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Chittorgarh के श्री सांवलिया सेठ मंदिर में चाँदी का पिस्तौल और गोली चढ़ाने पहुंचा भक्त, जानिए क्यों

Published On: July 25, 2025
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Chittorgarh के श्री सांवलिया सेठ मंदिर में चाँदी का पिस्तौल और गोली चढ़ाने पहुंचा भक्त, जानिए क्यों
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राजस्थान (Rajasthan) के मेवाड़ क्षेत्र (Mewar Region) के कृष्णधाम (Krishnadham), जो चित्तौड़गढ़ जिले (Chittorgarh District) में स्थित है, के श्री सांवलिया सेठ मंदिर (Shri Sanwariya Seth Temple) में एक अनोखी श्रद्धा (Unique Devotion) देखने को मिली। एक भक्त (Devotee) ने मंदिर के श्री सांवलिया सेठ (Shri Sanwariya Seth) को आधा किलो चांदी (Half a Kilogram Silver) से बनी पिस्तौल (Pistol) और चांदी की गोली (Silver Bullet) अर्पित की। यह अनोखी भेंट (Unusual Gift) अब भक्तों और मंदिर दर्शनार्थियों (Temple Visitors) के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

श्रद्धा की पराकाष्ठा: ₹3500 का चढ़ावा, पर ये है असल कहानी!

हालांकि भक्त ने अपनी पहचान गुप्त (Identity Secret) रखी है, लेकिन यह अनोखा चढ़ावा (Unique Offering) निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित करने वाला है। चांदी की बंदूक का वजन लगभग 500 ग्राम है और इसे बेहद सटीकता (Great Precision) से तैयार किया गया है। मंदिर के प्रशासन (Administration) ने इस चढ़ावे को स्वीकार कर लिया है और इसे सुरक्षित रूप से मंदिर के खजाने (Temple’s Treasury) में रखवा दिया है।

मंदिर की मान्यताएं और अनोखी परंपराएं:

सांवलिया सेठ मंदिर बोर्ड (Sanwariya Temple Board) के अध्यक्ष जं.की दास वैष्णव (Jankidas Vaishnav) ने बताया कि मंदिर में हर महीने करोड़ों रुपये के चढ़ावे (Offerings Worth Crores of Rupees) आते हैं। यह मंदिर लाखों भक्तों (Millions of Devotees) के लिए आस्था का केंद्र (Centre of Faith) है। कुछ भक्त चांदी के घर (Silver Houses) चढ़ाते हैं, तो कुछ पेट्रोल पंप (Petrol Pumps), मोबाइल फोन (Mobile Phones), या फसलें (Crops) भी दान करते हैं। यह चढ़ावे की परंपरा सांवलिया सेठ के प्रति भक्तों की अगाध श्रद्धा को दर्शाती है।

विभिन्न व्याख्याएं: शक्ति, सुरक्षा या सिर्फ एक अनूठा भाव?

दर्शन करने आए भक्त इस अनोखे चढ़ावे से आश्चर्यचकित हैं और इसे विभिन्न तरीकों से व्याख्यायित (Interpreting) कर रहे हैं। कुछ इसे शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक (Symbol of Power and Protection) मानते हैं, तो कुछ इसे भक्ति का एक नया रूप (New Form of Devotion)। यह स्पष्ट है कि भक्त का इरादा केवल अपनी श्रद्धा व्यक्त (Expressing Faith) करना था, भले ही तरीका अनोखा हो।

चढ़ावा गिनती की प्रक्रिया:

सांवलिया सेठ मंदिर परिसर (Sanwariya Seth Temple Complex) में दान पेटी (Donation Box) को अमावस्या से एक दिन पहले, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (14th day of the dark fortnight) को खोला जाता है। इस दिन नकदी, सोना, चांदी के गहने, और अन्य चढ़ावों की गिनती (Counting) की जाती है। यदि गिनती चतुर्दशी को पूरी नहीं होती है, तो अमावस्या (New Moon Day) पर दर्शन करने आए भक्तों की मदद से गिनती जारी रहती है। केवल नकदी ही दान पेटी में डाली जाती है, जबकि सोना, चांदी के आभूषण और अन्य वस्तुएं मंदिर में भगवान सांवलिया सेठ के सामने अर्पित की जाती हैं।

यह घटना भारत की धार्मिक विविधता (Religious Diversity of India) और भक्ति की अभिव्यक्तियों (Expressions of Devotion) की अनूठी मिसाल पेश करती है, जहाँ श्रद्धालु अपनी आस्था को अलग-अलग तरीकों से व्यक्त करते हैं।

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