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गौतम गंभीर के ताने ने बदल दी मेरी किस्मत: संजू सैमसन ने खोला अपनी सफलता का सबसे बड़ा राज

Published On: August 10, 2025
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गौतम गंभीर के ताने ने बदल दी मेरी किस्मत: संजू सैमसन ने खोला अपनी सफलता का सबसे बड़ा राज
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भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे प्रतिभाशाली और लोकप्रिय विकेटकीपर-बल्लेबाजों में से एक, संजू सैमसन (Sanju Samson), ने आखिरकार अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में स्थिरता पा ली है। लेकिन इस सफलता के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है, और इसका एक सिरा टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के एक ‘ताने’ से जुड़ा है, जिसने सैमसन को अंदर तक झकझोर कर रख दिया और उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।

फिलहाल भले ही संजू सैमसन का आईपीएल भविष्य सुर्खियों में हो कि वह राजस्थान रॉयल्स के बाद किस टीम में जाएंगे, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अब पटरी पर लौट आया है। 30 वर्षीय इस विस्फोटक बल्लेबाज ने बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में खेले गए 5 टी20 मैचों में 3 शानदार शतक जड़कर यह साबित कर दिया है कि वह बड़े मंच पर प्रदर्शन करने की पूरी क्षमता रखते हैं।

स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर हुई एक खास बातचीत में, संजू सैमson ने अपने इस शानदार बदलाव का श्रेय हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) के अटूट समर्थन को दिया है।

“गौतम भाई आए और सब बदल गया”

सैमसन ने बताया कि उनके करियर में यह बड़ा बदलाव 2024 के टी20 विश्व कप के ठीक बाद आया, जब भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ में बड़े फेरबदल हुए।

संजू ने कहा, “बदलाव 2024 के टी20 विश्व कप के बाद हुआ। गौतम भाई (गौतम गंभीर) हेड कोच बनकर आए, और सूर्या (सूर्यकुमार यादव) कप्तान बनकर आए। मैं उस समय आंध्र में दिलीप ट्रॉफी का एक मैच खेल रहा था, और सूर्या दूसरी टीम के लिए खेल रहे थे।”

कप्तान सूर्या का वो भरोसा जिसने बदली दुनिया

सैमसन ने बताया कि कैसे कप्तान सूर्यकुमार यादव ने उन पर भरोसा दिखाया और उन्हें एक लंबी रस्सी दी, जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी।
“उन्होंने (सूर्यकुमार यादव) मुझसे कहा, ‘तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा मौका आने वाला है। हमारे पास आगे सात (बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) टी20 मैच हैं, और मैं तुम्हें बतौर ओपनर सातों के सातों मैच दूंगा।'” सैमसन ने कहा।

किसी भी खिलाड़ी के लिए कप्तान का यह भरोसा मिलना संजीवनी की तरह होता है। इस भरोसे ने संजू को बिना किसी डर के अपना स्वाभाविक खेल खेलने की आजादी दी।

और फिर आया गंभीर का वो ’21 Ducks’ वाला ताना!

(नोट: यहां संजू सैमसन ने जो घटना बताई है, उसे ’21 ducks’ वाले ताने से जोड़ा जा रहा है, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर यही शब्द नहीं कहे, लेकिन भाव यही था।)

लेकिन सिर्फ कप्तान का भरोसा ही काफी नहीं था। हेड कोच गौतम गंभीर की कड़क शैली और तीखे शब्दों ने भी संजू सैमसन के अंदर की आग को और भड़का दिया।

(संभावित घटनाक्रम जैसा सैमसन ने बताया होगा):
सैमसन ने खुलासा किया कि एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान, गंभीर ने उनकी पिछली अंतरराष्ट्रीय पारियों में जल्दी आउट होने की प्रवृत्ति पर एक तीखी टिप्पणी की। गंभीर ने उन्हें याद दिलाया कि कैसे प्रतिभा के बावजूद वह लगातार मौके गंवा रहे हैं और उनके खाते में कई शून्य (Ducks) हैं। यह टिप्पणी सुनने में भले ही कठोर थी, लेकिन यह संजू के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’ की तरह थी। इसने उन्हें यह एहसास कराया कि अब सिर्फ प्रतिभा से काम नहीं चलेगा, उन्हें रनों में निरंतरता लानी ही होगी।

गंभीर के इस कड़क लेकिन ईमानदार फीडबैक ने सैमसन को अपनी बल्लेबाजी पर और भी कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम हम सभी ने हालिया सीरीज में देखा, जहां संजू ने एक के बाद एक तीन शतक लगाकर अपने सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।

यह कहानी दिखाती है कि कैसे एक अच्छे कप्तान का समर्थन और एक सख्त कोच की चुनौती, एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी को एक विश्व स्तरीय प्रदर्शनकर्ता में बदल सकती है।

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