बुधवार का दिन एफसी गोवा (FC Goa) और भारतीय फुटबॉल के लिए एक ‘करो या मरो’ का दिन है, जहां उनके सितंबर से मई तक प्रतिस्पर्धी फुटबॉल खेलने की सारी उम्मीदें ओमान के दिग्गज क्लब अल-सीब (Al-Seeb) के खिलाफ होने वाले एक महत्वपूर्ण मुकाबले पर टिकी हैं। यह कोई साधारण मैच नहीं है, बल्कि एशियाई चैंपियंस लीग (Asian Champions League – ACL) के दूसरे क्वालीफायर में जगह बनाने की लड़ाई है, और इसका नतीजा ही एफसी गोवा का पूरा सीजन तय करेगा।
यही कारण है कि टीम के हेड कोच मैनोलो मार्केज़ (Manolo Marquez) ने कहा, “ज्यादातर भारतीय टीमें हमारी स्थिति में होना चाहेंगी।” बेशक, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने अगले महीने सुपर कप और एक नई लीग का वादा किया है, लेकिन अब तक वे केवल वादे ही बने हुए हैं। ऐसे में, एशिया में खेलना गोवा के लिए अस्तित्व की लड़ाई बन गया है।
क्यों है यह मैच इतना महत्वपूर्ण? दांव पर हैं लाखों डॉलर और सम्मान
आज का ‘विनर-टेक्स-ऑल’ यानी ‘जो जीता वही सिकंदर’ वाला यह मुकाबला अगर एफसी गोवा जीत जाता है, तो वह ISL लीग शील्ड विजेता मोहन बागान सुपर जाइंट के साथ इस नए टियर 2 प्रतियोगिता के मुख्य दौर में शामिल हो जाएगा।
- इतिहास में पहली बार: यह पहली बार होगा जब 29 टीमों के इस टूर्नामेंट के फाइनल में दो भारतीय टीमें एक साथ होंगी।
- लाखों डॉलर की पुरस्कार राशि: यह टूर्नामेंट 16 मिलियन डॉलर से अधिक की पुरस्कार राशि प्रदान करता है, जिसमें ग्रुप स्टेज में जगह बनाने के लिए ही 300,000 डॉलर (लगभग 2.5 करोड़ रुपये) का आश्वासन दिया गया है।
कौन है यह शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी, अल-सीब?
लेकिन गोवा की राह आसान नहीं होने वाली। उनका सामना ओमान की एक बेहद मजबूत टीम से है, जिसका रिकॉर्ड प्रभावशाली है।
- एएफसी कप चैंपियन: अल-सीब 2022-23 एएफसी कप की चैंपियन रह चुकी है।
- विश्व कप के दावेदार: उनके 11 खिलाड़ी ओमान की उस राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं जो 2026 विश्व कप के लिए दावेदारी कर रही है।
- ओमान की चैंपियन टीम: वे ओमान प्रोफेशनल लीग के मौजूदा चैंपियन भी हैं।
एफसी गोवा के हेड कोच ने मंगलवार को गोवा में प्री-मैच मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, “अच्छे प्रतिद्वंद्वी हैं, यह हमारे लिए मुश्किल होगा, लेकिन निश्चित रूप से, यह उनके लिए भी मुश्किल होगा।”
गोवा का दांव: पुराने और नए चेहरों का मिश्रण
एफसी गोवा इस महत्वपूर्ण मुकाबले में अपने पुराने अनुभवी खिलाड़ियों और कुछ नए विदेशी चेहरों के मिश्रण पर भरोसा कर रहा है।
- नए विदेशी खिलाड़ी: ला लीगा में 150 से अधिक मैच खेल चुके 35 वर्षीय लेफ्ट-फुटेड सेंट्रल मिडफील्डर डेविड टिमोर (David Timor) ने कार्ल मैकहग की जगह ली है। इसके अलावा, बर्सिलोना के सेंट्रल डिफेंडर पोल मोरेनो (Pol Moreno) को ओडेई ओनाइंडिया की जगह खरीदा गया है।
- नए रक्षात्मक जोड़ी: मोरेनो (31) और अनुभवी संदेश झिंगन (Sandesh Jhingan) की एक नई रक्षात्मक जोड़ी देखने को मिल सकती है।
- बरकरार रखे गए खिलाड़ी: अन्य विदेशी, इकर ग्वारोटक्सेना, बोर्जा हरेरा और देजान द्राजिक, उन 20 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें गोवा ने बरकरार रखा है।
क्या घरेलू मैदान का मिलेगा फायदा?
यह मुकाबला गोवा में हो रहा है, जिससे टीम को घरेलू प्रशंसकों का भारी समर्थन मिलने की उम्मीद है।
- कोच की उम्मीद: मार्केज़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भीड़ आईएसएल सेमीफाइनल में बेंगलुरु एफसी के खिलाफ जैसा जुड़ाव दिखाएगी। “मैंने गोवा में पहले कभी ऐसा नहीं देखा… अब हम एशियाई प्रतियोगिता में हैं। मुझे उम्मीद है कि कल वे अच्छी संख्या में आएंगे।”
यह मार्केज़ का एफसी गोवा में तीसरा सीजन है, एक ऐसा क्लब जिसे उन्होंने भारत में सर्वश्रेष्ठ बताया है। मानसून की चुनौतियों के बावजूद, बुधवार रात की एक जीत निश्चित रूप से उनके लिए बहुत मायने रखेगी।
गोवा का एशियाई रिकॉर्ड
गोवा के क्लबों का एशियाई प्रतियोगिताओं में एक अच्छा इतिहास रहा है।
- पांच बार के आई-लीग चैंपियन डेम्पो (Dempo) 2008 में सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टीम बनी थी।
- 1989 में, सालगांवकर (Salgaocar) मस्कट में एशियन क्लब कप में भाग लेने पर एशिया में खेलने वाली फुटबॉल-प्रेमी राज्य की पहली टीम थी।







