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 Indian Cricket Team: जब रवि शास्त्री ने DK से कहा ‘डॉन्ट बॉदर’, टेस्ट क्रिकेट से ऐसे हुई विदाई

Published On: July 9, 2025
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 Indian Cricket Team: जब रवि शास्त्री ने DK से कहा 'डॉन्ट बॉदर', टेस्ट क्रिकेट से ऐसे हुई विदाई
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 Indian Cricket Team: दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) और उनके करियर में वापसी (Comebacks) का एक लंबा रिश्ता रहा है। वह उन चुनिंदा भारतीय क्रिकेटरों (Indian Cricketers) में से हैं, जिन्होंने अपने करियर के विभिन्न चरणों में कई बार सफल वापसी (Staged Multiple Comebacks) की है। विकेटकीपर-बल्लेबाज (Wicketkeeper-Batter) के लिए कभी हार न मानना (Never Say Never) सिद्धांत रहा। जबकि उनकी अधिकांश वापसी काफी सफल रही, 2018 में आठ साल बाद उनकी टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में वापसी वैसी नहीं रही। अपने शानदार white-ball returns और घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) में तमिलनाडु (Tamil Nadu) के लिए बल्ले से लगातार रन बनाने के दम पर, कार्तिक ने नियमित स्टंपर (Regular Stumper) वृद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) के चोटिल होने के कारण टेस्ट टीम (Test Side) में वापसी की। यह घटना भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) के भीतर खिलाड़ियों के चयन और वापसी (Selection and Comeback) की जटिलताओं को उजागर करती है।

यह बताता है कि कैसे कुछ खिलाड़ी अपनी निरंतरता (Consistency) और दृढ़ता (Perseverance) के दम पर फिर से राष्ट्रीय टीम (National Team) में जगह बना सकते हैं। दिनेश कार्तिक का करियर (Dinesh Karthik’s Career) हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहा है।

लॉर्ड्स में कार्तिक का अंतिम टेस्ट मैच: रवि शास्त्री का चौंकाने वाला बयान!

उन्होंने तीन टेस्ट मैच खेले – घर पर अफगानिस्तान (Afghanistan) के खिलाफ एक और इंग्लैंड (England) में दो – और पांच पारियों (Five Innings) में सिर्फ 25 रन बनाए, जिसमें दो डक (Ducks) शामिल थे। बर्मिंघम (Birmingham) और लॉर्ड्स (Lord’s) में चार असफलताओं के बाद, भारत (India) ने तीसरे टेस्ट में युवा कीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को डेब्यू (Debut) कराने का फैसला किया। पंत चौथे टेस्ट (Fourth Test) में ओवल (Oval) में एक शतक (Century) जड़ते रहे, जिससे specialist keeper-batter के रूप में उनका स्थान cemented हो गया। यह पंत के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था और उन्होंने अपनी जगह टेस्ट टीम में मजबूती से बनाई।

उस 2018 के इंग्लैंड दौरे (England Tour) का दूसरा टेस्ट लॉर्ड्स (Lord’s) में कार्तिक का red-ball क्रिकेट (Red-Ball Cricket) में आखिरी मैच साबित हुआ। उन्होंने white-ball क्रिकेट में दो और वापसी की, लेकिन उनका टेस्ट करियर 2018 में समाप्त हो गया। कार्तिक ने 26 टेस्ट में 1025 रन बनाए। उनका एकमात्र शतक 2007 में मीरपुर (Mirpur) में बांग्लादेश (Bangladesh) के खिलाफ आया था।

सात साल बाद, कार्तिक (Karthik) एक बार फिर इंग्लैंड (England) में हैं, लेकिन इस बार, एक broadcaster (प्रसारक) के रूप में। लॉर्ड्स (Lord’s) में एंडरसन-तेंडुलकर ट्रॉफी (Anderson-Tendulkar Trophy) की तीसरी किस्त से पहले, कार्तिक ने उसी मैदान पर भारतीय सफेद जर्सी (Indian Whites) में अपनी अंतिम उपस्थिति (Final Appearance) को याद किया। यह क्रिकेट कमेंटेटर (Cricket Commentator) के रूप में उनके नए करियर को दर्शाता है।

