कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के बीच की राजनीतिक खींचतान अब खुलकर सतह पर आ गई है और इसकी गूंज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में दोनों नेताओं के सहयोगियों के बीच एक मौखिक कहासुनी ने उस वक्त एक शर्मनाक और बदसूरत मोड़ ले लिया, जब एक अधिकारी ने दूसरे पर जूते से पीटने का सनसनीखेज आरोप लगाया।
यह मामला अब कर्नाटक कांग्रेस के भीतर चल रही गहरी गुटबाजी का प्रतीक बन गया है, जिसने पार्टी आलाकमान को भी असहज कर दिया है।
क्या है पूरा विवाद?
यह घटना उस समय प्रकाश में आई जब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के विशेष अधिकारी (Special Officer) एच आंजनेय ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सहायक आवासीय आयुक्त और विशेष अधिकारी सी मोहन कुमार पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया।
एच आंजनेय द्वारा दर्ज कराई गई औपचारिक शिकायत के अनुसार, दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस शुरू हुई, जो इतनी बढ़ गई कि सी मोहन कुमार ने आपा खो दिया और उन पर जूते से हमला कर दिया।
आपराधिक कार्रवाई की मांग
इस शर्मनाक घटना के बाद, एच आंजनेय ने रेजिडेंट कमिश्नर इमकोंगला जमीर के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और सी मोहन कुमार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई (Criminal Action) की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में पूरी घटना का विस्तार से वर्णन किया है और इसे अपने सम्मान और पद की गरिमा पर हमला बताया है। यह मामला अब सिर्फ दो अधिकारियों के बीच का झगड़ा नहीं रह गया है, बल्कि इसने कर्नाटक कांग्रेस के भीतर चल रही गहरी गुटबाजी को जगजाहिर कर दिया है।
सिद्धारमैया और शिवकुमार की खींचतान का नतीजा?
यह किसी से छिपा नहीं है कि कर्नाटक में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता और प्रभाव को लेकर एक शीत युद्ध चल रहा है। दोनों नेता खुद को राज्य में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा साबित करने की कोशिश में लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कर्नाटक भवन में हुई यह घटना दोनों नेताओं के बीच की इसी तनातनी का नतीजा है, जो अब उनके सहयोगियों और अधिकारियों के माध्यम से खुलकर सामने आ रही है।
इस घटना ने कांग्रेस आलाकमान के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है, जो पहले से ही कई राज्यों में आंतरिक कलह से जूझ रही है। अब यह देखना होगा कि पार्टी इस मामले में क्या कदम उठाती है और दोषी अधिकारी पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।