Indian American: सबीह खान (Sabih Khan), एक भारतीय अमेरिकी (Indian American) techie, को एप्पल इंक (Apple Inc.) का नया मुख्य परिचालन अधिकारी (Chief Operating Officer – COO) नियुक्त किया गया है। खान, जो तीन दशकों से अमेरिकी tech behemoth (टेक दिग्गज) से जुड़े हुए हैं, इस महीने के अंत में जेफ विलियम्स (Jeff Williams) के बाद सीओओ (COO) का पद संभालेंगे। वह वर्तमान में कंपनी के उपराष्ट्रपति (Vice-President) हैं। यह खबर टेक जगत (Tech World) और भारत-अमेरिकी समुदाय (Indian-American Community) के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो यह दर्शाती है कि भारतीय प्रतिभाएं वैश्विक स्तर पर कैसे अपनी छाप छोड़ रही हैं।
यह नियुक्ति न केवल सबीह खान के व्यक्तिगत करियर (Personal Career) में एक मील का पत्थर (Milestone) है, बल्कि एप्पल की वैश्विक रणनीति (Apple’s Global Strategy) और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) के संचालन में भी उनके महत्वपूर्ण योगदान (Significant Contribution) को मान्यता देती है।
एप्पल के सीईओ टिम कुक (Apple CEO Tim Cook) ने सबीह खान की प्रशंसा की, उन्हें “एक शानदार रणनीतिकार (Brilliant Strategist) और एप्पल की आपूर्ति श्रृंखला के केंद्रीय वास्तुकार (Central Architects of Apple’s Supply Chain)” कहा। कुक ने आगे कहा, “सबीह दिल और मूल्यों के साथ नेतृत्व करते हैं, और मुझे पता है कि वह एक असाधारण मुख्य परिचालन अधिकारी बनेंगे। उन्होंने यह सुनिश्चित करने में मदद की कि एप्पल वैश्विक चुनौतियों (Global Challenges) के जवाब में चुस्त रह सके।” यह दिखाता है कि कैसे एप्पल अपने प्रमुख पदों पर योग्य और अनुभवी व्यक्तियों को नियुक्त करके अपनी भविष्य की रणनीति को मजबूत कर रहा है। एप्पल इंडिया (Apple India) के ग्राहकों के लिए यह खबर एक संकेत हो सकती है कि भविष्य में कंपनी की परिचालन दक्षता में और सुधार होगा।
विलियम्स इस साल के अंत में अपनी सेवानिवृत्ति (Retirement) तक कंपनी के लिए काम करना जारी रखेंगे, डिजाइन टीम (Design Team) और एप्पल वॉच डिवीजन (Apple Watch Division) का प्रबंधन करेंगे।
कौन हैं सबीह खान? मुरादाबाद से एप्पल COO तक का सफर!
सबीह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad, Uttar Pradesh) में हुआ था, और 10 साल की उम्र में सिंगापुर (Singapore) चले गए थे। वहां, उन्होंने टफट्स यूनिवर्सिटी (Tufts University) में दाखिला लिया और अर्थशास्त्र (Economics) और मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) में स्नातक की डिग्री (Bachelor’s Degree) हासिल की। उन्होंने बाद में रेंससेलायर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट (Rensselaer Polytechnic Institute) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री (Master’s Degree) हासिल की। यह उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि (Educational Background) को दर्शाता है।
- वह जीई प्लास्टिक (GE Plastics), अब सबिक (SABIC), में शामिल हुए और एक एप्लिकेशन डेवलपमेंट (Application Development) और key account technical leader के रूप में काम किया।
- 1995 में, उन्होंने एप्पल (Apple) के साथ काम करना शुरू किया। tech company में अपने 30 साल के कार्यकाल (30-Year Stint) के दौरान, उन्होंने एप्पल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 2019 में, वह संचालन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (Senior Vice President of Operations) बने और ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग (Green Manufacturing) के आपूर्तिकर्ताओं (Suppliers) के साथ गठबंधन (Alliances) बनाने के प्रभारी थे, जिससे ग्रह संरक्षण (Planet Conservation Measures) उपायों में मदद मिली। यह उनकी पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता (Commitment to Environment) को भी दर्शाता है।
- नियोजन (Planning), खरीद (Procurement), विनिर्माण (Manufacturing), लॉजिस्टिक्स (Logistics) और उत्पाद पूर्ति संचालन (Product Fulfillment Operations) के प्रबंधन के अलावा, खान उत्पाद गुणवत्ता (Product Quality) के प्रभारी रहे हैं। वह एप्पल के आपूर्तिकर्ता जिम्मेदारी पहल (Supplier Responsibility Initiatives) के helm पर भी रहे हैं जो दुनिया भर में विनिर्माण स्थलों (Manufacturing Sites) पर कर्मचारियों (Employees) को सुरक्षा और शिक्षित करते हैं।
पहले, कुक ने खान की सराहना की थी कि उन्होंने एप्पल के कार्बन फुटप्रिंट (Carbon Footprint) को 60 प्रतिशत से अधिक कम कर दिया है। उन्होंने उल्लेख किया कि 59 वर्षीय ने एप्पल के विनिर्माण को बेहतर बनाने और अमेरिका (USA) में इसका विस्तार करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों (New Technologies) और अत्याधुनिक तरीकों (Cutting-Edge Methods) की शुरुआत की। यह सबीह खान की नेतृत्व क्षमता (Leadership Skills) और एप्पल में उनके प्रभाव को उजागर करता है। ग्लोबल सीईओ (Global CEO) कुक का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है।
यह नियुक्ति भारतीय डायस्पोरा (Indian Diaspora) के लिए गर्व का एक बड़ा स्रोत है और यह दर्शाता है कि वैश्विक कंपनियों में शीर्ष नेतृत्व के पदों पर भारत से कितनी प्रतिभाएं पहुंच रही हैं। भारतीय सीईओ (Indian CEOs) और टेक लीडर्स (Tech Leaders) अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार और प्रौद्योगिकी (International Business and Technology) को आकार दे रहे हैं।