बेटे के लिए सुरक्षित और विष-मुक्त (toxin-free) बेबी प्रोडक्ट्स खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह असफल रहीं।
  • विदेश से करना पड़ता था ऑर्डर: अपने बेटे की त्वचा के लिए सही उत्पाद खोजने के लिए, उन्हें मजबूरन विदेश से महंगे प्रोडक्ट्स ऑर्डर करने पड़ते थे। तभी उन्हें यह एहसास हुआ कि यह सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि भारत की लाखों मांओं की एक बहुत बड़ी समस्या है।

इसी अहसास ने उन्हें एक ऐसा ब्रांड बनाने के लिए प्रेरित किया जो 100% सुरक्षित और प्राकृतिक हो, और इसी तरह मामाअर्थ का जन्म हुआ।

₹25 लाख के निवेश से यूनिकॉर्न बनने तक का सफर

गजल ने अपने पति वरुण अलघ (Varun Alagh) के साथ मिलकर 2016 में होनसा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड (Honasa Consumer Private Limited) नामक अपने स्टार्टअप की शुरुआत की और मामाअर्थ ब्रांड नाम के तहत बाजार में अपने प्रोडक्ट्स लॉन्च किए।

  • शुरुआती निवेश: उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत ₹25 लाख के निवेश से की।
  • यूनिकॉर्न बनी कंपनी: उनकी कड़ी मेहनत और प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता के कारण, 2022 तक, मामाअर्थ की मूल फर्म, होनसा कंज्यूमर, एक यूनिकॉर्न (Unicorn) बन गई – यानी 1 बिलियन डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनी।
  • अन्य ब्रांड्स का अधिग्रहण: आज, मामाअर्थ एक प्रसिद्ध ब्रांड है। गजल और वरुण की कंपनी होनसा द्वारा पेश की जाने वाली बेबी केयर, स्किन केयर, और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की लाइनों ने बाजार में धूम मचा रखी है। मामाअर्थ के अलावा, होनसा के पास द डर्मा को (The Derma Co.) और बीब्लंट (BBlunt) जैसे सफल ब्रांड भी हैं।

कौन हैं गजल अलघ? जानें उनकी पूरी कहानी

  • हरियाणा में जन्म: गजल अलघ का जन्म 2 सितंबर, 1988 को हरियाणा के गुरुग्राम में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।
  • पढ़ाई: उन्होंने 2010 में पंजाब यूनिवर्सिटी से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में BCA की डिग्री हासिल की है। उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट से एक गहन कोर्स भी किया है।
  • IT से शुरुआत: अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने से पहले, उन्होंने आईटी क्षेत्र में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने बताया कि वह प्रति दिन ₹1,200 कमाती थीं।
  • एशिया का पहला ‘मेडसेफ’ लेबल: मामाअर्थ ‘मेडसेफ’ (‘MadeSafe’) लेबल अर्जित करने वाला एशिया का पहला ब्रांड है। मेडसेफ लेबल उन ब्रांडों को दिया जाता है जो शिशुओं और बच्चों के लिए 100% विष-मुक्त उत्पाद बनाते हैं।
  • ‘शार्क टैंक इंडिया’ की जज: गजल अलघ बिजनेस रियलिटी शो ‘शार्क टैंक इंडिया’ (‘Shark Tank India’) में जज और निवेशक (investor) के रूप में भी काम कर चुकी हैं, जहां उन्होंने कई उभरते हुए उद्यमियों को प्रेरित किया और उनमें निवेश किया।

हाल के दिनों की सबसे दुर्जेय उद्यमियों में से एक, गजल अलघ ने एक बार X पर लिखा था: “नेटफ्लिक्स ने केबल टीवी से लड़ाई लड़ी, नाइकी ने आत्म-संदेह से, एयरबीएनबी ने पारंपरिक हॉस्पिटैलिटी से, और मामाअर्थ में, हमने जहरीले स्किनकेअर उत्पादों से लड़ाई लड़ी।”

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