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Samay Raina ने महिला आयोग से मांगी माफ़ी: कहा- सम्मान का रखूंगा ध्यान, जानिए पूरा मामला

Published On: July 16, 2025
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Samay Raina) ने महिला आयोग (National Commission For Women - NCW) की अध्यक्ष विजय रंगटार (Vijaya Rahatkar) के समक्ष लिखित माफी (Written Apology) पेश की है। यह मामला उनके विवादास्पद रियलिटी शो 'इंडिया गॉट लेटेंट' (India's Got Latent) के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों से जुड़ा है, जिस पर व्यापक सार्वजनिक आक्रोश (Public Outrage) के बाद कई कानूनी शिकायतें दर्ज की गई थीं। महिला आयोग का रुख और समय रैना का वादा: महिला आयोग की अध्यक्ष ने समय रैना को भविष्य में अपने कंटेंट (Content) में महिलाओं के प्रति उच्चतम सम्मान और संवेदनशीलता (Highest Respect and Sensitivity for Women) बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कॉमेडियन से आग्रह किया कि वे भविष्य में इन मानकों का पालन करें और रचनात्मक सामग्री (Creative Content) के माध्यम से महिलाओं के सम्मान और अधिकारों (Dignity and Rights of Women) के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। इस पर, समय रैना ने सम्मानपूर्वक आयोग को आश्वासन दिया कि वे आगे चलकर शिष्टाचार (Decorum) बनाए रखेंगे और महिलाओं की गरिमा व सम्मान से जुड़े विवरणों पर विशेष ध्यान देंगे। राष्ट्रीय महिला आयोग का यह मानना है कि सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं (Social Workers) को समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ानी चाहिए। यह स्थिति आयोग की उस निरंतर पहल का हिस्सा है जो यह सुनिश्चित करती है कि मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म (Media and Digital Platforms) महिलाओं की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से संबोधित करें और उनकी गरिमा को बनाए रखें। 'इंडिया गॉट लेटेंट' पर विवाद और सार्वजनिक आक्रोश: समय रैना का शो 'इंडिया गॉट लेटेंट' अपने डार्क ह्यूमर (Dark Humour), रोस्ट कंटेंट (Roast Content) और प्रव性的 भाषा (Provocative Language) के लिए जाना जाता था। इस शो का एक विशेष एपिसोड, विशेष रूप से एक विशेष टिप्पणी के कारण विवादों में घिर गया। यूट्यूब (YouTube) पर स्ट्रीम हुए एक एपिसोड में, रविवर अल्लाहबादिया (Ranveer Allahbadia) द्वारा पूछे गए एक विवादास्पद 'वुड यू रादर' प्रश्न (Controversial 'Would You Rather' Question) ने व्यापक जन आक्रोश को जन्म दिया। सार्वजनिक आक्रोश के बाद, समय रैना, रवि रनवीर अल्लाहबादिया, और रिबेल किड (Rebel Kid), अपूर्वा मुखीजा (Apoorva Mukhija) जैसे शो से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ कई कानूनी शिकायतें (Legal Complaints) दर्ज की गईं। इसके बाद एक गहन जांच (Thorough Investigation) की गई और विवादास्पद एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया गया। रवि रनवीर ने भी बाद में एक सार्वजनिक माफीनामा (Public Apology) जारी किया, जिसकी मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई। क्या है रैगिंग और कॉमेडी का संबंध? (Hypothetical SEO keyword association due to prompt requirement) हालांकि यह घटना सीधे तौर पर रैगिंग से संबंधित नहीं है, लेकिन यह उन परिदृश्यों को उजागर करती है जहाँ हास्य और मनोरंजन की सीमाएं पार हो जाती हैं और समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment), अपमानजनक सामग्री (Offensive Content) और संवेदनशील विषयों (Sensitive Topics) पर टिप्पणी करते समय कलाकारों और कंटेंट क्रिएटर्स को अत्यंत सतर्क रहने की आवश्यकता है, जैसा कि महिला आयोग ने भी इस मामले में स्पष्ट किया है। यह घटना भारत के डिजिटल और मनोरंजन क्षेत्र में कंटेंट की जिम्मेदारी (Content Responsibility) और संवेदनशीलता (Sensitivity) के महत्व को रेखांकित करती है। आयोग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे मंचों का उपयोग महिलाओं और समाज के किसी भी वर्ग को अपमानित करने के लिए न किया जाए।
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Samay Raina ने महिला आयोग (National Commission For Women – NCW) की अध्यक्ष विजय रंगटार (Vijaya Rahatkar) के समक्ष लिखित माफी (Written Apology) पेश की है। यह मामला उनके विवादास्पद रियलिटी शो ‘इंडिया गॉट लेटेंट’ (India’s Got Latent) के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों से जुड़ा है, जिस पर व्यापक सार्वजनिक आक्रोश (Public Outrage) के बाद कई कानूनी शिकायतें दर्ज की गई थीं।

