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8th Pay Commission: जुलाई में क्या हुआ फैसला, जानिए कब मिलेंगे 30-34% बढ़े हुए सैलरी और पेंशन के पैसे

Published On: July 12, 2025
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8th Pay Commission: जुलाई में क्या हुआ फैसला, जानिए कब मिलेंगे 30-34% बढ़े हुए सैलरी और पेंशन के पैसे
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8th Pay Commission: 11 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनभोगियों (Pensioners) को जल्द ही एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चल रही चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि वर्तमान 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होने वाला है। यदि सबकुछ योजना के अनुसार हुआ, तो नया आयोग लागू होने के बाद बेसिक वेतन (Basic Pay), भत्ते (Allowances), पेंशन (Pensions), और सेवानिवृत्ति लाभ (Retirement Benefits) में वृद्धि की उम्मीद है। इस वृद्धि के बारे में व्यापक अटकलें (Speculation) हैं, और यह सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) और पेंशनभोगियों के बीच काफी चर्चा का विषय है। क्या यह जनवरी 2026 से प्रभावी होगा, या इसमें देरी होगी?

एक हालिया एम्बिट कैपिटल (Ambit Capital) की रिपोर्ट (“8th Pay: Will it be bang for the buck?”) ने सुझाव दिया है कि 8वें वेतन आयोग से सरकारी वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि हो सकती है। लेकिन, ऐसा लगता है कि हम इसे वित्त वर्ष 2027 (FY27) तक क्रियान्वित (In Action) नहीं देख पाएंगे, यानी अप्रैल 2026 और मार्च 2027 के बीच। सरकारी वेतन वृद्धि (Government Salary Hike) की यह खबर लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत में वेतन आयोग (Pay Commission in India) का इंतजार हमेशा लम्बा होता है।

इस देरी का कारण यह है कि हालांकि केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा की थी, लेकिन जुलाई 2025 तक उन्होंने यह खुलासा नहीं किया है कि इसका अध्यक्ष (Chairman) कौन होगा, सदस्य (Members) कौन होंगे, या संदर्भ की शर्तें (Terms of Reference) क्या होंगी। आयोग की स्थापना से लेकर इसे वास्तव में लागू करने तक की पूरी प्रक्रिया में बहुत समय लगता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था, लेकिन यह केवल जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ। आयोग के सदस्यों के पास अपनी सिफारिशें (Recommendations) और रिपोर्ट (Reports) जमा करने के लिए 18 महीने थे, जिसकी केंद्र सरकार बाद में समीक्षा (Review) करती है और अंतिम अनुमोदन (Final Approval) देती है। यह सरकारी प्रक्रिया (Government Process) कितनी धीमी होती है, यह इन उदाहरणों से पता चलता है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संदीप बजाज (Sandeep Bajaj, Advocate, Supreme Court of India) के अनुसार, “8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन (Implementation), हालांकि औपचारिक रूप से जनवरी 2025 में घोषित किया गया था, एक मापा गति (Measured Pace) से आगे बढ़ रहा है। आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, और इसकी संदर्भ की शर्तों का अंतिम रूप (Finalisation of its Terms of Reference) जैसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर लंबित (Pending) हैं।” बजाज (Bajaj) ने आगे कहा कि ऐतिहासिक रूप से, वेतन आयोगों (Pay Commissions), जिनका कार्यकाल 10 वर्ष होता है, को आम तौर पर उनके गठन से लेकर वास्तविक रोलआउट (Actual Rollout) तक लगभग 2 साल लगते हैं। उस तर्क के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावनाएं बहुत दूर लगती हैं, जिसमें इसे 2027 तक बढ़ाने की प्रबल संभावना है।

बजाज के अनुसार, इसके कारणों में से एक यह है कि केंद्रीय बजट 2025-26 (Union Budget 2025-26) में 8वें वेतन आयोग के लिए कोई बजट आवंटन (Budgetary Allocations) की घोषणा नहीं की गई थी। एम्बिट कैपिटल (Ambit Capital) के डेटा से पता चलता है कि सरकार को वेतन और पेंशन में अनुमानित 30-34% की वृद्धि के लिए ₹1.8 ट्रिलियन (Rs 1.8 Trillion) की अतिरिक्त आवश्यकता होगी। बजाज (Bajaj) ने कहा, “8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के संबंध में प्रशासनिक गति (Administrative Momentum) की कमी है। हालांकि किसी भी अंतिम संशोधन को पिछली प्रभाव (Retrospectively Applied) से लागू होने की उम्मीद है, इसमें देरी से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (Central Government Employees and Pensioners) के बीच निराशा (Frustration) बढ़ सकती है, खासकर लगातार मुद्रास्फीति दबाव (Inflationary Pressures) के सामने।” यह सरकारी कर्मचारियों की मांग (Demands of Government Employees) और पेंशनभोगियों की चिंताएं (Pensioners’ Concerns) दिखाता है।

कार्यान्वयन में देरी का क्या होगा असर? बढ़ेंगे ऐरियर?

