पश्चिमी हिमालय में तबाही मचाने के बाद, अब मानसून (Monsoon) का रुख पश्चिम और मध्य भारत की ओर हो गया है। बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र (low-pressure area) विकसित हो गया है, जो अगले 24 घंटों में एक डिप्रेशन (depression) में बदलने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि यह सिस्टम अपने साथ भारी से बहुत भारी बारिश लाएगा, जिससे गोवा, महाराष्ट्र (मुंबई सहित), और गुजरात के तटीय और घाट क्षेत्रों में अगले सात दिनों तक मूसलाधार बारिश होने की आशंका है।
अब तक, भारी वर्षा की गतिविधि पश्चिमी हिमालय और तलहटी, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पर केंद्रित थी। लेकिन अब मानसून की ट्रफ रेखा अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर खिसक गई है, जिससे बारिश का पूरा पैटर्न बदल गया है।
इन राज्यों पर अगले 72 घंटे सबसे भारी!
मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है, जहां “अत्यंत भारी बारिश” (20 सेमी से अधिक) हो सकती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने का खतरा है।
- कोंकण (मुंबई सहित) और गोवा: यहां 19 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है, जिसमें कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा भी हो सकती है। मुंबईकरों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र: यहां भी 19 अगस्त तक मूसलाधार बारिश की संभावना है।
- गुजरात: गुजरात में बारिश का दौर 20 अगस्त तक जारी रहेगा। सौराष्ट्र में 19 और 20 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान है, जिसमें 19 अगस्त को सबसे ज्यादा बारिश हो सकती है।
मध्य भारत में भी बरसेंगे बादल
यह सिस्टम केवल पश्चिमी तट तक ही सीमित नहीं रहेगा।
- IMD ने कहा है कि अगले दो दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
- 17-18 अगस्त के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और 18 अगस्त को ओडिशा और तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश (20 सेमी से अधिक) हो सकती है।
क्यों हो रही है यह तूफानी बारिश? जानें मौसम का पूरा गणित
इस मूसलाधार बारिश के पीछे कई मौसम प्रणालियां एक साथ काम कर रही हैं:
- बंगाल की खाड़ी का सिस्टम: रविवार सुबह साढ़े पांच बजे उत्तर आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों से दूर, पश्चिम मध्य और निकटवर्ती उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर ऊपरी हवाओं में एक चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में, उसी क्षेत्र में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान एक डिप्रेशन में केंद्रित होने की संभावना है।
- विदर्भ का सिस्टम: शनिवार को दक्षिण छत्तीसगढ़ और उसके पड़ोस में बना कम दबाव का क्षेत्र अब विदर्भ और उसके आसपास के क्षेत्र पर स्थित है। इसके धीरे-धीरे कमजोर होने और 18 अगस्त की सुबह तक एक अवशेष चक्रवाती परिसंचरण के रूप में गुजरात पहुंचने की संभावना है।
- इन विशेषताओं के प्रभाव में, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों, गुजरात सहित अन्य क्षेत्रों में व्यापक और भारी वर्षा होने की संभावना है।
उत्तर भारत में कैसा रहेगा मौसम?
- 19 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद में भारी बारिश की संभावना है।
- हिमाचल प्रदेश में 17 और 18 अगस्त और फिर 21-23 अगस्त के दौरान बारिश होगी।
- उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में अगले 7 दिनों तक बारिश की संभावना है।
- पंजाब में 19 अगस्त तक और 23 अगस्त को बारिश हो सकती है।
- हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 18, 22 और 23 अगस्त को बारिश का अनुमान है।
देश में 1 जून से अब तक बारिश का आंकड़ा 0% अधिशेष पर है, जिसका अर्थ है कि यह सामान्य है।