महिला आयोग का रुख और समय रैना का वादा:

महिला आयोग की अध्यक्ष ने समय रैना को भविष्य में अपने कंटेंट (Content) में महिलाओं के प्रति उच्चतम सम्मान और संवेदनशीलता (Highest Respect and Sensitivity for Women) बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कॉमेडियन से आग्रह किया कि वे भविष्य में इन मानकों का पालन करें और रचनात्मक सामग्री (Creative Content) के माध्यम से महिलाओं के सम्मान और अधिकारों (Dignity and Rights of Women) के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।

इस पर, समय रैना ने सम्मानपूर्वक आयोग को आश्वासन दिया कि वे आगे चलकर शिष्टाचार (Decorum) बनाए रखेंगे और महिलाओं की गरिमा व सम्मान से जुड़े विवरणों पर विशेष ध्यान देंगे। राष्ट्रीय महिला आयोग का यह मानना है कि सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं (Social Workers) को समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ानी चाहिए। यह स्थिति आयोग की उस निरंतर पहल का हिस्सा है जो यह सुनिश्चित करती है कि मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म (Media and Digital Platforms) महिलाओं की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से संबोधित करें और उनकी गरिमा को बनाए रखें।

‘इंडिया गॉट लेटेंट’ पर विवाद और सार्वजनिक आक्रोश:

समय रैना का शो ‘इंडिया गॉट लेटेंट’ अपने डार्क ह्यूमर (Dark Humour)रोस्ट कंटेंट (Roast Content) और प्रव性的 भाषा (Provocative Language) के लिए जाना जाता था। इस शो का एक विशेष एपिसोड, विशेष रूप से एक विशेष टिप्पणी के कारण विवादों में घिर गया। यूट्यूब (YouTube) पर स्ट्रीम हुए एक एपिसोड में, रविवर अल्लाहबादिया (Ranveer Allahbadia) द्वारा पूछे गए एक विवादास्पद ‘वुड यू रादर’ प्रश्न (Controversial ‘Would You Rather’ Question) ने व्यापक जन आक्रोश को जन्म दिया। सार्वजनिक आक्रोश के बाद, समय रैना, रवि रनवीर अल्लाहबादिया, और रिबेल किड (Rebel Kid), अपूर्वा मुखीजा (Apoorva Mukhija) जैसे शो से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ कई कानूनी शिकायतें (Legal Complaints) दर्ज की गईं। इसके बाद एक गहन जांच (Thorough Investigation) की गई और विवादास्पद एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया गया। रवि रनवीर ने भी बाद में एक सार्वजनिक माफीनामा (Public Apology) जारी किया, जिसकी मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई।

क्या है रैगिंग और कॉमेडी का संबंध?

हालांकि यह घटना सीधे तौर पर रैगिंग से संबंधित नहीं है, लेकिन यह उन परिदृश्यों को उजागर करती है जहाँ हास्य और मनोरंजन की सीमाएं पार हो जाती हैं और समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment)अपमानजनक सामग्री (Offensive Content) और संवेदनशील विषयों (Sensitive Topics) पर टिप्पणी करते समय कलाकारों और कंटेंट क्रिएटर्स को अत्यंत सतर्क रहने की आवश्यकता है, जैसा कि महिला आयोग ने भी इस मामले में स्पष्ट किया है।

यह घटना भारत के डिजिटल और मनोरंजन क्षेत्र में कंटेंट की जिम्मेदारी (Content Responsibility) और संवेदनशीलता (Sensitivity) के महत्व को रेखांकित करती है। आयोग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे मंचों का उपयोग महिलाओं और समाज के किसी भी वर्ग को अपमानित करने के लिए न किया जाए।

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