वेतन आयोग वेतन संरचना (Salary Structure), महंगाई भत्ता (Dearness Allowances – DA) जैसे भत्ते (Allowances), और अन्य लाभों (Benefits) की समीक्षा करते हैं और वृद्धि का प्रस्ताव करते हैं, ताकि कर्मचारियों के मुआवजे (Employee Compensations) को मुद्रास्फीति दबाव (Inflationary Pressures) और निजी क्षेत्र (Private Sector) के अनुरूप रखा जा सके।

इसके लिए, महंगाई भत्ता (DA) साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में संशोधित (Revised) किया जाता है। इसलिए, महंगाई भत्ते (DA) की वृद्धि संबंधित वर्ष के 1 जनवरी और 1 जुलाई से प्रभावी होती है। हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तुरंत अपना समायोजित मुआवजा (Adjusted Compensation) नहीं मिलता है। जनवरी में घोषित महंगाई भत्ते की वृद्धि के लिए, कर्मचारियों को आम तौर पर उस महीने तक का संचयी बकाया (Cumulative Arrears) मिल जाता है जब तक कि इसे वास्तव में लागू नहीं किया जाता, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल हो सकता है। इस साल की शुरुआत में भी, सरकार ने 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी मूल वेतन के 53% से 55% तक महंगाई भत्ता बढ़ाया था, लेकिन इसका भुगतान देर से किया गया था। इसी तरह, जुलाई में घोषित महंगाई भत्ते की वृद्धि के लिए, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आमतौर पर जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए बकाया या देय राशि अक्टूबर वेतन के साथ मिलती है, जो भारत के उत्सव के मौसम (Festive Season) के साथ भी मेल खाता है, जब लोग दशहरा (Dussehra) और दिवाली (Diwali) मनाते हैं।

यदि 8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन में और देरी (Further Pushed Back) होती है, तो सरकार के लिए बड़ेarrear भुगतान (Bigger Arrear Payments) हो सकते हैं। इसके अलावा, यह ध्यान में रखें कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें दिसंबर 2025 तक आने वाली हैं, और जबकि वे 2026 जनवरी से प्रभावी होंगी, उन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित (Approved) होने के बाद ही लागू किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन (Salary for Government Employees) और पेंशन भोगियों के लिए पेंशन (Pension for Pensioners) के संबंध में यह एक महत्वपूर्ण समयरेखा (Timeline) है।

रोहित जैन, मैनेजिंग पार्टनर, सिंघानिया एंड कंपनी (Rohit Jain, Managing Partner, Singhania & Co.) कहते हैं, “देरी नौकरशाही धीमी गति (Bureaucratic Slowdowns), वित्तीय बोझ (Financial Burden) पर चिंताओं का मिश्रण लगती है, जो लाखों में चल सकती है, और शायद कुछ राजनीतिक समय (Political Timing) भी। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए, इसका मतलब लगभग 30-34% की अपेक्षित वेतन और पेंशन वृद्धि (Expected Salary and Pension Hike) के लिए लंबे समय तक इंतजार करना है। अनिश्चितता समझ में आने वाली निराशाजनक है, लेकिन अगर वृद्धि आखिरकार बैकडेटेड (Backdated) होती है, तो बाद में कुछ बकाया राशि का भुगतान किया जा सकता है। हालांकि, अभी के लिए, सब कुछ हवा में है।**” यह टिप्पणी सरकारी कर्मचारियों की निराशा (Frustration of Government Employees) और बकाया राशि (Arrears) के मुद्दे पर प्रकाश डालती है।

एम्बिट कैपिटल (Ambit Capital) की रिपोर्ट के अनुसार, 50,000 रुपये के वर्तमान मूल वेतन और 2025 के अंत तक 60% तक पहुंचने की अनुमानित महंगाई भत्ता (DA) के साथ (वर्तमान 55% से एक और संभावित वृद्धि जुलाई में), वेतन में कम से कम 14% और सर्वोत्तम संभावित परिदृश्य (Best Possible Scenario) में 54% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 8वें वेतन आयोग के तहत है। यह वेतन वृद्धि का अनुमान (Salary Hike Estimate) भविष्य के वित्तीय योजना (Financial Planning) के लिए उपयोगी है।

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