“है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं…” – साल 1970 में आई फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ के इस कालजयी गीत की लाइनों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने आज अपना रुख और इरादे साफ कर दिए हैं। इस पोस्ट के साथ, उन्होंने एक आर्टिकल भी शेयर किया है, जिसमें लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)‘ पर चर्चा के दौरान वक्ताओं की सूची से उन्हें बाहर रखने का जिक्र था, क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा से क्यों बाहर हैं थरूर और तिवारी?
लोकसभा में सोमवार से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे की मैराथन चर्चा जारी है, जिसका समापन आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के साथ होगा। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस ने जिन वक्ताओं की सूची जारी की है, उसमें मनीष तिवारी और शशि थरूर (Shashi Tharoor) जैसे कद्दावर नेताओं का नाम ही नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मनीष तिवारी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दफ्तर को ईमेल कर चर्चा में बोलने की इच्छा जताई थी। लेकिन कांग्रेस की ओर से जारी की गई वक्ताओं की सूची में गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा और अन्य का नाम तो था, लेकिन राष्ट्रनीति और विदेश नीति के विशेषज्ञ माने जाने वाले थरूर और मनीष तिवारी को जगह नहीं दी गई।
इसके पीछे की वजह यह है कि ये दोनों ही कांग्रेसी नेता ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विदेशों का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे और उन्होंने इस ऑपरेशन का खुलकर समर्थन किया था। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से प्रतिनिधिमंडल के लिए इन दोनों ही नेताओं का नाम नहीं दिया गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने अपनी मर्जी से इन दोनों वरिष्ठ नेताओं को इसका हिस्सा बनाया था।
पार्टी लाइन पर बोलने की शर्त और थरूर का ‘मौन व्रत’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस आलाकमान और इन दोनों नेताओं के बीच तल्खी कई बार खुलकर सामने आ चुकी है। बीते दिन, जब शशि थरूर से वक्ताओं की लिस्ट में शामिल न किए जाने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने ‘मौन‘ रहकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। लेकिन बाद में सूत्रों के हवाले से यह साफ हुआ कि कांग्रेस पार्टी थरूर को वक्ता बनाना तो चाहती थी, लेकिन उनके सामने ‘पार्टी लाइन‘ पर बोलने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सरकार को घेरने की शर्त रखी गई थी।
कांग्रेस की यह लाइन थरूर को मंजूर नहीं थी, क्योंकि उन्होंने विदेश दौरे पर खुलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और केंद्र सरकार का समर्थन किया था। इसलिए, उन्होंने खुद को इस चर्चा से अलग कर लिया।
कांग्रेस के बचाव में उतरे सांसद, लेकिन दरार साफ
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर संसद में हो रही चर्चा पर कांग्रेस पार्टी के भीतर मची रार अब खुलकर सामने आ गई है। हालांकि, पार्टी के सांसद प्रमोद तिवारी ने बचाव करते हुए कहा कि चर्चा में बोलने वाले स्पीकर सीमित होते हैं और जो बोलेंगे वो कांग्रेस पार्टी का ही पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि सदन में बोलने वालों की लिस्ट से बहुत से लोग छूट गए हैं और मनीष तिवारी भी उनमें से एक हैं। उनका दावा है कि इसे लेकर कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है।
मनीष तिवारी के एक्स पोस्ट पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी पार्टी का बचाव किया। उन्होंने कहा, “मनीष तिवारी जिस दौर का गाना गा रहे हैं, वह उस भारत का गाना है, जब आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने अमेरिका को आंखें दिखाई थीं।”
वहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ‘भारत माता की जय‘ कहने वालों को बेंच पर बैठा देती है और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद‘ की भावना रखने वालों को बढ़ावा देती है।
कुल मिलाकर, इस घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी कांग्रेस के भीतर एक राय नहीं है और पार्टी लाइन से अलग राय रखने वालों के लिए अब जगह कम होती जा रही है।







