अगर आप उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के राशन कार्ड धारक हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) को और अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे ई-केवाईसी (e-KYC) अभियान में अब तक लाखों लोग पीछे रह गए हैं। हाथरस जिले में, 1 लाख 93 हजार से अधिक यूनिट यानी कार्ड धारकों के सदस्यों की ई-केवाईसी अभी तक पूरी नहीं हुई है। यदि ये लोग 31 अगस्त, 2024 तक अपना ई-केवाईसी नहीं करवाते हैं, तो वे राशन (खाद्यान्न) प्राप्त करने के अपने अधिकार से वंचित हो सकते हैं।
क्या है पूरा मामला? – ई-केवाईसी की अनिवार्यता और डेडलाइन
शासन के सख्त निर्देशों के तहत, खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा सभी राशन कार्ड धारकों के परिवार के प्रत्येक सदस्य का ई-केवाईसी अनिवार्य किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा या दोहराव न हो सके। यह प्रक्रिया डिजिटल इंडिया (Digital India) की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लाभार्थी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT – Direct Benefit Transfer) से जुड़ सकें।
आंकड़े क्या कहते हैं?
पूरे हाथरस जनपद में कुल 2 लाख 90 हजार राशन कार्ड हैं, जिनमें 11 लाख यूनिट (सदस्य) नामांकित हैं। अच्छी बात यह है कि अब तक लगभग 9 लाख यूनिट की ई-केवाईसी सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। लेकिन, चिंताजनक बात यह है कि 1 लाख 93 हजार से अधिक सदस्य अभी भी इस प्रक्रिया से अछूते हैं। यह भूल कार्ड धारकों के लिए भारी पड़ सकती है, क्योंकि ई-केवाईसी को पूरा करने की अंतिम तिथि करीब आ रही है।
समय सीमा का विस्तार और मुख्य कारण
पहले इस ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 30 जून, 2024 निर्धारित की गई थी। लेकिन, हाथरस सहित प्रदेश भर के कई जिलों में लोगों के निर्धारित समय तक ई-केवाईसी न करा पाने की स्थिति को देखते हुए, शासन ने इसे बढ़ाकर 31 अगस्त, 2024 कर दिया है। इस देरी के कई कारण बताए जा रहे हैं:
- अन्य राज्यों में निवास: बड़ी संख्या में परिवार के सदस्य दिल्ली, नोएडा जैसे अन्य शहरों या राज्यों में रोज़गार या अन्य कारणों से रहते हैं, जिससे वे अपने गृह जिले में ई-केवाईसी कराने नहीं आ पा रहे हैं।
- सर्वर लोड की समस्या: ई-केवाईसी प्रक्रिया के दौरान, विशेष रूप से जब राशन वितरण का कार्य चल रहा था, सर्वर पर अत्यधिक लोड के कारण काम बाधित हुआ। इस वजह से, वितरण के दौरान ई-केवाईसी का कार्य अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।
- जागरूकता का अभाव: कुछ लोग अभी भी ई-केवाईसी के महत्व और इसके अंतिम तिथि के बारे में पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं, या वे इसे इतनी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
- राशन डीलरों की भूमिका: शासन ने सभी उचित दर विक्रेताओं (राशन डीलरों) को इस काम में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं। कुछ डीलर अपने स्तर पर भी ई-केवाईसी कराने में मदद कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक यूनिट कवर हो सकें।
ई-केवाईसी अब कहीं भी संभव:
राहत की बात यह है कि राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी कराने के लिए अपने गृह जिले में ही रहने की आवश्यकता नहीं है। वे देश के किसी भी शहर में, जहाँ ई-केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है, अपना आधार और राशन कार्ड लेकर प्रक्रिया पूरी करवा सकते हैं।
क्या है ई-केवाईसी और इसका महत्व?
ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कंज्यूमर) एक डिजिटल प्रक्रिया है जिसमें आपके आधार नंबर को आपके राशन कार्ड से लिंक किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि:
- फर्जीवाड़ा रुके: एक व्यक्ति एक से अधिक राशन कार्ड या फर्जी आईडी का उपयोग नहीं कर सकता।
- पारदर्शिता बढ़े: सरकारी सब्सिडी का दुरुपयोग रुके और अनाज जरूरतमंदों तक पहुंचे।
- लाभ सीधे खाते में: भविष्य में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सब्सिडी या सीधे अनाज का वितरण संभव हो सके।
आगे क्या होगा?
राशन वितरण का कार्य समाप्त होने के बाद, ई-केवाईसी का काम एक बार फिर पूरी गति से शुरू होगा। सभी राशन कार्ड धारकों से अपील की जाती है कि वे 31 अगस्त की समय सीमा का पालन करें और अपनी ई-केवाईसी को पूर्ण करा लें। यदि इस तिथि तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो संबंधित यूनिट का राशन कार्ड ब्लॉक कर दिया जाएगा और वे खाद्यान्न सहायता से वंचित रह जाएंगे। यह सुनिश्चित करें कि आपके परिवार के सभी सदस्य नामांकित हैं और उनकी ई-केवाईसी भी हो चुकी है।







