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CCTNS क्या है? जानें कैसे बदल रही है बिहार पुलिस की कार्यशैली और आपको क्या मिलेगा फायदा

Published On: July 29, 2025
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CCTNS क्या है? जानें कैसे बदल रही है बिहार पुलिस की कार्यशैली और आपको क्या मिलेगा फायदा
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बिहार में प्रौद्योगिकी-संचालित शासन (Technology-driven Governance) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, बिहार पुलिस (Bihar Police) ने राज्य भर के 968 पुलिस स्टेशनों को ‘अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम‘ यानी CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) परियोजना के तहत पूरी तरह से डिजिटल संचालन के साथ एकीकृत कर दिया है। इसका मतलब है कि अब इन पुलिस स्टेशनों में स्टेशन डायरी और एफआईआर (FIR) जैसी महत्वपूर्ण प्रविष्टियाँ सीधे CCTNS पोर्टल पर दर्ज की जा रही हैं, जिन्हें ICJS (Inter-operable Criminal Justice System) प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।

24×7 कंट्रोल रूम और CCTV से निगरानी

पुलिस मुख्यालय में एक अत्याधुनिक राज्य नियंत्रण कक्ष (State Control Room) स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे काम कर रहा है। यह कंट्रोल रूम निरंतर निगरानी और तकनीकी सहायता सुनिश्चित करता है, विशेष रूप से राज्य के बढ़ते सीसीटीवी नेटवर्क के लिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अब तक राज्य के 1,212 पुलिस स्टेशनों और चौकियों में CCTV कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं, और अतिरिक्त 176 स्थानों पर स्थापना का काम जारी है।

इस डिजिटल विस्तार का समर्थन करने के लिए, 373 नए बनाए गए या अपग्रेड किए गए पुलिस स्टेशनों को आवश्यक हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस किया जा रहा है। आपराधिक जांच विभाग (CID) ने भी 4,344 मोबाइल फोन और लैपटॉप खरीदे हैं, और 8,661 जांच अधिकारियों को एसएमएस सेवाओं के माध्यम से जोड़ा गया है।

जीरो FIR और डिजिटल पुलिसिंग का बढ़ता चलन

डिजिटल पहुंच और रियल-टाइम डेटा इंटीग्रेशन का प्रभाव अब जमीन पर भी दिखने लगा है। 1 जुलाई, 2024 और 27 जुलाई, 2025 के बीच, राज्य में कुल 1,378 जीरो एफआईआर (Zero FIRs) दर्ज की गईं, जो डिजिटल पहुंच में वृद्धि को दर्शाता है।

नागरिकों के लिए खुशखबरी: एक महीने में लॉन्च होगा ‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’

डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए, एक ‘सिटीजन सर्विस पोर्टल (Citizen Service Portal)‘ को एक महीने के भीतर लाइव करने की तैयारी है। इसका उद्देश्य जनता को सुलभ और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करना है। इस पोर्टल पर नागरिकों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएं मिलेंगी:

प्री-लॉगिन सेवाएं (बिना रजिस्ट्रेशन के उपलब्ध):

  • FIR की कॉपी तक पहुंच।
  • गोपनीय सुझाव या सूचना देना।
  • वांछित अपराधियों की जानकारी देखना।

पोस्ट-लॉगिन सुविधाएं (रजिस्ट्रेशन के बाद उपलब्ध):

  • खोई हुई संपत्ति की रिपोर्ट (Lost property reports)।
  • गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट (Missing person reports)।
  • घरेलू नौकर और किरायेदार का सत्यापन (Domestic help and tenant verification)।
  • ई-शिकायतें (E-complaints) दर्ज कराना।
  • वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण (Senior citizen registration)।
  • अज्ञात व्यक्तियों या शवों की जानकारी।
  • गिरफ्तार या वांछित व्यक्तियों का विवरण।

अधिकारियों का प्रशिक्षण और नई प्रणालियाँ

जिला-स्तरीय अधिकारियों, जिनमें एसपी और डीएसपी शामिल हैं, के लिए CCTNS की कार्यक्षमता और अभियोजन सेवाओं के साथ इसके एकीकरण पर प्रशिक्षण 18 और 25 जुलाई को पूरा हो चुका है। इसके अलावा, एक ई-समन प्रणाली (e-summon system) भी शुरू की जा रही है, जबकि पोस्टमॉर्टम और MLC (मेडिको-लीगल केस) मॉड्यूल का CCTNS के साथ सफल एकीकरण और परीक्षण पूरा हो चुका है।

1 जून से 28 जुलाई के बीच, राज्य भर में कुल 54,717 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो कानून प्रवर्तन और लोक सेवा वितरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता को रेखांकित करता है। यह कदम बिहार में पुलिसिंग को अधिक पारदर्शी, कुशल और नागरिक-अनुकूल बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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