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Paytm को RBI से मिली ‘संजीवनी’, ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की मिली सैद्धांतिक मंजूरी

Published On: August 13, 2025
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Paytm को RBI से मिली 'संजीवनी', ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की मिली सैद्धांतिक मंजूरी
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डिजिटल पेमेंट की दुनिया की दिग्गज कंपनी पेटीएम (Paytm) के लिए एक बहुत बड़ी और सकारात्मक खबर आई है, जो उसके लड़खड़ाते कारोबार के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को फिनटेक फर्म की सहायक कंपनी, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड (Paytm Payment Services Ltd.), को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (Online Payment Aggregator) के रूप में काम करने के लिए ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी (‘in-principle’ approval) दे दी है।

यह खबर पेटीएम के लिए एक बहुत बड़ी राहत है, खासकर उस भारी संकट के बाद जो इस साल की शुरुआत में उसके पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद खड़ा हुआ था। यह मंजूरी कंपनी के मुख्य भुगतान व्यवसाय के भविष्य को लेकर चल रही अनिश्चितताओं को काफी हद तक दूर करती है और उसके आगे बढ़ने का रास्ता साफ करती है।

क्यों है यह मंजूरी इतनी महत्वपूर्ण?

इस साल की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर गंभीर अनियमितताओं का हवाला देते हुए लगभग सभी सेवाओं पर रोक लगा दी थी, जिससे कंपनी की साख और शेयर की कीमत पर भारी असर पड़ा था। उस संकट के ठीक सात महीने बाद, कंपनी ने अगस्त 2024 में घोषणा की थी कि वह आरबीआई के पास पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। अब, उस आवेदन पर आरबीआई की सैद्धांतिक मंजूरी मिलना यह दर्शाता है कि नियामक को कंपनी के मुख्य भुगतान व्यवसाय के संचालन पर भरोसा है।

पेमेंट सर्विसेज ही है पेटीएम की रीढ़:
यह मंजूरी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पेमेंट सर्विसेज ही पेटीएम के रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्रोत है।

  • 30 जून को समाप्त हुई तिमाही में, कंपनी के कुल राजस्व में आधे से अधिक का हिस्सा पेमेंट सर्विसेज का था। इस मंजूरी से अब कंपनी अपने मर्चेंट पार्टनर्स के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को आसानी से प्रोसेस कर पाएगी, जिससे उसका मुख्य व्यवसाय और भी मजबूत होगा।

एंट ग्रुप के बाहर निकलने के ठीक बाद आई खुशखबरी

यह सकारात्मक विकास ऐसे समय में हुआ है जब पिछले हफ्ते ही पेटीएम के सबसे बड़े और शुरुआती निवेशकों में से एक, चीन के एंट ग्रुप (Ant Group), ने ब्लॉक डील के माध्यम से कंपनी में अपनी शेष 5.84% हिस्सेदारी बेचकर पूरी तरह से बाहर निकल गया था। एंट ग्रुप के बाहर निकलने के बाद निवेशकों के मन में कुछ चिंताएं थीं, लेकिन आरबीआई की इस मंजूरी ने उन चिंताओं को कम करने और कंपनी में एक नया विश्वास जगाने का काम किया है।

पेटीएम ने मंगलवार को एक बयान में इस खबर की पुष्टि की और कहा कि यह मंजूरी उन्हें ऑनलाइन व्यापारियों के लिए अपने भुगतान समाधानों का विस्तार करने में मदद करेगी।

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