Eknath Khadse: महाराष्ट्र के पुणे से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पुणे पुलिस ने देर रात की एक बड़ी कार्रवाई में, पॉश खराडी इलाके में चल रही एक रेव पार्टी (Rave Party) पर छापा मारा। इस छापेमारी में सात लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता रोहिणी खडसे के पति और वरिष्ठ राजनेता एकनाथ खडसे के दामाद, प्रांजल खेवलकर भी शामिल हैं। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है और इस पर राजनीतिक तथा सार्वजनिक रूप से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
देर रात की बड़ी छापेमारी और भंडाफोड़
यह हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम “प्राइवेट हाउस पार्टी” की आड़ में खराडी में एक लॉज के अंदर एक फ्लैट में आयोजित किया जा रहा था। पुणे पुलिस को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर, क्राइम ब्रांच की एक टीम ने इस ठिकाने पर छापा मारा और पांच पुरुषों और दो महिलाओं को रंगे हाथ पकड़ा।
पुलिस द्वारा की गई तलाशी के दौरान, मौके से नशीले पदार्थ (ड्रग्स), हुक्का, और बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई। पुलिस ने पुष्टि की है कि मौके पर मौजूद सभी लोग ड्रग्स का सेवन कर रहे थे, हुक्का पी रहे थे और शराब का सेवन कर रहे थे। यह पूरी कार्रवाई इतनी तेजी से की गई कि किसी को भी भागने का मौका नहीं मिला।
मामले का राजनीतिक कनेक्शन और बढ़ता विवाद
इस केस में शक्तिशाली राजनीतिक परिवारों से करीबी तौर पर जुड़े प्रांजल खेवलकर का नाम आने से मामले के राजनीतिक मायने और भी गहरे हो गए हैं। प्रांजल खेवलकर, जो एनसीपी नेता रोहिणी खडसे के पति हैं, की गिरफ्तारी ने इस मामले को एक सामान्य ड्रग्स केस से कहीं ज्यादा बड़ा बना दिया है।
इस घटना के बाद, खेवलकर सहित सभी सात बंदियों पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस मामले में एक गहरी जांच चल रही है ताकि ड्रग्स के सप्लायरों और इस अवैध नेटवर्क के पूरे विस्तार का पता लगाया जा सके। सूत्रों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि यह पार्टी किसने आयोजित की थी और ड्रग्स कहां से लाए गए थे।
इस घटना ने एक बार फिर पुणे के संभ्रांत रिहायशी इलाकों में अवैध और नशीली दवाओं से भरी रेव पार्टियों के बढ़ते चलन को उजागर किया है, जिससे सुरक्षा, कानून प्रवर्तन और राजनीतिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।







