एक लंबे और उमस भरे सूखे दौर के बाद, आखिरकार गुजरात के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर आई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि इस त्योहारी वीकेंड (festive weekend) पर राज्य में मानसून एक बार फिर से सक्रिय (monsoon revival) होने की उम्मीद है। जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों के दौरान मध्य और दक्षिण गुजरात के साथ-साथ सौराष्ट्र के कुछ जिलों में भारी बारिश (heavy rain) होने की संभावना जताई गई है।
यह बारिश जहां एक तरफ किसानों के मुरझाए चेहरों पर खुशी लाएगी, वहीं दूसरी तरफ छुट्टियों में बाहर घूमने का प्लान बना रहे लोगों को थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ सकती है।
किन जिलों में होगी सबसे ज्यादा बारिश? देखें IMD की पूरी लिस्ट
आईएमडी के ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि कुछ चुनिंदा स्थानों पर भारी बारिश की “बहुत संभावना” है। इन जिलों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है:
- मध्य गुजरात: आणंद, पंचमहल, दाहोद, महिसागर, वडोदरा, छोटा उदेपुर।
- दक्षिण गुजरात: नर्मदा, भरूच, सूरत, डांग, तापी, नवसारी, वलसाड।
- केंद्र शासित प्रदेश: दमन और दादरा और नगर हवेली।
- सौराष्ट्र क्षेत्र: अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और दीव में भी इसी तरह के मौसम का पूर्वानुमान है।
बारिश का यह दौर 16 अगस्त से शुरू होकर तीन दिनों तक जारी रहने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे पूरा लंबा वीकेंड तरबतर रहने की संभावना है।
क्यों हो रही है मानसून की यह वापसी?
मौसम विभाग ने बताया है कि मानसून प्रणाली अभी भी सक्रिय बनी हुई है। मुख्य बारिश लाने वाली ट्रफ लाइन (rain-bearing line) वर्तमान में हिमालय की तलहटी के साथ-साथ पंजाब से होते हुए उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है।
लेकिन गुजरात में बारिश का मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी में बन रहा एक नया सिस्टम है।
- बंगाल की खाड़ी में बनेगा लो-प्रेशर: मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक मौसमी विक्षोभ (weather disturbance) के 13 अगस्त तक पश्चिम-मध्य और निकटवर्ती उत्तर-पश्चिम खाड़ी पर एक कम दबाव के क्षेत्र (low-pressure area) में विकसित होने की उम्मीद है।
- सिस्टम होगा और मजबूत: इस सिस्टम के अगले दो दिनों में और मजबूत होने की संभावना है, जो संभावित रूप से गुजरात और मध्य भारत में और अधिक बारिश ला सकता है।
अब तक कैसा रहा है गुजरात में मानसून?
1 जून से अब तक, गुजरात में कुल 568.65 मिमी बारिश हुई है, जो मौसमी औसत का 64.48% है।
- दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा बारिश: क्षेत्रों में, दक्षिण गुजरात में सबसे अधिक संचयी वर्षा 1,027.20 मिमी (68.95%) दर्ज की गई, इसके बाद मध्य गुजरात में 536.17 मिमी बारिश हुई।
- देवभूमि द्वारका में रिकॉर्ड तोड़ बारिश: इस मानसून में, देवभूमि द्वारका जिले में अब तक 2,079 मिमी की रिकॉर्ड बारिश हुई है, जो इसके दशक के औसत से लगभग 135% अधिक है।
पिछले 24 घंटों में, राज्य के 50 तालुकों में हल्की वर्षा दर्ज की गई, जिसमें वडोदरा के शिनोर में सर्वाधिक 23 मिमी बारिश हुई। अब, यह नया स्पेल राज्य के वर्षा के आंकड़ों में और सुधार करेगा और किसानों को बड़ी राहत प्रदान करेगा।







