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Three-language policy: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज और उद्धव ठाकरे को दी यूपी-बिहार आने की खुली चुनौती, बोले- पटखनी देकर मारेंगे

Published On: July 7, 2025
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Three-language policy: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज और उद्धव ठाकरे को दी यूपी-बिहार आने की खुली चुनौती, बोले- पटखनी देकर मारेंगे
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Three-language policy: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने सोमवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उनके चचेरे भाई तथा शिवसेना (यूबीटी) (Shiv Sena – UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में हिंदी भाषी (Hindi-Speaking People) लोगों पर हाल ही में हुए हिंसक हमलों (Violent Attacks) को लेकर तीखा हमला (Blazing Attack) बोला। दुबे ने उन्हें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), बिहार (Bihar) या तमिलनाडु (Tamil Nadu) आकर वही करने की चुनौती (Dare) दी, जो उन्होंने महाराष्ट्र में किया है। यह हमला भारतीय राजनीति (Indian Politics) में भाषा और क्षेत्रीयता (Language and Regionalism) के मुद्दे को एक बार फिर गरमा दिया है।

ठाकरे भाइयों के उत्तर भारतीय लोगों (North Indian People) पर हमलों के संबंध में दुबे ने कहा, “यूपी, बिहार या तमिलनाडु आओ। तुम्हें पटक-पटक के मारेंगे।” यह बयान राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कथित हमलों के संदर्भ में दिया गया है, जिन्होंने महाराष्ट्र में काम करने वाले उत्तर भारतीय मजदूरों और विक्रेताओं पर कथित तौर पर हमला किया था क्योंकि वे मराठी (Marathi) बोलने में असमर्थता व्यक्त कर रहे थे।

निशिकांत दुबे ने समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) से बात करते हुए राज (Raj) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर अपना हमला जारी रखा और कहा, “मैं उन्हें माहीम दरगाह (Mahim Dargah) जाने और किसी भी उर्दू भाषी व्यक्ति पर हमला करने की चुनौती देता हूं, जैसा उन्होंने हाल ही में एक हिंदी भाषी विक्रेता के साथ किया था।” यह चुनौती उन राजनीतिक ताकतों के बीच गहरे विभाजन को दर्शाती है जो क्षेत्रीय गौरव और भाषाई पहचान को लेकर टकराव में हैं। महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद (Hindi-Marathi Dispute in Maharashtra) हमेशा से संवेदनशील रहा है।

मराठी भाषा पर हमला: वायरल वीडियो और तीन भाषा नीति का विवाद

हाल के हफ्तों में, कुछ वीडियो (Videos) सामने आए और सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हो गए, जिनमें एमएनएस कार्यकर्ता (MNS Workers) उत्तर भारतीय मजदूरों (North Indian Labourers) और विक्रेताओं (Vendors) पर हमला करते हुए दिखाई दिए जब उन्होंने महाराष्ट्र की मूल भाषा (Native Language) मराठी (Marathi) में बात करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की।

उत्तर भारतीयों के खिलाफ हमला की ये घटनाएं देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सरकार द्वारा एक सप्ताह पहले राज्य में तीन भाषा नीति (Three-Language Policy) को वापस लेने के बाद हुई हैं। राज (Raj) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस नीति को “हिंदी थोपने” (Hindi Imposition) वाला कदम बताया था और इसका कड़ा विरोध किया था। इस घटनाक्रम ने राज ठाकरे की राजनीति (Raj Thackeray’s Politics) को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

बीजेपी के गोड्डा (Godda) सांसद दुबे (Dubey) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और टाटा ग्रुप (Tata Group) जैसे शीर्ष व्यापारिक समूहों (Top Business Conglomerates) का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र बिहार (Bihar), झारखंड (Jharkhand) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) जैसे हिंदी भाषी राज्यों से generated money (पैसा) पर चलता है, और कहा कि वे वहां बड़े उद्योग (Huge Industries) स्थापित करते हैं और महाराष्ट्र को कर (Taxes) का भुगतान करते हैं।

दुबे ने यह भी जोड़ा, “आपके राज्य में कोई उद्योग (Industries) नहीं है। आप ज्यादा कर उत्पन्न (Generate Much Tax) नहीं करते हैं। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में खदानें (Mines) हैं। गुजरात (Gujarat) में भी कुछ उद्योग हैं। आपके पास क्या है?” दुबे ने इन हमलों को “सस्ते कृत्य” (Cheap Acts) बताया। यह महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था (Maharashtra’s Economy) में उत्तर भारतीय राज्यों के योगदान पर एक गंभीर बहस शुरू करता है।

