President Droupadi Murmu (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) ने सोमवार, 14 जुलाई 2025 को हरियाणा, गोवा और लद्दाख के लिए नए राज्यपालों और उपराज्यपालों की महत्वपूर्ण नियुक्तियों की घोषणा की है। इस फेरबदल के तहत, प्रोफेसर आशिम कुमार घोष (Professor Ashim Kumar Ghosh) को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जबकि पुस्पति अशोक गजपति राजू (Pusapati Ashok Gajapathi Raju) अब गोवा के राज्यपाल का पदभार संभालेंगे। साथ ही, कविंदर गुप्ता (Kavinder Gupta) को लद्दाख का नया लेफ्टिनेंट गवर्नर (Lieutenant Governor of Ladakh) नियुक्त किया गया है।
लद्दाख के एलजी बीडी मिश्रा का इस्तीफा स्वीकृत:
इन नियुक्तियों के साथ ही, राष्ट्रपति भवन ने लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर, ब्रिगेडियर (डॉ.) बीडी मिश्रा (रिटायर्ड) (Brig (Dr) BD Mishra (Retd)) का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। ब्रिगेडियर मिश्रा ने 12 फरवरी 2023 को अपना पदभार संभाला था, और उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद लद्दाख को नया नेतृत्व मिला है।
जानिए कौन हैं नए नियुक्त अधिकारी:
- कविंदर गुप्ता: लद्दाख के नए एलजी
कविंदर गुप्ता, जो बीडी मिश्रा का स्थान लेंगे, जम्मू और कश्मीर के एक वरिष्ठ भाजपा नेता (Senior BJP Leader from Jammu and Kashmir) हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के कार्यकाल के दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) के रूप में भी कार्य किया है। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन में एक मजबूत आधार प्रदान कर सकती है। - ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा: एक विस्तृत सैन्य पृष्ठभूमि
बीडी मिश्रा एक पूर्व ब्रिगेडियर (Former Brigadier) थे जिन्होंने भारतीय सेना (Indian Army) में अपनी सेवाएं दीं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), जिसे ब्लैक कैट कमांडो (Black Cat Commandos) के नाम से भी जाना जाता है, के काउंटर हाईजैक फोर्स के पूर्व कमांडर (Former Commander of the Counter Hijack Force) रहे हैं। 31 जुलाई 1995 को सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने 3 अक्टूबर 2017 को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल (Governor of Arunachal Pradesh) का पदभार ग्रहण किया था। बाद में, उन्हें 12 फरवरी 2023 को लद्दाख का लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त किया गया था, जब उन्होंने राधा कृष्णन माथुर (Radha Krishnan Mathur) का इस्तीफा स्वीकार किया था। लद्दाख के वे दूसरे उपराज्यपाल थे, जिन्होंने राधा कृष्णन माथुर के तीन साल के कार्यकाल (31 अक्टूबर 2019 से 11 फरवरी 2023) के बाद पद संभाला था।
नियुक्तियों का प्रभाव:
यह सभी नियुक्तियां उनके पद ग्रहण की तारीख से प्रभावी होंगी, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति भवन ने की है। राज्यपाल और उपराज्यपाल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं और इन नई नियुक्तियों से संबंधित क्षेत्रों के प्रशासन में नए सिरे से दिशा-निर्देश मिलने की उम्मीद है।
राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को नामांकित किया:
इसके साथ ही, राष्ट्रपति मुर्मू ने एक दिन पहले चार व्यक्तियों को राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए भी नामांकित किया है। इनमें पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Former Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla), लोक अभियोजक उज्ज्वल देओराव निकम (Public Prosecutor Ujjwal Deorao Nikam), वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर (Veteran Social Worker C Sadanandan Master), और प्रसिद्ध इतिहासकार मीनाक्षी जैन (Noted Historian Meenakshi Jain) शामिल हैं।
- हर्षवर्धन श्रृंगला: अपनी विशिष्ट कूटनीतिक यात्रा (Distinguished Diplomatic Career) के लिए जाने जाते हैं, वह संयुक्त राज्य अमेरिका और बांग्लादेश में भारत के राजदूत रह चुके हैं। उन्होंने जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया।
- उज्ज्वल देओराव निकम: यह वरिष्ठ वकील विशेष रूप से उच्च-प्रोफ़ाइल आपराधिक मामलों को संभालने के लिए जाने जाते हैं, जिसमें 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दोषी अजमल कसाब (Ajmal Kasab) का मुकदमा और 1993 के बॉम्बे विस्फोट मामला (1993 Bombay Blasts Case) शामिल है।
- सी. सदानंदन मास्टर: केरल के एक अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् (Social Worker and Educationist) हैं, जिन्होंने दशकों तक जमीनी स्तर पर सेवाएं दी हैं।
- मीनाक्षी जैन: एक प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद (Historian and Academic) हैं, जिन्हें भारतीय इतिहास और सभ्यता के अध्ययन में उनके योगदान के लिए पहचाना जाता है।
यह सभी नियुक्तियां और नामांकन देश की राजनीतिक और प्रशासनिक संरचनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं और राष्ट्रपति के अधिकारों एवं शक्तियों को दर्शाते हैं।