भारतीय ऊर्जा विनिमय (Indian Energy Exchange – IEX) के शेयरों में आज, 24 जुलाई 2025, को भारी गिरावट देखी गई। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (Central Electricity Regulatory Commission – CERC) द्वारा ‘पावर कपलिंग’ (Power Coupling) को डे-अहेड मार्केट (Day-Ahead Market – DAM) में लागू करने की मंजूरी के बाद, कंपनी के शेयरों में 5% की तेज गिरावट आई और वे निचले सर्किट (Lower Circuit) पर पहुँच गए। यह खबर निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, खासकर तब जब कंपनी ने हाल ही में Q1 FY26 के नतीजे (Q1 FY26 Results) जारी किए हैं।
शेयरों में 20% की भारी गिरावट का कारण:
रिपोर्टों के अनुसार, यह गिरावट नई विद्युत नियामक प्रणाली (New Power Regulatory System) के कार्यान्वयन (Implementation) के कारण आई है। इसके पहले चरण में, डे-अहेड मार्केट (DAM) को जनवरी 2026 तक कपल्ड (Coupled) किया जाएगा। इस प्रणाली में, सभी बिजली विनिमय (All Power Exchanges) ‘मार्केट कपलिंग ऑपरेटर्स’ (MCOs) के रूप में बारी-बारी से कार्य करेंगे, जो राउंड-रॉबिन व्यवस्था (Round-robin Arrangement) पर आधारित होगा।
‘पावर कपलिंग’ का मतलब और प्रक्रिया:
‘मार्केट कपलिंग’ एक ऐसी प्रणाली है जहाँ भारत की सभी बिजली एक्सचेंजों से खरीदे और बेचे जाने वाले बोलियां (Buy bids and Sell bids) एकत्रित (Aggregated) की जाती हैं और मिलान (Matched) की जाती हैं। इसका उद्देश्य एक समान बाजार क्लियरिंग मूल्य (Uniform Market Clearing Price – MCP) की खोज करना है। इसका अर्थ यह भी है कि किसी भी समय एक्सचेंजों के माध्यम से कारोबार की जाने वाली बिजली के लिए केवल एक ही मूल्य होगा।
आम उपभोक्ता पर असर और भविष्य की संभावनाएं:
यदि यह प्रणाली लागू होती है, तो सभी बिजली एक्सचेंज केवल खरीद और बिक्री बोलियां प्राप्त करने वाले प्लेटफॉर्म (Platform) के रूप में कार्य करेंगे, और बिजली खरीदारों को प्रेषित (Dispatched) की जाएगी। इस तंत्र का तत्काल (Immediate) रूप से अंतिम उपयोगकर्ता (End User) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन लंबे समय में (In the long run), यह उपभोक्ताओं के लिए समग्र बिजली टैरिफ (Overall Power Tariffs) को कम कर सकता है।
‘बिजली बाज़ार’ में नियम बदलने की कड़वाहट:
यह कदम भारतीय बिजली बाजार (Indian Power Market) में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। हालाँकि, इस तरह के एकीकरण (Integration) के नियामक और परिचालन संबंधी प्रभाव (Regulatory and Operational Impacts) का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने की आवश्यकता होगी।
शेयर बाजार में नकारात्मक प्रतिक्रिया:
‘एक्सचेंज फाइलिंग’ (Exchange Filing) के अनुसार, 24 जुलाई को IEX के शेयरों में लगभग 5% की गिरावट आई। यह गिरावट 52-हफ्ते के उच्च स्तर ₹2,074.95 से काफी नीचे थी। जबकि यह कदम ‘बेतहाशा खरीद’ (Aggressive Buying) और ‘नए तेजी के हित’ (Renewed Bullish Interest) का संकेत दे सकता है, लेकिन अल्पकालिक (Short-term) निवेशक बाजार की प्रतिक्रिया से चिंतित हो सकते हैं।
कंपनी के विश्लेषक और भविष्य का अनुमान:
‘लक्षमश्री इन्वेस्टमेंट’ (Lakshmishree Investment) के हेड ऑफ रिसर्च अंशुल जैन (Anshul Jain) के अनुसार, “Eternal Renewable (Eternal Renewable) ने 1,030 के ऊपर कंसोलिडेशन ज़ोन से ब्रेकआउट किया है, जिसमें वॉल्यूम 50-दिन EMA का 500% से अधिक बढ़ गया है – जो आक्रामक खरीदारी और नए बुलिश हित का एक मजबूत संकेत है।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ₹1,268 का अगला प्रतिरोध क्षेत्र (Resistance Zone) एक महत्वपूर्ण लक्ष्य हो सकता है।
यह घटना दर्शाती है कि नियामक परिवर्तन (Regulatory Changes) और बाजार की संरचना में बदलाव (Changes in Market Structure) कैसे स्टॉक की कीमतों (Stock Prices) को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि लंबी अवधि में ग्राहकों को कम बिजली बिल (Lower Power Tariffs) का लाभ हो सकता है, लेकिन अल्पकालिक में बाजार में अस्थिरता (Market Volatility) देखने को मिल सकती है। निवेशकों को ‘धैर्य’ (Patience) और ‘बाजार की निगरानी’ (Market Monitoring) के साथ आगे बढ़ना होगा।







