Rajasthan Gutka Sales: राजस्थान के डूंगरपुर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जो आपको चौंका सकती है और सोचने पर मजबूर कर सकती है। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर लोगों का ध्यान एक गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया है – वह है गुटखा (Gutka) सेवन की लत और इसका प्रचलन। उनकी इस पोस्ट के बाद से यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
सांसद का चौंकाने वाला दावा: रोज 1 करोड़, साल का 360 करोड़ का गुटखा सेवन!
सांसद राजकुमार रोत ने अपनी फेसबुक पोस्ट में डूंगरपुर जिले में गुटखा सेवन के चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा किया है। उनके अनुसार, जिले के लोग एक दिन में लगभग 1 करोड़ रुपये का और पूरे साल में करीब 360 करोड़ रुपये का गुटखा खा जाते हैं। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह तंबाकू और नशे के बढ़ते प्रचलन के प्रति प्रशासन की गंभीरता पर भी सवाल उठाता है।
अपनी पोस्ट में सांसद रोत ने एक प्रमुख गुटखा कंपनी के विज्ञापन की टैगलाइन पर कटाक्ष करते हुए लिखा, “इसके दाने-दाने में कैंसर का दम है”। इस मार्मिक टिप्पणी के माध्यम से, उन्होंने न केवल गुटखा के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले घातक दुष्प्रभावों को उजागर किया, बल्कि लोगों से इसे खाना बंद करने की अपील भी की। उन्होंने यह भी कहा कि गुटखा एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे शरीर को खत्म कर देता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हकीकत: छोटी दुकानों से बिक रहा है धड़ल्ले से गुटखा
सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के अपने भ्रमण के दौरान, उन्हें गुटखे के इस बढ़ते चलन का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। उन्होंने डूंगरपुर जिले के एक गांव में एक छोटी सी किराना दुकान पर बड़ी संख्या में लटके हुए गुटखे के पाउच देखे। जब उन्होंने दुकानदार से बिक्री के बारे में पूछताछ की, तो दुकानदार ने बताया कि वह अकेले ही एक दिन में करीब 1200 रुपये के गुटखे बेच देता है।
सांसद रोत के अनुसार, एक ग्राम पंचायत में औसतन 25 से 30 छोटी-बड़ी दुकानें ऐसी होती हैं जहाँ धड़ल्ले से गुटखे बेचे जाते हैं। डूंगरपुर जिले में कुल 353 ग्राम पंचायतें हैं, जिनकी गणना के अनुसार, इस प्रकार की दुकानों की कुल संख्या साढ़े 8 हजार से भी अधिक हो जाती है। यदि प्रत्येक दुकान पर प्रतिदिन 1200 रुपये की औसत बिक्री का आंकड़ा लगाया जाए, तो जिले में गुटखे की कुल बिक्री प्रतिदिन एक करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है, और सालाना यह आंकड़ा लगभग 360 करोड़ रुपये तक पहुँच जाता है।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप: BAP चलाएगा जन-जागरण अभियान
सांसद राजकुमार रोत ने प्रशासन पर गुटखे की बिक्री को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम न उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर जिले में गुटखे का खुला और धड़ल्ले से बिकना इस बात का प्रमाण है कि इस गंभीर मुद्दे पर प्रशासन की ओर से उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए, भारत आदिवासी पार्टी (BAP) अब जिले में गुटखे के प्रचलन को कम करने और लोगों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए एक जन-जागरण अभियान (Public Awareness Campaign) चलाने की योजना बना रही है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को गुटखा सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों, विशेष रूप से कैंसर के खतरे के प्रति शिक्षित करना और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा।
गुटखा सेवन के घातक परिणाम:
यह याद दिलाना महत्वपूर्ण है कि गुटखा सेवन के गंभीर स्वास्थ्य परिणाम होते हैं। इसमें मौजूद तंबाकू और अन्य रसायन मुंह के कैंसर (Oral Cancer), गले के कैंसर (Throat Cancer) और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। यह केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी विनाशकारी है।