टेलीविजन और सिनेमा के एक बेहद मंझे हुए और सम्मानित अभिनेता, वरुण बडोला (Varun Badola), जो अपनी नवीनतम हिट फिल्म ‘सैयारा’ (Saiyaara) में अपनी दमदार भूमिका के लिए खूब सराहना बटोर रहे हैं, ने स्टारडम और कंटेंट-संचालित सिनेमा (content-driven cinema) को लेकर एक बड़ी और provocative बहस छेड़ दी है। उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जो बॉलीवुड के गलियारों में निश्चित रूप से चर्चा का विषय बनेगा। उनका मानना है कि जहां शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ को चलाने के लिए उनकी शख्सियत जरूरी थी, वहीं ‘सैयारा’ जैसी फिल्म में शाहरुख खान का होना ही उसे फ्लॉप कर देता।
वरुण का मानना है कि आप फिल्म उद्योग से सितारों की भूमिका को पूरी तरह से खारिज नहीं कर सकते, और सही कहानी के लिए सही अभिनेता का चुनाव ही सफलता का असली मंत्र है।
“अहान को ‘जवान’ में डालो तो फ्लॉप, SRK को ‘सैयारा’ में तो वो भी फ्लॉप!”
हाल ही में नयानदीप रक्षित द्वारा होस्ट किए गए एक यूट्यूब पॉडकास्ट में, वरुण ने इस विचार से कड़ी असहमति जताई कि ‘सैयारा’ की सफलता यह साबित करती है कि अब एक हिट फिल्म के लिए सितारों की जरूरत नहीं है। उन्होंने इस पर एक बहुत ही दिलचस्प और साहसिक विश्लेषण किया।
वरुण ने कहा:
“लोग कह रहे हैं कि इस फिल्म (सैयारा) ने साबित कर दिया है कि हमें अब सितारों की जरूरत नहीं है। यह सच नहीं है। अभी तुम अहान पांडे को उठा के ‘जवान’ में डालो, ‘जवान’ फ्लॉप हो जाएगी। शाहरुख को ‘सैयारा’ में डाल दो, ‘सैयारा’ फ्लॉप हो जाएगी।”
अपने बयान को स्पष्ट करते हुए उन्होंने आगे कहा:
“शाहरुख अचानक फिल्म के लिए बहुत बड़े हो जाएंगे ( overshadow कर देंगे), और अहान के पास ‘जवान’ को चलाने वाली शख्सियत (personality) नहीं होगी।”
यह टिप्पणी दिखाती है कि हर फिल्म की अपनी एक जरूरत होती है, और एक बड़ी स्टार कास्ट हमेशा सफलता की गारंटी नहीं होती। ‘सैयारा’ जैसी कहानी-आधारित, रोमांटिक फिल्म की अपनी एक मासूमियत और सादगी थी, जो शायद शाहरुख खान जैसे मेगास्टार की उपस्थिति से खत्म हो जाती।
नेपोटिज्म और कंटेंट पर भी बोले वरुण
पूरी बातचीत के दौरान, उनसे नेपोटिज्म (nepotism) और कंटेंट-संचालित सिनेमा के उदय के बारे में भी पूछा गया। वरुण को लगता है कि सितारों की भूमिका को पूरी तरह से खारिज कर देना समीकरण को बहुत सरल बना देता है। उन्होंने उल्लेख किया, “यह सही कहानी के लिए सही प्रतिभा का मिलान करने के बारे में है।” (“It’s about matching the right talent to the right story.”)
अहान पांडे (चंकी पांडे के भतीजे) के करियर को लेकर किए गए एक सवाल का जवाब देने से वरुण ने इनकार कर दिया और कहा कि यह उनके द्वारा चुने गए विकल्पों पर निर्भर करेगा।
क्या है फिल्म ‘सैयारा’ की कहानी?
मोहित सूरी (Mohit Suri) द्वारा निर्देशित, ‘सैयारा’ दो नवोदित कलाकारों, अहान पांडे (Ahaan Panday) और अनीत पड्डा (Aneet Padda) अभिनीत एक सरप्राइज ब्लॉकबस्टर बन गई। इसने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और वैश्विक स्तर पर ₹500 करोड़ से अधिक की कमाई की, जो अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय रोमांटिक फिल्म बन गई है।
- कहानी: फिल्म एक संघर्षरत और परेशान संगीतकार, कृष कपूर (अहान पांडे) की कहानी बताती है, जो एक महत्वाकांक्षी पत्रकार और कवयित्री, वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) से मिलता है। जैसे-जैसे वे एक साथ काम करते हैं, उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। वरुण बडोला ने अहान यानी कृष कपूर के पिता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिल्म दिखाती है कि अंत में वे दोनों एक हो पाते हैं या नहीं।
- यह फिल्म 18 जुलाई को रिलीज हुई थी।
वरुण बडोला का यह बयान इस बहस को एक नई दिशा देता है कि एक फिल्म की सफलता में स्टारडम कितना मायने रखता है, और क्या कंटेंट सचमुच ‘किंग’ बन चुका है।