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Rajasthan Birth Certificate New Rules: राजस्थान में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव, जानें पूरी प्रक्रिया

Published On: July 1, 2025
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Rajasthan Birth Certificate New Rules: राजस्थान में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव, जानें पूरी प्रक्रिया
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उदयपुर, राजस्थान: राजस्थान के आम नागरिकों के लिए एक बहुत ही राहतभरी खबर सामने आई है, जिससे नवजात शिशुओं के जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) बनवाने की प्रक्रिया अब काफी सरल और सुगम हो गई है। देश भर में भारत सरकार द्वारा लागू की गई इस नई व्यवस्था के तहत, अब लोगों को जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल के माध्यम से, अब माता-पिता को नवजात शिशु के अस्पताल से डिस्चार्ज (Discharge) होने से पहले ही उसका जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त हो सकेगा। यह एक क्रांतिकारी कदम है जो लोगों के समय और श्रम दोनों की बचत करेगा।

क्या हैं नए निर्देश? सरकार का महत्वपूर्ण फैसला

देश भर में इस नई और सरल व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्रीय स्तर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, अब बच्चे के जन्म के बाद, जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) के लिए लंबी आवेदन प्रक्रिया या बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रणाली जन्म प्रमाण पत्र पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल देगी

  • अस्पताल से सीधे प्रमाण पत्र: अब अस्पताल में ही बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा और जैसे ही माता-पिता को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा, उसी समय उन्हें यह प्रमाण पत्र सौंप दिया जाएगा। इससे उन्हें प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए बाद में कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
  • डिजिटल डिलीवरी: यदि किसी कारणवश प्रमाण पत्र अस्पताल से सीधे प्राप्त नहीं हो पाता है, तो पंजीकरण के समय माता-पिता द्वारा दिए गए पंजीकृत मोबाइल नंबर के वॉट्सएप (WhatsApp) पर जन्म प्रमाण पत्र की एक डिजिटल कॉपी भेज दी जाएगी। यह डिजिटल कॉपी भी उतना ही वैध होगा जितना कि भौतिक प्रमाण पत्र।
  • सख्ती से पालना का आदेश: संयुक्त निदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग व जिला पंजीयक (मृत्यु एवं पंजीयन), उदयपुर, पुनीत शर्मा के अनुसार, जारी किए गए निर्देशों का स्कूलों और संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों में सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

जन्म प्रमाण पत्र का महत्व और सरकारी प्रयास

जन्म प्रमाण पत्र आज के समय में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है। यह बच्चे की नागरिकता, आयु और पहचान का प्रमाण होता है। स्कूल में प्रवेश से लेकर कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने तक, जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है। सरकार की यह पहल सुनिश्चित करेगी कि हर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र समय पर और आसानी से बन सके, जिससे वे भविष्य में किसी भी सरकारी प्रक्रिया में पीछे न रहें।

यह व्यवस्था जन्म पंजीकरण (Birth Registration) को भी अधिक प्रभावी बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी जन्म बिना पंजीकृत हुए न रहे। यह न केवल प्रशासनिक सुविधा है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

आमजन को मिलेगी बड़ी राहत:

सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटना कई बार थकाऊ और समय लेने वाला काम हो सकता है, खासकर नए माता-पिता के लिए जो अपने नवजात शिशु की देखभाल में व्यस्त होते हैं। इस नई व्यवस्था से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। घर बैठे या अस्पताल से डिस्चार्ज होते समय ही प्रमाण पत्र मिल जाने से न केवल उनका समय बचेगा, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होगा। यह ‘ईज ऑफ लिविंग’ (Ease of Living) की दिशा में सरकार का एक सराहनीय प्रयास है।

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