Cybersecurity: भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं (Cyber Defence Capabilities) को और मजबूत करने और एक कुशल साइबर सुरक्षा कार्यबल (Skilled Cybersecurity Workforce) के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) पिलानी ने हाल ही में एक समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding – MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस MoU का उद्देश्य सरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) और उद्योग (Industry) के पेशेवरों (Professionals) के लिए साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) में व्यावसायिक विकास कार्यक्रम (Professional Development Programs) शुरू करना है। यह सहयोग देश की डिजिटल सुरक्षा (Digital Security) को बढ़ाने के लिए अकादमिक-उद्योग-सरकार (Academia-Industry-Government) की तिकड़ी की ताकत को दर्शाता है।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70बी (Section 70B of the Information Technology Act, 2000) के तहत साइबर घटना प्रतिक्रिया (Cyber Incident Response) के लिए राष्ट्रीय एजेंसी (National Agency) के रूप में नामित, CERT-In घटना रोकथाम (Incident Prevention), वास्तविक समय के खतरे को कम करने (Real-time Threat Mitigation) से लेकर सुरक्षा गुणवत्ता प्रबंधन सेवाओं (Security Quality Management Services) के माध्यम से साइबर लचीलापन (Cyber Resilience) बढ़ाने तक, भारत की साइबर रक्षा रणनीति (India’s Cyber Defence Strategy) के मूल में है। डिजिटल इंडिया (Digital India) अभियान के तहत यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
MoU के तहत, BITS पिलानी द्वारा सरकारी, PSU और उद्योग के कार्यरत पेशेवरों (Working Professionals) के लिए डिज़ाइन किया गया साइबर सुरक्षा में आठ सप्ताह का व्यावसायिक विकास कार्यक्रम (Eight-Week Professional Development Program in Cybersecurity) लॉन्च किया गया है। यह कार्यक्रम डिजिटल खतरों (Digital Threats) के बढ़ते परिदृश्य में आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान करेगा।
यह कार्यक्रम BITS पिलानी (BITS Pilani) द्वारा अपने राष्ट्रीय सुरक्षा में अनुसंधान उत्कृष्टता केंद्र (Centre for Research Excellence in National Security – CRENS) के माध्यम से, हैदराबाद परिसर (Hyderabad Campus) में, अपने प्रौद्योगिकी भागीदार रैपिफ्यूज (Rapifuzz) के साथ, CERT-In के मार्गदर्शन (Guidance) और विशेषज्ञता (Mentorship) के तहत वितरित किया जाएगा। यह सहयोग साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए एक संरचित, उच्च-प्रभाव क्षमता निर्माण (Structured, High-Impact Capacity Building) की बढ़ती मांग को संबोधित करने का लक्ष्य रखता है, जो विकसित हो रहे डिजिटल खतरों (Evolving Digital Threats) और साइबर सुरक्षा चुनौतियों (Cybersecurity Challenges) के बीच एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है।
यह कार्यक्रम 19 जुलाई, 2025 से शुरू हो रहा है और डोमेन (Domains) के पार के पेशेवरों के लिए खुला है, जिसमें बिना कोडिंग अनुभव (Without Prior Coding Experience) वाले लोग भी शामिल हैं। सफलतापूर्वक पूरा होने पर, प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा में व्यावसायिक विकास प्रमाणपत्र (Professional Development Certificate in Cybersecurity) प्रदान किया जाएगा, जिसे CERT-In और BITS Pilani द्वारा सह-ब्रांड (Co-branded) किया जाएगा, जो अकादमिक कठोरता (Academic Rigour) और राष्ट्रीय संस्थागत मान्यता (National Institutional Recognition) दोनों को रेखांकित करता है।
भारत की साइबर लचीलापन (India’s Cyber Resilience) सिर्फ स्वदेशी तकनीक के उपयोग और विकास में ही नहीं, बल्कि एक जीवंत, उच्च कुशल प्रतिभा पूल (Vibrant, Highly Skilled Talent Pool) के विकास में भी निहित है, जो डिजिटल और क्वांटम युग (Digital and Quantum Era) की विकसित चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। CERT-In का BITS-Pilani के साथ सहयोग इस यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो पेशेवरों को अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञता (Cutting-Edge Cybersecurity Expertise) से लैस करने के लिए एक प्रयास है, साथ ही विकसित उद्योग की मांगों (Evolving Industry Demands) को अकादमिक उत्कृष्टता (Academic Excellence) के साथ जोड़ता है। साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण (Cybersecurity Training) का यह स्तर आज के डिजिटल युग में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
BITS पिलानी के ग्रुप वाइस-चांसलर (Group Vice-Chancellor, BITS Pilani) वी. रामगोपाल राव (V. Ramgopal Rao) ने कहा, “BITS पिलानी में, हम साइबर सुरक्षा को न केवल एक तकनीकी चुनौती के रूप में देखते हैं, बल्कि एक राष्ट्रीय प्राथमिकता (National Priority) के रूप में भी देखते हैं। यह कार्यक्रम हमारे अकादमिक-उद्योग-सरकार तिकड़ी (Academia-Industry-Government Triad) की ताकत को दर्शाता है, और हमें CERT-In के मार्गदर्शन में इसे पेश करने पर गर्व है।” यह शिक्षा और उद्योग के बीच तालमेल (Synergy between Education and Industry) पर जोर देता है।
प्रतिभागी प्रमुख विषयों में विशेषज्ञता (Expertise in Key Topics) हासिल करेंगे जैसे: साइबर खतरे और भेद्यताएं (Cyber Threats and Vulnerabilities); नेटवर्क सुरक्षा (Network Security) (फ़ायरवॉल, IDS/IPS, VPNs); सुरक्षित संचार और क्रिप्टोग्राफी (Secure Communication and Cryptography); साइबर सुरक्षा नीतियां, कानूनी ढाँचे और घटना प्रबंधन (Cybersecurity Policies, Legal Frameworks, and Incident Management); और उन्नत विषय (Advanced Topics) जिनमें क्लाउड (Cloud), मोबाइल (Mobile) और उन्नत लगातार खतरे (Advanced Persistent Threats – APTs)** शामिल हैं। यह एक व्यापक साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम (Comprehensive Cybersecurity Curriculum) है।
यह साझेदारी (Partnership) न केवल भारत की साइबर सुरक्षा (India’s Cybersecurity) को मजबूत करेगी बल्कि कुशल पेशेवरों (Skilled Professionals) की कमी को भी पूरा करेगी। भारत में करियर के अवसर (Career Opportunities in India), विशेष रूप से टेक सेक्टर (Tech Sector) में, इन कार्यक्रमों के माध्यम से और बढ़ेंगे। यह सरकारी-आधिकारिक सहभागिता (Government-Official Engagement) में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।