---Advertisement---

Char Dham Yatra: उत्तराखंड में अभी भी भारी बारिश का अलर्ट, चारधाम यात्रा पर नज़र, जानें क्या हैं सुरक्षा निर्देश

Published On: June 30, 2025
Follow Us
Char Dham Yatra: उत्तराखंड में अभी भी भारी बारिश का अलर्ट, चारधाम यात्रा पर नज़र, जानें क्या हैं सुरक्षा निर्देश
---Advertisement---

Char Dham Yatra: ताजा ख़बरों के अनुसार, उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन (Landslide) के कारण बाधित हुई चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) फिर से शुरू हो गई है। सोमवार को 24 घंटे के लिए लगाई गई रोक हटा दी गई है। यह घटना रविवार को उत्तराखंड के बड़कोट (Barkot) के पास एक घातक भूस्खलन के बाद हुई थी, जिसने यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित (Temporarily Halted) कर दिया था।

मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बाद यात्रा पर लगी थी रोक!

संबंधित अधिकारियों (Officials in the Know-How) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी रेड अलर्ट (Red Alert) के कारण तीर्थयात्रियों की सुरक्षा (Pilgrim Safety) को ध्यान में रखते हुए यात्रा को पहले निलंबित कर दिया गया था। इस बारे में पुष्टि करते हुए, गढ़वाल के संभागीय आयुक्त विनय शंकर पांडे (Garhwal Divisional Commissioner Vinay Shankar Pandey) ने एएनआई समाचार एजेंसी (ANI News Agency) को बताया, “चारधाम यात्रा पर 24 घंटे का प्रतिबंध हटा दिया गया है।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग (Yatra Route) पर मौजूद जिलाधिकारियों (District Magistrates) को मौसम की स्थिति की निगरानी करने और यदि आवश्यक हो तो अपने-अपने क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, पर यात्रा पर बनी रही अनिश्चितता!

यह ध्यान देने योग्य है कि इसी दौरान बद्रीनाथ धाम के कपाट (Portals Of Badrinath Dham) भी भव्य समारोहों के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे, लेकिन चारधाम यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की घटना ने एक बार फिर यात्रा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी थीं।

उत्तराखंड में कहां और कैसे हुआ भूस्खलन? जानें घटना का विवरण!

जिस घटना के कारण यात्रा को निलंबित करना पड़ा था, वह रविवार को उत्तरकाशी जिले (Uttarkashi District) में बड़कोट-यमुनोत्री सड़क पर सिलाई बैंड (Silai Band) के पास हुए क्लाउड बर्स्ट (Cloud Burst) के कारण हुआ। इस क्लाउड बर्स्ट से एक भीषण भूस्खलन हुआ। उत्तरकाशी पुलिस ने रिपोर्ट किया है कि क्लाउड बर्स्ट यमुनोत्री नेशनल हाईवे (Yamunotri National Highway) पर पालिगढ़ (Paligad) से लगभग 4 किमी आगे हुआ था।

सड़क की मरम्मत कार्य जोरों पर: यात्रा मार्ग अब हुआ सुगम!

रिपोर्टों के अनुसार, सड़क की मरम्मत का काम तुरंत शुरू कर दिया गया था और शनिवार तक, सिलाई बैंड से पहले क्षतिग्रस्त सड़क के हिस्से को ठीक कर लिया गया था। उत्तरकाशी जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य (Uttarkashi District Magistrate Prashant Arya) ने पुष्टि करते हुए कहा, “जिले की बड़कोट-यमुनोत्री सड़क पर सिलाई बैंड से पहले क्लाउड बर्स्ट के कारण हुआ वाटरशेड ठीक कर लिया गया है और सड़क को सुचारू बना दिया गया है, जबकि दूसरे वाटरशेड को सुचारू बनाने का काम जारी है।” उन्होंने 33 KV पावर लाइन की बहाली की भी पुष्टि की, जबकि 11 KV लाइन पर मरम्मत का काम अभी जारी है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा अपडेट के अनुसार, संपर्क मार्गों की बहाली राहत की खबर है।

खोज और बचाव कार्य जारी: भारी बारिश से अब भी खतरा!

इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस और राजस्व विभागों (Revenue Departments) की टीमों द्वारा खोज और बचाव अभियान (Search and Rescue Operations) जारी हैं। अब तक हुई मौतों में मारे गए लोगों की पहचान 43 वर्षीय केवल बिष्ट (Kewal Bisht) के रूप में हुई है, जो नेपाल के राजपुर जिले (Rajapur district of Nepal) के रहने वाले थे, और 55 वर्षीय दुजे लाल (Duje Lal) के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit, Uttar Pradesh) के रहने वाले थे। भूस्खलन में हताहतों की सूची बेहद दुखद है।

IMD का रेड अलर्ट जारी: उत्तराखंड के इन जिलों में अभी भी बारिश का खतरा!

खराब मौसम के लगातार खतरे को देखते हुए, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के कई जिलों, जिनमें उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग (Rudraprayag), देहरादून (Dehradun), टिहरी (Tehri), पौड़ी (Pauri), हरिद्वार (Haridwar), और नैनीताल (Nainital) शामिल हैं, के लिए 29 और 30 जून को रेड अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियात के तौर पर यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित करने का कदम उठाया था।

हालांकि यात्रा मार्ग अब फिर से खुल गया है, अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है और सलाह दी है कि वे पवित्र यात्रा पर आगे बढ़ने से पहले स्थानीय सलाहों (Local Advisories) और मौसम अलर्ट (Weather Alerts) से अवगत रहें, क्योंकि यह यात्रा नाजुक हिमालयी क्षेत्र (Fragile Himalayan Terrain) से होकर गुजरती है। उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान के अनुसार सतर्कता आवश्यक है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now