कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Netaji Subhas Chandra Bose International Airport – NSCBIA), कोलकाता ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में असाधारण वित्तीय प्रदर्शन (remarkable financial performance) करते हुए अपना अब तक का उच्चतम राजस्व और लाभ दर्ज किया है, जो 2019-20 के प्री-पेंडेमिक स्तरों को भी पार कर गया है। इस अभूतपूर्व पुनरुद्धार (resurgence) ने कोलकाता को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा संचालित हवाई अड्डों में अग्रणी स्थान पर ला खड़ा किया है। यह हवाई अड्डा न केवल पूर्वी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक उत्प्रेरक (critical economic catalyst) के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी (regional connectivity) के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में भी स्थापित हो रहा है। यह सफलता व्यापक आर्थिक सुधार (broader economic recovery) और टिकाऊ शहरी पारिस्थितिक तंत्र (sustainable urban ecosystems) बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे में रणनीतिक निवेश को दर्शाती है।
चेन्नई एयरपोर्ट को पीछे छोड़ा, मुनाफे में 79% की बढ़ोतरी:
कोलकाता हवाई अड्डे द्वारा 2023-24 में ₹670 करोड़ का लाभ दर्ज करना, इसकी मजबूत परिचालन दक्षता (robust operational efficiency) और रणनीतिक महत्व का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह लाभ चेन्नई एयरपोर्ट के ₹282 करोड़ के लाभ से लगभग ढाई गुना अधिक है। ₹1,578.6 करोड़ के राजस्व (revenue) ने भी चेन्नई के राजस्व को 30% तक पीछे छोड़ दिया। हवाई अड्डा निदेशक प्रभात रंजन बेउरिया (Pravat Ranjan Beuria) ने बताया कि पिछले वर्ष के 2019-20 के ₹545 करोड़ के शिखर की तुलना में लाभ में 23% की वृद्धि हुई है, और 2025-26 तक लाभ 1,000 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है। यह वित्तीय मजबूती भविष्य के विकास और इस प्रमुख शहरी संपत्ति की स्थिरता के लिए आवश्यक आगे के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए महत्वपूर्ण पूंजी प्रदान करती है।
राजस्व के नए स्रोत: यातायात शुल्क से आगे
हवाई अड्डे के राजस्व का लगभग 79% हिस्सा यातायात-संबंधित शुल्कों से आता है, जिसमें फ्लाइट लैंडिंग, टेक-ऑफ और पार्किंग शामिल हैं। जहां यह घटक अपनी ऊपर की ओर ऊर्ध्वगामी प्रवृत्ति (upward trajectory) जारी रखे हुए है, वहीं हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से अपने राजस्व के स्रोतों में विविधता लाने (diversifying its revenue streams) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसका लक्ष्य अगले दशक के भीतर गैर-यातायात राजस्व (non-traffic revenue) को 25-30% तक बढ़ाना है। इस विविधीकरण प्रयास में खुदरा (retail), विज्ञापन (advertising), और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियां (commercial activities) शामिल हैं, जो एक अधिक लचीले और टिकाऊ व्यापार मॉडल (resilient and sustainable business model) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह शहर के आसपास के क्षेत्रों की व्यापक आर्थिक सेहत में भी योगदान देता है और हवाई अड्डा संचालन से समान लाभ सुनिश्चित करता है।
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यातायात का मिश्रण:
हवाई अड्डे ने खुद को एक महत्वपूर्ण घरेलू पारगमन केंद्र (domestic transit hub) के रूप में मजबूती से स्थापित किया है, विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी भारत से और वहां की उड़ानों के लिए। हालांकि अंतरराष्ट्रीय यातायात वर्तमान में कुल यातायात राजस्व का केवल लगभग 15% है, घरेलू यात्री फुटफॉल में वृद्धि (domestic passenger footfall) पहले ही प्री-कोविड स्तरों को पार कर गई है, जो हवाई यात्रा की मजबूत आंतरिक मांग को दर्शाती है। प्रति उड़ान औसत यात्री संख्या में वृद्धि, जो 2024 में 146 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, अधिक कुशल विमान उपयोग और हवाई यात्रा आत्मविश्वास में मजबूत सुधार का संकेत देती है। यह कनेक्टिविटी विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों और सेवाओं तक लैंगिक-तटस्थ पहुंच (gender-neutral access) को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
पर्यावरण के अनुकूल संचालन और बुनियादी ढांचा निवेश:
इसके अलावा, कोलकाता हवाई अड्डे की पर्यावरण-अनुकूल संचालन (eco-friendly operations) के प्रति प्रतिबद्धता ने इसकी वित्तीय व्यवहार्यता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy), विशेष रूप से सौर ऊर्जा (solar power) को अधिक अपनाने की भूमिका परिचालन खर्चों को कम करने में महत्वपूर्ण रही है। स्थायी ऊर्जा स्रोतों की ओर यह रणनीतिक बदलाव न केवल वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ संरेखित होता है, बल्कि अन्य शहरी अवसंरचना परियोजनाओं के लिए भी एक मिसाल कायम करता है, जिससे भारतीय शहरों के लिए शून्य शुद्ध कार्बन भविष्य (zero net carbon future) की ओर बढ़ा जा सके। ₹329 करोड़ की एयरसाइड क्षमता वृद्धि (airside capacity enhancement) और ₹247 करोड़ की एटीसी टावर (ATC Tower) सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा निवेश, वृद्धि की बाधाओं के प्रबंधन और भविष्य की परिचालन दक्षता व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं।
कोविड के बाद का मजबूत पुनरुद्धार:
वित्तीय वर्ष 2020 में ₹193.7 करोड़ के अस्थायी नुकसान के बावजूद, कोलकाता हवाई अड्डे की अगले वित्तीय वर्ष में ₹145.3 करोड़ के लाभ में तेजी से वापसी उल्लेखनीय लचीलापन (remarkable resilience) प्रदर्शित करती है। वर्तमान प्रक्षेपवक्र, टर्मिनल (₹109 करोड़) और एक घरेलू कार्गो टर्मिनल (₹299 करोड़) के लिए चल रहे क्षमता विस्तार से प्रेरित है, जो NSCBIA को न केवल एक लाभदायक इकाई के रूप में स्थापित करता है, बल्कि कोलकाता और व्यापक पूर्वी क्षेत्र के लिए समावेशी विकास और सतत शहरी विकास (inclusive growth and sustainable urban development) के एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में भी स्थान देता है। इसका निरंतर विकास एक संपन्न, आपस में जुड़े और पर्यावरण के प्रति जागरूक शहर को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रदर्शन भारत, अमेरिका और यूके के एविएशन सेक्टर के लिए एक सकारात्मक मिसाल पेश करता है।