Indian Share Market: भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) में आज, शुक्रवार, 11 जुलाई को भारी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी50 (Nifty50) और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex), जो भारत के मुख्य इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक (Equity Benchmark Indices) हैं, दोनों ही महत्वपूर्ण गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। दोपहर 12:12 बजे तक, निफ्टी50 25,151.60 पर था, जो 204 अंकों या 0.80% की गिरावट दर्शाता है। इसी तरह, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 82,482.31 पर था, जो 708 अंक या 0.85% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
यह गिरावट कई प्रमुख कारकों (Key Factors) से प्रभावित हुई है, जिसमें टीसीएस (TCS) के उम्मीद से कम वित्तीय परिणाम (Lower-than-Anticipated Financial Results), नए अमेरिकी टैरिफ (US Tariffs) के बाद बढ़ते व्यापार संघर्ष (Heightened Trade Conflicts) की चिंताएं, और रूसी प्रतिबंधों (Russian Sanctions) की आशंकाएं शामिल हैं। इन सबके चलते वैश्विक बाजार (Global Markets) में अनिश्चितता (Uncertainty) का माहौल बना हुआ है।
बीएसई सूचीबद्ध फर्मों (BSE-listed Firms) के संयुक्त बाजार मूल्य (Combined Market Value) में ₹3.03 लाख करोड़ की कमी आई है, जो घटकर ₹457.22 लाख करोड़ रह गया है, जैसा कि ईटी रिपोर्ट (ET Report) में बताया गया है। यह शेयर बाजार में आई गिरावट का पैमाना दर्शाता है। क्षेत्रीय प्रदर्शन (Sectoral Performance) में, निफ्टी आईटी इंडेक्स (Nifty IT Index) में मुख्य रूप से टीसीएस (TCS), इन्फोसिस (Infosys), और विप्रो (Wipro) शेयरों में गिरावट के कारण 1.6% की गिरावट दर्ज की गई। यह आईटी सेक्टर (IT Sector) के लिए एक चुनौतीपूर्ण दिन रहा।
ऑटोमोटिव (Automotive) और ऑयल एंड गैस सेक्टर (Oil & Gas Sectors) में 1% से अधिक की गिरावट आई, जबकि वित्तीय (Financial) और पीएसयू बैंक (PSU Bank) सूचकांकों (Indices) ने 0.5% से अधिक का नुकसान दर्ज किया। इसके अतिरिक्त, निफ्टी मिडकैप100 (Nifty Midcap100) और स्मॉलकैप100 इंडेक्स (Smallcap100 Indices) दोनों ने लगभग 1% की गिरावट दर्ज की। यह बताता है कि आज बाजार में चौतरफा गिरावट (Broad-based Decline) देखी गई है। भारतीय इक्विटी बाजार (Indian Equity Market) में निवेशकों का मूड (Investor Sentiment) फिलहाल नकारात्मक है।
आज शेयर बाजार क्यों गिर रहा है? मुख्य कारण जानें!
- टीसीएस का कमजोर तिमाही प्रदर्शन: राजस्व के मामले में टीसीएस के कमतर Q1FY26 प्रदर्शन के बाद व्यापक बाजार की भावना कमजोर हुई। कंपनी के नतीजे (Company’s Results) आने के बाद उसके शेयर 2.5% गिरकर ₹3,297 पर आ गए। शुद्ध लाभ में साल-दर-साल 6% की वृद्धि दर्ज करने के बावजूद, जो उम्मीदों से थोड़ा अधिक था, कंपनी के स्थिर मुद्रा राजस्व (Constant Currency Revenue) में साल-दर-साल 3.1% की कमी आई है। यह दिखाता है कि सिर्फ लाभ की वृद्धि से काम नहीं चलता, बल्कि आय में भी स्थायित्व आवश्यक है।वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता (Global Economic Uncertainty) के कारण ग्राहकों ने गैर-आवश्यक तकनीक निवेश (Non-essential Technology Investments) को टाल दिया है, जिससे वित्तीय विश्लेषकों (Financial Analysts) ने वित्त वर्ष 26 की आय का अनुमान (FY26 Earnings Projections) कम कर दिया है। इस नकारात्मक भावना (Negative Sentiment) ने पूरे आईटी सेक्टर (IT Sector) को प्रभावित किया, जिसमें इन्फोसिस, विप्रो, एलटीआईमिंडट्री (LTIMindtree), और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) जैसी कंपनियों में 1-3% की गिरावट देखी गई। नतीजतन, निफ्टी आईटी इंडेक्स (Nifty IT Index) में 2.1% की गिरावट दर्ज की गई। आईटी सेक्टर के शेयर (IT Sector Shares) आज दबाव में रहे।
- ट्रम्प की नई टैरिफ घोषणा से बाजार में हलचल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (US President Donald Trump) ने आगामी महीने में कनाडाई आयात (Canadian Imports) पर 35% टैरिफ (Tariff) लागू करने की योजनाओं का खुलासा किया, साथ ही अन्य महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों (Significant Trading Partners) पर संभावित 15%-20% टैरिफ भी लगाए जा सकते हैं। इस घोषणा ने बढ़ते व्यापार संघर्ष (Escalating Trade Conflict) के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिसका वैश्विक बाजार के आत्मविश्वास (Global Market Confidence) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।बाजारों ने तेजी से प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें नैस्डैक (Nasdaq) और एसएंडपी 500 फ्यूचर्स (S&P 500 Futures) में 0.4% की गिरावट आई, जो EUROSTOXX 50 फ्यूचर्स (EUROSTOXX 50 Futures) में समान गिरावट से मेल खाती है। ट्रम्प ने पहले सप्ताह में चर्चाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए कुछ टैरिफ को अगस्त 1 तक के लिए टाल दिया था, लेकिन बाद में जापान (Japan) और दक्षिण कोरिया (South Korea) सहित प्रमुख सहयोगियों (Key Allies) को प्रभावित करने वाले कर्तव्यों के दायरे को बढ़ा दिया। वैश्विक व्यापार युद्ध (Global Trade War) की आशंकाएं निवेशकों को डरा रही हैं।
- रूसी प्रतिबंधों की संभावना पर तेल बाजारों की प्रतिक्रिया: रूस (Russia) के बारे में आगामी घोषणा के संबंध में ट्रम्प के संकेत के बाद तेल मूल्यों (Oil Values) में वृद्धि हुई, जिससे अतिरिक्त प्रतिबंधों की अटकलें (Speculation about Additional Sanctions) तेज हो गईं। ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) $68.83 प्रति बैरल तक पहुंच गया, जबकि यूएस डब्ल्यूटीआई क्रूड (US WTI Crude) $66.81 पर आगे बढ़ा। आपूर्ति में प्रतिबंध (Restricted Supply) की संभावना ने तेल की कीमतों (Oil Prices) को ऊपर धकेल दिया, हालांकि ओपेक+ उत्पादन में विस्तार (Expanding OPEC+ Production) और लगातार व्यापार-संबंधी अस्पष्टता (Persistent Trade-Related Ambiguity) की चिंताओं से वृद्धि सीमित थी। अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार (International Oil Market) पर भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions) का प्रभाव पड़ रहा है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि द टाइम्स ऑफ इंडिया (The Times of India) द्वारा विशेषज्ञों (Experts) द्वारा दी गई सिफारिशों (Recommendations) और बाजार पर विचारों (Views on the Stock Market) का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। ये राय उनके अपने हैं। यह सिर्फ शेयर बाजार अपडेट (Share Market Update) है।