UPSC: सिविल सेवा परीक्षा, जिसे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित किया जाता है, भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। लाखों युवा हर साल इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन कुछ ही उम्मीदवार इस कठिन परीक्षा को उत्तीर्ण कर पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही असाधारण युवा महिला अधिकारी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपनी बुद्धिमत्ता से लाखों को प्रेरित किया है, बल्कि अपनी सुंदरता से भी सभी का मन मोह लिया है। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली IAS अनन्या सिंह की।
IAS अनन्या सिंह का सफल जीवन एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे समर्पण, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से कठिन लक्ष्यों को भी हासिल किया जा सकता है। अनन्या ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृहनगर, प्रयागराज के प्रतिष्ठित सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की। अपनी शिक्षा के प्रति उनकी गंभीरता स्कूली दिनों से ही स्पष्ट थी। उन्होंने 10वीं कक्षा में 96% अंक प्राप्त किए, जो उनकी शैक्षणिक क्षमता का प्रमाण था। बारहवीं कक्षा में उन्होंने 98.25% अंक हासिल करके सभी को चकित कर दिया और दोनों ही कक्षाओं में, CBSE बोर्ड की टॉपर रहीं, डिस्ट्रिक्ट टॉपर बनकर उन्होंने अपनी मेधा का लोहा मनवाया।
यह उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन अनन्या के लिए उच्च शिक्षा के द्वार खोलता रहा। उन्होंने दिल्ली के प्रसिद्ध श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से अर्थशास्त्र (Economics) में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। यह वह समय था जब कई छात्र अपने करियर की दिशा तय करने में व्यस्त थे, लेकिन अनन्या सिंह ने एक अलग रास्ता चुना। अपने ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष के दौरान ही, उन्होंने भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा – सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) की तैयारी शुरू करने का साहसिक निर्णय लिया। यह निर्णय उनके दृढ़ संकल्प और देश की सेवा करने की गहरी इच्छा को दर्शाता है।
UPSC की तैयारी के लिए अनन्या सिंह प्रतिदिन लगभग 6 घंटे का समय समर्पित करती थीं। उनकी रणनीति केंद्रित और व्यवस्थित थी। बिना किसी कोचिंग संस्थान के मार्गदर्शन के, केवल स्व-अध्ययन (self-study) के माध्यम से उन्होंने इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की। साल 2019 में, अपने पहले ही प्रयास में, अनन्या सिंह ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया 51वीं रैंक हासिल करके एक असाधारण उपलब्धि दर्ज की। उनकी इस शानदार सफलता के फलस्वरूप, उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) कैडर आवंटित किया गया, जिससे उनका बचपन का सपना साकार हुआ।
IAS अनन्या सिंह की कहानी उन सभी युवा भारतीयों के लिए एक शक्तिशाली संदेश देती है जो सिविल सेवाओं में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि निरंतर प्रयास, प्रभावी अध्ययन तकनीक और अटूट विश्वास के साथ, कोई भी युवा न केवल इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर सकता है, बल्कि शीर्ष रैंक हासिल कर सकता है। उनकी बुद्धिमत्ता और उनके समर्पण ने उन्हें लाखों लोगों के लिए एक आदर्श बनाया है।