भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आयु धोखाधड़ी (Age-Fraud) पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा और साहसिक कदम उठाया है। बोर्ड अब खिलाड़ियों की वास्तविक उम्र (actual age) का पता लगाने के लिए एक बाहरी एजेंसी (external agency) की नियुक्ति करेगा। यह एजेंसी खिलाड़ियों की योग्यता के सत्यापन (verification of eligibility) की भी जांच करेगी। क्रिकबज (Cricbuzz) की रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (Request For Proposal – RFP) जारी किया गया है, जिसमें प्रतिष्ठित और जानी-मानी कंपनियों को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
दो-स्तरीय आयु-सत्यापन प्रणाली: दस्तावेजों से लेकर मेडिकल जांच तक
BCCI की दो-स्तरीय आयु-सत्यापन प्रणाली (two-tier age verification system) अब और अधिक सख्त हो जाएगी।
- पहला चरण (दस्तावेज): इसमें खिलाड़ी द्वारा प्रस्तुत जन्म प्रमाण पत्र (birth certificate) और अन्य पहचान दस्तावेजों की गहन जांच शामिल होगी।
- दूसरा चरण (मेडिकल टेस्ट): यदि आवश्यकता पड़ी, तो TW3 (टैनर व्हाइटहाउस 3 – Tanner Whitehouse 3) नामक हड्डी परीक्षण (bone test) भी किया जाएगा। यह परीक्षण मुख्य रूप से अंडर-16 आयु वर्ग के लड़कों और अंडर-15 आयु वर्ग की लड़कियों के लिए किया जाता है, ताकि उनकी हड्डियों के विकास के आधार पर सटीक आयु का पता लगाया जा सके।
क्यों उठाया ये कदम? – संदिग्ध मामलों पर लगाम लगाने की कवायद
इस कदम के पीछे के कारण अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि यह उन संदिग्ध मामलों (suspicious cases) के बाद उठाया गया है जहां खिलाड़ियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज या प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में पाए गए थे। BCCI का मुख्य उद्देश्य अवैध रूप से अधिक उम्र के खिलाड़ियों को जूनियर आयु वर्ग में खेलने से रोकना है, ताकि खेल की निष्पक्षता बनी रहे।
एजेंसी के लिए BCCI की शर्तें:
BCCI ने बोली लगाने वाली कंपनियों या एजेंसियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी रखी हैं:
- अनुभव: कंपनियों के पास सत्यापन सेवाएं (verification services) प्रदान करने का कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए।
- राष्ट्रव्यापी नेटवर्क: उन्हें भारत में नेटवर्क होना चाहिए, यानी वे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भौतिक (physical) और डिजिटल (digital) दोनों तरह से सत्यापन करने की क्षमता रखते हों।
- क्षेत्र जांच: विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, व्यक्तिगत क्षेत्र जांच (field investigation) करने की क्षमता भी आवश्यक होगी, जिसमें पहचान प्रमाण (आधार, पासपोर्ट), आयु प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड), निवास प्रमाण, शैक्षणिक रिकॉर्ड आदि का सत्यापन शामिल है।
धोखाधड़ी करने वाले खिलाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई:
BCCI ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी खिलाड़ी आयु धोखाधड़ी करते हुए पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई (strict action) की जाएगी। पहले भी कई खिलाड़ियों पर उम्र की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं, हाल ही में वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) की उम्र को लेकर भी सवाल उठे थे, हालांकि वे दावे गलत साबित हुए। BCCI का यह कदम खेल में निष्पक्षता (fair play) सुनिश्चित करने और युवा खिलाड़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।