स्काई स्पोर्ट्स (SKY Sports) के एक पॉडकास्ट (Podcast) के दौरान जिसमें कार्तिक, रवि शास्त्री (Ravi Shastri), नासिर हुसैन (Nasser Husain) और माइकल एथर्टन (Michael Atherton) शामिल थे, पिछले साल संन्यास ले चुके भारत के पूर्व कीपर-बल्लेबाज ने कहा कि तत्कालीन भारतीय मुख्य कोच (Indian Head Coach) रवि शास्त्री ने उन्हें बताया था कि वह ‘खत्म’ हो चुके हैं।

कार्तिक ने कहा, “मुझमें और नासिर में बहुत कुछ सामान्य नहीं है और मैं उसे ऐसे ही रखना चाहूंगा। वह लॉर्ड्स में समाप्त हुआ। मैं लॉर्ड्स में समाप्त हुआ। एकमात्र अंतर यह था कि वह गया और कोच के दरवाजे खटखटाए, यह कहते हुए कि मुझे लगता है कि मैं खत्म हो चुका हूं। मेरे मामले में, कोच आए और कहा, ‘अगले टेस्ट में आने की जहमत मत उठाओ, तुम खत्म हो चुके हो,’” जिसके बाद पैनलिस्ट (Panellists) ने जोर से हंसी (Hearty Laughs) में फट पड़े।

शास्त्री (Shastri), जो कार्तिक के ठीक बगल में बैठे थे, ने 40 वर्षीय कार्तिक के कंधों पर टैप (Tapped on His Shoulders) किया। यह दिखाता है कि दोनों के बीच एक casual और frank (स्पष्ट) रिश्ता था।

नासिर हुसैन की रिटायरमेंट स्टोरी और ‘घातक’ सलाह!

कार्तिक की टिप्पणियाँ इंग्लैंड (England) के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (Nasser Hussain) द्वारा 2004 में अपने संन्यास (Retirement) की कहानी सुनाने के बाद आईं। हुसैन (Hussain) ने न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ लॉर्ड्स (Lord’s) में उस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में एक शतक (Century) बनाया, जिसने इंग्लैंड के सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक, एंड्रयू स्ट्रॉस (Andrew Strauss) का भी डेब्यू चिह्नित किया।

हुसैन ने कहा, “मुझे पता था कि मैं जा चुका हूं। स्ट्रॉस उस खेल में आए, और माइकल वॉन (Michael Vaughan) चोटिल थे। मैं अपने पुराने कोच, डंकन फ्लेचर (Duncan Fletcher) के पास गया, मैंने उनके साथ चार साल काम किया था। मैंने उनके दरवाजे खटखटाए और कहा, ‘डंक, कल मेरा आखिरी दिन होगा।’ इस उम्मीद में कि डंकन कहेंगे, ‘नास, तुम काफी अच्छा खेल रहे हो,’ लेकिन उन्होंने कहा, ‘नहीं, कल तुम्हारा आखिरी दिन होगा।’ मैंने कहा, ‘धन्यवाद, कोच।’

“स्ट्रॉस (Strauss) को बहुत सारे रन मिल रहे थे; ऐसा लग रहा था कि वह दोनों पारियों में शतक लगाएंगे। मैंने उन्हें रन आउट करवा दिया। मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से एक दूसरी छोर पर था। मैंने कवर (Covers) से मारा, शतक लगाया। हमने न्यूजीलैंड को हराया। यह जाने का एक decent तरीका है। वॉन वापस आ गए। स्ट्रॉस, हमें पता था, एक शानदार टेस्ट क्रिकेटर (Superb Test Cricketer) थे, “हुसैन ने आगे कहा। यह किस्सा दिखाता है कि कैसे क्रिकेटर अपनी शर्तों पर संन्यास (Retire on Their Own Terms) लेना पसंद करते हैं, या कम से कम अपने भाग्य को स्वीकार (Accept Their Fate) करते हैं।

यह क्रिकेट के खेल (Game of Cricket) में पेशेवर चुनौतियों (Professional Challenges) और निजी संघर्षों (Personal Struggles) को दर्शाता है। भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) और इंग्लैंड क्रिकेट (England Cricket) के बीच rivalry (प्रतिद्वंद्विता) हमेशा से रही है।

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