उत्तर प्रदेश सहित देश भर के उन करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी राहत और खुशखबरी की खबर है, जो हर साल प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana – PMFBY) के तहत, अब बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण अपनी धान (Paddy) या अन्य फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसान बीमा करा सकते हैं।
गाजियाबाद जिले के किसानों के लिए विशेष रूप से यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि हर साल यहां बड़ी संख्या में किसानों की धान की फसल अधिक वर्षा के कारण जड़ गलन रोग या अन्य वायरस एवं कीटों के प्रकोप से नष्ट हो जाती है। फसल नष्ट होने पर किसानों की मेहनत और खेती में लगाई गई लागत, दोनों ही डूब जाती है। ऐसे में यह बीमा योजना उनके लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच (economic safety net) का काम करेगी।
कब तक करा सकते हैं फसल बीमा? जानें अंतिम तिथियां
किसानों की सुविधा के लिए, सरकार ने फसल बीमा कराने के लिए अलग-अलग अंतिम तिथियां निर्धारित की हैं, ताकि कोई भी किसान इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित न रह जाए।
- गैर-ऋणी किसानों के लिए (Non-Loanee Farmers): वे किसान जिन्होंने किसी भी बैंक से कृषि ऋण (KCC or Agri loan) नहीं लिया है, उनके लिए फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 14 अगस्त है।
- ऋणी किसानों के लिए (Loanee Farmers): जिन किसानों ने बैंकों से फसली ऋण लिया हुआ है, वे 30 अगस्त तक अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि ऋणी किसानों का बीमा अक्सर बैंक द्वारा स्वतः ही कर दिया जाता है, लेकिन उन्हें फिर भी यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए। वहीं, गैर-ऋणी किसानों को अपनी फसल का बीमा स्वयं जन सेवा केंद्र (CSC), बैंक या बीमा कंपनी के एजेंट के माध्यम से कराना होता है।
कैसे और कहां कराएं बीमा? जरूरी दस्तावेजों की सूची
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड (Aadhaar Card): यह सबसे महत्वपूर्ण पहचान प्रमाण है।
- खतौनी (Land Records): यह आपकी जमीन का प्रमाण है, जो दिखाता है कि आप कितने क्षेत्र में खेती कर रहे हैं।
- बैंक पासबुक (Bank Passbook): मुआवजे की राशि सीधे इसी खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
- फसल बुआई का प्रमाण पत्र: इसे कृषि विभाग या संबंधित अधिकारी से प्राप्त किया जा सकता है।
किसान इन दस्तावेजों के साथ अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC), बैंक शाखा, सहकारी समिति, या सीधे बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं।
नुकसान होने पर क्या करें? इस टोल-फ्री नंबर पर दें सूचना
यदि बीमा कराने के बाद दुर्भाग्यवश किसी प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल को नुकसान पहुंचता है, तो आपको तुरंत इसकी सूचना बीमा कंपनी को देनी होगी।
- टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर: नुकसान होने की स्थिति में, किसान 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर 14447 पर कॉल करके अपनी सूचना दर्ज कराएं।
- क्या जानकारी देनी होगी: आपको अपना नाम, बीमा पॉलिसी नंबर, खेत का विवरण और नुकसान का कारण बताना होगा।
सूचना मिलने के बाद, बीमा कंपनी का एक सर्वेक्षक आपके खेत का दौरा करेगा, नुकसान का आकलन करेगा, और प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजे की राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
यह योजना किसानों को खेती में होने वाले अप्रत्याशित जोखिमों से बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी पात्र किसानों को इस योजना का लाभ उठाकर अपनी फसलों को सुरक्षित करना चाहिए।







