राजधानी जयपुर में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिससे शहर के कई इलाकों में हाहाकार मच गया है। देर रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश सुबह लगभग साढ़े 7 बजे तेज हो गई, और यह तेज़ बौछारें जारी हैं। इस मूसलाधार बारिश ने जहाँ एक ओर लोगों को गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर शहर की सड़कों पर पानी भर जाने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे सुबह अपने दफ्तरों के लिए निकलने वाले हजारों लोग ट्रैफिक जाम में फंस गए। सड़कों पर जगह-जगह पानी भर जाने से गाड़ियाँ रेंग-रेंग कर चल रही हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रिकॉर्ड तोड़ बारिश और चिंताजनक स्थिति:
पिछले 24 घंटों के दौरान, जयपुर जिले के कोटखावदा में करीब 50 MM (लगभग 2 इंच) और कोटपूतली में 64 MM बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा, चाकसू में 28 MM, तुंगा में 25 MM, आमेर के पास ताला में 21 MM, चाँदवास में 24 MM, और रामगढ़ बांध पर 14 MM बारिश रिकॉर्ड की गई है। इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि बारिश की तीव्रता काफी ज़्यादा है, जिसके कारण शहर की जल निकासी व्यवस्था पर दबाव बढ़ा है।
मौसम विभाग का ‘ऑरेंज अलर्ट’ – अगले 2-3 घंटे अति भारी वर्षा की संभावना
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य में सक्रिय ‘लो प्रेशर सिस्टम’ (Low Pressure System) के कारण एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन घंटों के लिए टोंक, भीलवाड़ा, जयपुर ग्रामीण और स्वयं जयपुर शहर के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ (Orange Alert) जारी किया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं अति भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। ऐसे में, नागरिकों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें, जलभराव वाले इलाकों से बचें और यात्रा करने से पहले मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी ज़रूर लें।
जयपुर की जलभराव की समस्या: एक न दोहराया जाने वाला चक्र?
जयपुर जैसे आधुनिक शहर में भी जलभराव की समस्या मानसून के आते ही एक आम बात हो गई है। खराब जल निकासी व्यवस्था, अतिक्रमण और अचानक तेज बारिश इस स्थिति को और गंभीर बना देते हैं। प्रशासन द्वारा किए जाने वाले तमाम दावों के बावजूद, शहर के कई प्रमुख सड़कें और चौराहे कुछ घंटों की बारिश के बाद ही तालाब बन जाते हैं। यह न केवल लोगों के लिए असुविधा का कारण बनता है, बल्कि उनकी दैनिक दिनचर्या और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।
मानसून का स्वागत और तैयारी:
जहाँ एक ओर मानसून किसानों के लिए जीवनदायिनी है, वहीं दूसरी ओर शहरी इलाकों में इसका प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होता है। जयपुर वासियों को उम्मीद है कि प्रशासन जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सक्रिय कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं कम हों। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए, नागरिकों को घर पर ही रहने या बेहद आवश्यक होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी जाती है।