राज ठाकरे का ‘छुप कर मारो’ बयान और सियासी बवाल

दुबे (Dubey) का यह तीखा हमला राज ठाकरे (Raj Thackeray) द्वारा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह कहने के बाद आया है कि “यदि कोई अनावश्यक ड्रामा (Unnecessary Drama) करता है तो लोगों के कान के नीचे मारो, लेकिन इसका वीडियो न बनाओ।” उन्होंने कहा, “यदि आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो (Video) न बनाएं। पिटने वाले व्यक्ति को यह बताने दें कि उसे पीटा गया है; आपको सभी को बताने की जरूरत नहीं है।” इस बयान ने पुलिस कार्यवाही (Police Action) और मीडिया कवरेज (Media Coverage) पर सवाल उठाए हैं, और इसे हिंसा को बढ़ावा (Inciting Violence) देने के रूप में देखा जा रहा है।

इस बीच, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) (Shiv Sena – Eknath Shinde) के नेता योगेश कदम (Yogesh Kadam) ने निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के बयान पर आपत्ति जताई और कहा, “ऐसा अहंकार काम नहीं करेगा। हम ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वह एक सांसद (Parliamentarian) हैं। उन्होंने चार कार्यकाल जीते हैं, लेकिन ऐसे बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता।

हिंदी भाषी विक्रेता पर हमला: एक वायरल घटना!

पिछले हफ्ते, मुंबई के मीरा रोड (Mira Road, Mumbai) इलाके में एक दुकानदार (Shopkeeper) पर एमएनएस (MNS) कार्यकर्ताओं द्वारा हमला (Assaulted) किया गया था, जब उसने कथित तौर पर मराठी बोलने से इनकार कर दिया था – यह घटना कैमरे में कैद (Caught on Camera) हो गई थी और तब से वायरल हो गई है।

दुकानदार के मराठी (Marathi) में बातचीत करने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद, दो एमएनएस (MNS) कार्यकर्ताओं को उसे थप्पड़ मारते हुए देखा गया जबकि वह जवाब देने के लिए संघर्ष कर रहा था। एक अन्य व्यक्ति को गाली देते हुए और उसे चेतावनी देते हुए सुना जा सकता है कि उसे इलाके में व्यवसाय चलाने की अनुमति (Not Allowed to Run a Business) नहीं दी जाएगी।

इस घटना ने राज्य (State) और पूरे देश (Across the Country) में एक बड़ा राजनीतिक slugfest (राजनीतिक घमासान) छेड़ दिया, जिसमें कई नेताओं ने इस कृत्य की निंदा की और कार्रवाई की मांग की। हालांकि, एमएनएस ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, “यदि कोई मराठी भाषा का अपमान (Insults the Marathi Language) करता है, तो एमएनएस इसी तरह जवाब देगा।” यह घटना कानून और व्यवस्था (Law and Order) और क्षेत्रीय पहचान (Regional Identity) पर राष्ट्रीय बहस को तेज करती है।

राज-उद्धव ठाकरे की जुगलबंदी (Tango): हिंदी थोपने के खिलाफ!

शनिवार को, उद्धव (Uddhav) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने दो दशकों में पहली बार राज्य में “हिंदी थोपने” (Hindi-imposition) के खिलाफ अपनी “विजय रैली” (Victory Rally) के दौरान मंच साझा किया, जब राज्य सरकार ने तीन भाषा नीति को वापस ले लिया था। यह महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार (Thackeray Family) की एकता और उनके साझा राजनीतिक विरोध (Political Opposition) का एक बड़ा संकेत था।

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली एमएनएस (MNS) तीन भाषा सूत्र (Three-Language Formula) का विरोध करने में सबसे आगे रही है। पार्टी ने शनिवार को मुंबई में नीति के खिलाफ एक बड़े विरोध प्रदर्शन (Major Protest) की भी योजना बनाई थी, जिसमें महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्कूलों (Schools) में हिंदी (Hindi), अंग्रेजी (English) और मराठी (Marathi) के शिक्षण (Teaching) को अनिवार्य किया गया था।

इस बीच, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बाद में स्पष्ट किया कि वह “हिंदी विरोधी” (Anti-Hindi) नहीं हैं, बल्कि मराठी भाषी राज्य में “हिंदी थोपने” के खिलाफ (Against Hindi-Imposition) हैं। यह बताता है कि महाराष्ट्र में भाषा नीति (Language Policy) हमेशा से एक ज्वलंत मुद्दा रही है, और यह वर्तमान राजनीतिक माहौल में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। महाराष्ट्र राजनीति (Maharashtra Politics) और भारतीय राष्ट्रवाद (Indian Nationalism) में यह एक अहम विकास है।

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